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Special: कोविड-19 संक्रमण प्रदेश के चिकित्सा महकमे के लिए बना था मुश्किल चुनौती, बीते 9 महीने में इस तरह हुआ सुविधाओं का विस्तार

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Published : Dec 10, 2020, 1:39 PM IST

राजस्थान में कोरोना केस की संख्या 2 लाख 85 हजार 627 हो गई है. चिकित्सा विभाग का दावा है कि बीते 9 महीने में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी की गई है. महामारी के दौरान करीब 30 से 40% सुविधाओं का विस्तार अस्पतालों में किया गया है. वहीं ICU, वेंटीलेटर बेड की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में कोरोना से लड़ने के लिए राजस्थान कितना तैयार है, पढ़िए ये स्पेशल खबर....

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
कोरोना से जंग में राजस्थान कितना तैयार

जयपुर. राजस्थान में कोरोना केस की संख्या (COVID-19 cases in Rajasthan) बढ़कर करीब 2 लाख 85 हजार 627 पहुंच गई है. राजस्थान कोविड-19 संक्रमण का पहला केस 2 मार्च को सामने आया था. राजस्थान में जब पहला संक्रमण का मामला देखने को मिला तो उस समय चिकित्सा विभाग के पास इस बीमारी से निपटने के लिए किसी भी तरह के खास इंतजाम नहीं थे, लेकिन चिकित्सा विभाग का अब दावा है कि बीते 9 महीने में प्रदेश की सरकार और चिकित्सा विभाग ने कोविड-19 संक्रमण के इलाज को लेकर काफी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया है.

कोरोना से जंग में राजस्थान कितना तैयार

राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला 2 मार्च को देखने को मिला था, जिसमें इटली से आए एक पर्यटक दल के दंपति पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद प्रदेश में संक्रमित मरीजों के आंकड़ों पर लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली, जो अभी भी जारी है. वहीं, अब राजस्थान में कोरोना को देखते हुए चिकित्सा सुविधाओं में हर संभव बढ़ोतरी की गई है, जिससे आमजन को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके और कोरोना से जंग बखूबी लड़ा जा सके.

SMS इनफेक्शियस डिजीज अस्पताल को कोविड-19 के इलाज के लिए किया गया तैयार

राजस्थान के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर के.के शर्मा का कहना है कि जब प्रदेश में पहला मामला कोरोना संक्रमण का देखने को मिला तो प्रदेश में इससे जुड़े इलाज को लेकर किसी भी तरह की कोई व्यवस्था चिकित्सा विभाग के पास नहीं थी. ऐसे में सबसे पहले आनन-फानन में जयपुर के सवाई मानसिंह इनफेक्शियस डिजीज अस्पताल (Infectious Disease Hospital of SMS Medical college, Jaipur) को कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
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यही नहीं प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए. ऐसे में चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि बीते 9 माह में सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से काफी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है, जहां कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
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यह भी पढ़ें. Special: धार्मिक रीति-रिवाज पर प्रहार कर रहा कोरोना...मृत्यु के बाद संस्कार भी नसीब नहीं

डेडीकेटेड हॉस्पिटल डॉक्टर के के शर्मा का कहना है कि अब चिकित्सा विभाग की ओर से कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अलग से डेडीकेटेड कोविड-19 सेंटर (Dedicated Covid-19 Center in Rajasthan) बनाए गए हैं. यह सेंटर सभी जिलों में संचालित किए जा रहे हैं, जहां सिर्फ कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
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प्रतिदिन 40 हजार हो रहे कोविड-19 टेस्ट

राजधानी जयपुर की बात की जाए तो जयपुर में तीन कोविड-19 सेंटर ( Covid-19 Center in Jaipur) तैयार किए गए हैं. इसके अलावा जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है. विभाग की माने तो मौजूदा समय में करीब 40,000 से अधिक कोविड-19 टेस्ट प्रदेश में हर दिन किए जा रहे हैं. इसके अलावा 50 लैब चिन्हित की गई हैं, जहां कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
वेंटीलेंटर और ऑक्सीजन बेड में बढ़ोतरी

