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जयपुर : 30 गरीब परिवारों को हटाने के मामले पर हंगामा..निगम महापौर और आयुक्त आमने-सामने, भाजपा पार्षदों का प्रदर्शन - Municipal mayor and commissioner case

विद्याधर नगर में परशुराम सर्किल पर ग्रेटर नगर निगम ने अपनी बेशकीमती जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए 30 परिवारों को कोरोना काल में हटा दिया. इस कार्रवाई के बाद निगम कमिश्नर और महापौर आमने-सामने हो गए. जहां ग्रेटर निगम महापौर ने इस कार्रवाई को अमानवीय बताते हुए कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की वहीं मानसरोवर में कमिश्नर का विरोध किया गया.

Municipal mayor and commissioner case
निगम महापौर और आयुक्त आमने-सामने
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Published : May 23, 2021, 10:57 PM IST

जयपुर. ग्रेटर निगम प्रशासन ने विद्याधर नगर में परशुराम सर्किल पर अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए 30 परिवारों के झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चला दिया. अतिक्रमी परिवारों को हटाकर जमीन पर कब्जा भी ले लिया गया. लेकिन इस कार्रवाई में माहौल गर्मा गया.

अतिक्रमण कार्रवाई पर महापौर vs आयुक्त

ये कार्रवाई ग्रेटर नगर निगम महापौर और बीजेपी पार्षदों को रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि रविवार को ग्रेटर कमिश्नर के खिलाफ बीजेपी पार्षद लामबंद हुए और मानसरोवर में कमिश्नर का पुतला फूंक विरोध जताया.

महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि कोरोना काल में ये कार्रवाई करने का उचित समय नहीं था. ये निंदनीय कार्रवाई है. क्योंकि इस समय हम जीवन बचाने के लिए लगे हुए हैं. इस दौर में आयुक्त ने बिना संज्ञान में लाए हुए कार्रवाई की जो मानवता के खिलाफ है. उन्होंने सवाल उठाया है कि बिना राज्य सरकार के संरक्षण के इस तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती.

पढ़ें- राजस्थान में 8 जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन...शादियों पर 30 जून तक रोक

उन्होंने कहा कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली वो तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों में वहां रहने वाले लोगों को सेवापुरा ले जाया गया. उन्होंने मेयर के निर्देश पर की गई कार्रवाई वाले आयुक्त के बयान को भी सफेद झूठ बताया.

Municipal mayor and commissioner case
जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण

आयुक्त का तर्क

आयुक्त ने इस संबंध में तर्क दिया था कि 7 दिन पहले लोक वाहन समिति की बैठक हुई थी. जिसमें चेयरमैन की ओर से परशुराम सर्किल से कब्जे धारियों को हटाए जाने के लिए कहा गया था. मेयर ने खुद इस के निर्देश दिए थे. अब सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह की बयानबाजी और कार्य कर रही हैं. वहीं कांग्रेस पार्षदों ने भी इसे मेयर का यू-टर्न बताया.

जयपुर. ग्रेटर निगम प्रशासन ने विद्याधर नगर में परशुराम सर्किल पर अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए 30 परिवारों के झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चला दिया. अतिक्रमी परिवारों को हटाकर जमीन पर कब्जा भी ले लिया गया. लेकिन इस कार्रवाई में माहौल गर्मा गया.

अतिक्रमण कार्रवाई पर महापौर vs आयुक्त

ये कार्रवाई ग्रेटर नगर निगम महापौर और बीजेपी पार्षदों को रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि रविवार को ग्रेटर कमिश्नर के खिलाफ बीजेपी पार्षद लामबंद हुए और मानसरोवर में कमिश्नर का पुतला फूंक विरोध जताया.

महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि कोरोना काल में ये कार्रवाई करने का उचित समय नहीं था. ये निंदनीय कार्रवाई है. क्योंकि इस समय हम जीवन बचाने के लिए लगे हुए हैं. इस दौर में आयुक्त ने बिना संज्ञान में लाए हुए कार्रवाई की जो मानवता के खिलाफ है. उन्होंने सवाल उठाया है कि बिना राज्य सरकार के संरक्षण के इस तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती.

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उन्होंने कहा कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली वो तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों में वहां रहने वाले लोगों को सेवापुरा ले जाया गया. उन्होंने मेयर के निर्देश पर की गई कार्रवाई वाले आयुक्त के बयान को भी सफेद झूठ बताया.

Municipal mayor and commissioner case
जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण

आयुक्त का तर्क

आयुक्त ने इस संबंध में तर्क दिया था कि 7 दिन पहले लोक वाहन समिति की बैठक हुई थी. जिसमें चेयरमैन की ओर से परशुराम सर्किल से कब्जे धारियों को हटाए जाने के लिए कहा गया था. मेयर ने खुद इस के निर्देश दिए थे. अब सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह की बयानबाजी और कार्य कर रही हैं. वहीं कांग्रेस पार्षदों ने भी इसे मेयर का यू-टर्न बताया.

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