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Rajasthan assembly: चिकित्सा मंत्री की दो टूक...स्थानांतरण के बाद नई जगह करना होगा ज्वाइन, वरना रुकेगी सैलरी

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को एक सवाल के जवाब में बोलते हुए चिकित्सा मंत्री ने साफ कहा कि जिस चिकित्सक (doctors will have to join new place after transfer) और नर्सिंग स्टाफ का स्थानांतरण होता है, उसे नई जगह ज्वाइन करना होगा. ऐसा नहीं करने वाले लोगों की सैलरी रोक दी जाएगी.

doctors will have to join new place after transfer,  salary will stop
विधानसभा में बोलते चिकित्सा मंत्री.
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Published : Mar 7, 2022, 3:26 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 11:18 PM IST

जयपुर. प्रदेश के कई जिले विशेषज्ञ चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मी की कमी से जूझ रहे हैं. चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की कमी को लेकर विधायक भी अक्सर विधानसभा में सवाल लगाते हैं. इस बीच एक परेशानी यह भी बनी रहती है कि कई जगह चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी स्थानांतरण के बाद ज्वाइन नहीं करते. वे अपनी पुरानी जगह ही राजनीतिक अप्रोच से जमे रहे हैं. लेकिन सोमवार को विधानसभा में मंत्री परसादी लाल मीणा (Medical minister Parsadi Lal Meena said in Rajasthan assembly) ने साफ कर दिया कि जो भी चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी जिनका स्थानांतरण हो गया है, उन्हें नई जगह ज्वाइन करना होगा.

उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टर्स (doctors will have to join new place after transfer) या नर्सिंग स्टाफ की सैलरी तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह ज्वाइन नहीं कर लेते हैं. मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि हम इस मामले में सख्ती कर रहे हैं. भले ही ऐसे लोगों की नौकरी जाती हो तो चली जाए. लेकिन एक्सेस में काम कर रहे डॉक्टर को अपनी जगह ज्वाइन करना होगा. दरअसल विधानसभा में अनूपगढ़ के स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पदों को लेकर सवाल लगा था. इसपर नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि राजस्थान में ये बड़ी समस्या है, कई विधायक दुखी हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती.

पढ़ेंः Rajasthan VidhanSabha Today: विधानसभा में आज चर्चा के बाद पारित होंगे ये विधेयक

इस पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि यह सरकार के लिए भी चिंता का विषय हैं. हमने एक्सेस पर लगे डॉक्टरों पर प्रतिबंध लगाया है. अगर कोई ज्वाइन नहीं करेगा तो उसकी सेलेरी रोकी जाएगी. ऐसे लोगों की नोकरी भी चाली जाए तो जाए. लेकिन जहां ड्यूटी लगेगी,वहां ज्वाइन करना पड़ेगा. मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है. अगर आपने ये फैसला सख्ती से लागू कर सकें तो राजस्थान की जनता दुआएं देगी.

पढ़ेंः SPECIAL : डूंगरपुर की बेहाल मेडिकल व्यवस्था...स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के 50 पद खाली, सिर्फ 4 कार्यरत

प्रशासनिक स्वीकृति मिलती तो फिर वित्तीय क्यों नही?: राजस्थान विधानसभा में बीकानेर, सीकर ,श्रीगंगानगर जिले में डिग्गी की अनुदान राशि को लेकर सवाल लगा. नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि उद्यान विभाग में सामुदायिक जल स्रोत चारों जिलों में जो भी 24 स्वीकृत किए थे. इनकी स्वीकृति तो आपने दे दी. लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं दी. फॉर्म अकाउंट में भी वित्तीय स्वीकृति नहीं दे पाए. ऐसी क्या अड़चन रही है? कि वित्तीय स्वीकृति नहीं दे पा रहे. इसके जवाब में मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जुलाई से भारत सरकार ने बैंक बदल दिया है. भारत सरकार ने अब बैंक ऑफ बड़ौदा में पैसा देना शुरू कर दिया है, इसी के चलते परेशानी आ रही है.

जयपुर. प्रदेश के कई जिले विशेषज्ञ चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मी की कमी से जूझ रहे हैं. चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की कमी को लेकर विधायक भी अक्सर विधानसभा में सवाल लगाते हैं. इस बीच एक परेशानी यह भी बनी रहती है कि कई जगह चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी स्थानांतरण के बाद ज्वाइन नहीं करते. वे अपनी पुरानी जगह ही राजनीतिक अप्रोच से जमे रहे हैं. लेकिन सोमवार को विधानसभा में मंत्री परसादी लाल मीणा (Medical minister Parsadi Lal Meena said in Rajasthan assembly) ने साफ कर दिया कि जो भी चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी जिनका स्थानांतरण हो गया है, उन्हें नई जगह ज्वाइन करना होगा.

उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टर्स (doctors will have to join new place after transfer) या नर्सिंग स्टाफ की सैलरी तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह ज्वाइन नहीं कर लेते हैं. मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि हम इस मामले में सख्ती कर रहे हैं. भले ही ऐसे लोगों की नौकरी जाती हो तो चली जाए. लेकिन एक्सेस में काम कर रहे डॉक्टर को अपनी जगह ज्वाइन करना होगा. दरअसल विधानसभा में अनूपगढ़ के स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पदों को लेकर सवाल लगा था. इसपर नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि राजस्थान में ये बड़ी समस्या है, कई विधायक दुखी हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती.

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इस पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि यह सरकार के लिए भी चिंता का विषय हैं. हमने एक्सेस पर लगे डॉक्टरों पर प्रतिबंध लगाया है. अगर कोई ज्वाइन नहीं करेगा तो उसकी सेलेरी रोकी जाएगी. ऐसे लोगों की नोकरी भी चाली जाए तो जाए. लेकिन जहां ड्यूटी लगेगी,वहां ज्वाइन करना पड़ेगा. मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है. अगर आपने ये फैसला सख्ती से लागू कर सकें तो राजस्थान की जनता दुआएं देगी.

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प्रशासनिक स्वीकृति मिलती तो फिर वित्तीय क्यों नही?: राजस्थान विधानसभा में बीकानेर, सीकर ,श्रीगंगानगर जिले में डिग्गी की अनुदान राशि को लेकर सवाल लगा. नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि उद्यान विभाग में सामुदायिक जल स्रोत चारों जिलों में जो भी 24 स्वीकृत किए थे. इनकी स्वीकृति तो आपने दे दी. लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं दी. फॉर्म अकाउंट में भी वित्तीय स्वीकृति नहीं दे पाए. ऐसी क्या अड़चन रही है? कि वित्तीय स्वीकृति नहीं दे पा रहे. इसके जवाब में मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जुलाई से भारत सरकार ने बैंक बदल दिया है. भारत सरकार ने अब बैंक ऑफ बड़ौदा में पैसा देना शुरू कर दिया है, इसी के चलते परेशानी आ रही है.

Last Updated : Mar 7, 2022, 11:18 PM IST

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