जयपुर में कोरोना से लड़ने की तैयारी

⦁ सबसे अधिक ऑक्सीजन बेड जयपुर में तैयार

⦁ जयपुर में 2729 ऑक्सीजन बेड

⦁ 1092 आईसीयू बेड

⦁ 384 वेंटीलेटर उपलब्ध

यह भी पढ़ें. Special : कोरोना ने 6 महीने लगाया परिवार नियोजन पर ब्रेक, अब फिर शुरू हुए नसबंदी ऑपरेशन

चिकित्सा विभाग का कहना है कि महामारी के दौरान करीब 30 से 40% सुविधाओं का विस्तार अस्पतालों में किया गया है. पहले जहां प्रदेश में काफी कम ऑक्सीजन बेड और ICU बेड की संख्या थी तो उनमें 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई है. इसके अलावा महामारी से पहले प्रदेश में वेंटिलेटर की संख्या की बात की जाए तो करीब एक हजार वेंटीलेटर प्रदेश में मौजूद थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 1867 पहुंच गई है.

कोविड-19 जांच की दर में कमी

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
वेंटीलेंटर और ऑक्सीजन बेड में बढ़ोतरी

प्रदेश सरकार (Gehlot Government) की ओर से कोविड-19 जांच की कीमत में भी कमी की गई है. शुरुआती समय में जब संक्रमण के मामले देखने को मिल रहे थे तो प्राइवेट लैब में करीब 4500 रुपए जांच के लिए देने होते थे लेकिन अब सरकार ने प्राइवेट लैब में जांच की दरें निर्धारित कर दी है और अब कोविड-19 जांच सिर्फ 800 में की जा रही है. हालांकि सरकारी क्षेत्र की लैब में शुरुआती दौर से ही निशुल्क जांच की व्यवस्था की गई थी.

PPE किट के दाम में कमी, मास्क और सैनिटाइजर की रेट निर्धारित

पीपीई किट के दाम कम कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती दौर में पीपीई किट की दरें काफी अधिक थी. शुरुआती समय में 1000 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक पीपीई किट बाजार में बेची जा रही थी लेकिन अब 300 से लेकर 500 रुपए तक की पीपीई किट बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा मास्क सैनिटाइजर की कीमतें भी निर्धारित कर दी गई है.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना केस की संख्या (COVID-19 cases in Rajasthan) बढ़कर करीब 2 लाख 85 हजार 627 पहुंच गई है. राजस्थान कोविड-19 संक्रमण का पहला केस 2 मार्च को सामने आया था. राजस्थान में जब पहला संक्रमण का मामला देखने को मिला तो उस समय चिकित्सा विभाग के पास इस बीमारी से निपटने के लिए किसी भी तरह के खास इंतजाम नहीं थे, लेकिन चिकित्सा विभाग का अब दावा है कि बीते 9 महीने में प्रदेश की सरकार और चिकित्सा विभाग ने कोविड-19 संक्रमण के इलाज को लेकर काफी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया है.

कोरोना से जंग में राजस्थान कितना तैयार

राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला 2 मार्च को देखने को मिला था, जिसमें इटली से आए एक पर्यटक दल के दंपति पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद प्रदेश में संक्रमित मरीजों के आंकड़ों पर लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली, जो अभी भी जारी है. वहीं, अब राजस्थान में कोरोना को देखते हुए चिकित्सा सुविधाओं में हर संभव बढ़ोतरी की गई है, जिससे आमजन को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके और कोरोना से जंग बखूबी लड़ा जा सके.

SMS इनफेक्शियस डिजीज अस्पताल को कोविड-19 के इलाज के लिए किया गया तैयार

राजस्थान के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर के.के शर्मा का कहना है कि जब प्रदेश में पहला मामला कोरोना संक्रमण का देखने को मिला तो प्रदेश में इससे जुड़े इलाज को लेकर किसी भी तरह की कोई व्यवस्था चिकित्सा विभाग के पास नहीं थी. ऐसे में सबसे पहले आनन-फानन में जयपुर के सवाई मानसिंह इनफेक्शियस डिजीज अस्पताल (Infectious Disease Hospital of SMS Medical college, Jaipur) को कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया है.

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यही नहीं प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए. ऐसे में चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि बीते 9 माह में सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से काफी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है, जहां कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

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यह भी पढ़ें. Special: धार्मिक रीति-रिवाज पर प्रहार कर रहा कोरोना...मृत्यु के बाद संस्कार भी नसीब नहीं

डेडीकेटेड हॉस्पिटल डॉक्टर के के शर्मा का कहना है कि अब चिकित्सा विभाग की ओर से कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अलग से डेडीकेटेड कोविड-19 सेंटर (Dedicated Covid-19 Center in Rajasthan) बनाए गए हैं. यह सेंटर सभी जिलों में संचालित किए जा रहे हैं, जहां सिर्फ कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
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प्रतिदिन 40 हजार हो रहे कोविड-19 टेस्ट

राजधानी जयपुर की बात की जाए तो जयपुर में तीन कोविड-19 सेंटर ( Covid-19 Center in Jaipur) तैयार किए गए हैं. इसके अलावा जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है. विभाग की माने तो मौजूदा समय में करीब 40,000 से अधिक कोविड-19 टेस्ट प्रदेश में हर दिन किए जा रहे हैं. इसके अलावा 50 लैब चिन्हित की गई हैं, जहां कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है.

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
वेंटीलेंटर और ऑक्सीजन बेड में बढ़ोतरी

जयपुर में कोरोना से लड़ने की तैयारी

⦁ सबसे अधिक ऑक्सीजन बेड जयपुर में तैयार

⦁ जयपुर में 2729 ऑक्सीजन बेड

⦁ 1092 आईसीयू बेड

⦁ 384 वेंटीलेटर उपलब्ध

यह भी पढ़ें. Special : कोरोना ने 6 महीने लगाया परिवार नियोजन पर ब्रेक, अब फिर शुरू हुए नसबंदी ऑपरेशन

चिकित्सा विभाग का कहना है कि महामारी के दौरान करीब 30 से 40% सुविधाओं का विस्तार अस्पतालों में किया गया है. पहले जहां प्रदेश में काफी कम ऑक्सीजन बेड और ICU बेड की संख्या थी तो उनमें 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई है. इसके अलावा महामारी से पहले प्रदेश में वेंटिलेटर की संख्या की बात की जाए तो करीब एक हजार वेंटीलेटर प्रदेश में मौजूद थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 1867 पहुंच गई है.

कोविड-19 जांच की दर में कमी

COVID-19 case in Rajasthan, Rajasthan news
वेंटीलेंटर और ऑक्सीजन बेड में बढ़ोतरी

प्रदेश सरकार (Gehlot Government) की ओर से कोविड-19 जांच की कीमत में भी कमी की गई है. शुरुआती समय में जब संक्रमण के मामले देखने को मिल रहे थे तो प्राइवेट लैब में करीब 4500 रुपए जांच के लिए देने होते थे लेकिन अब सरकार ने प्राइवेट लैब में जांच की दरें निर्धारित कर दी है और अब कोविड-19 जांच सिर्फ 800 में की जा रही है. हालांकि सरकारी क्षेत्र की लैब में शुरुआती दौर से ही निशुल्क जांच की व्यवस्था की गई थी.

PPE किट के दाम में कमी, मास्क और सैनिटाइजर की रेट निर्धारित

पीपीई किट के दाम कम कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती दौर में पीपीई किट की दरें काफी अधिक थी. शुरुआती समय में 1000 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक पीपीई किट बाजार में बेची जा रही थी लेकिन अब 300 से लेकर 500 रुपए तक की पीपीई किट बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा मास्क सैनिटाइजर की कीमतें भी निर्धारित कर दी गई है.

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