जयपुर. आयकर विभाग की टीम ने 100 से ज्यादा डाटा पॉइंट से काले धन का ब्योरा इकट्ठा किया है, जिससे बड़े पैमाने पर काला धन सामने आने की संभावना है. रीजनल इकोनामिक इंटेलिजेंस सेंटर से भी अहम सुराग मिले हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप से मिले काले धन के सबूत ज्वेलरी एंटीक आइटम्स को देखकर आयकर विभाग के अफसर भी चकित है. इस सबसे बड़ी आयकर कार्रवाई में मिले दस्तावेज और अन्य सबूतों की विभिन्न स्तर पर जांच की जा रही है. कारोबारी से पूछताछ की जा रही है.
यह कार्रवाई अभी लंबी चलने की संभावना है. काले धन को लेकर सीबीडीटी की तरफ से ही अधिकारिक घोषणा होगी. आयकर विभाग ने तीन समूहों पर कार्रवाई शुरू की थी, जिनमें से दो समूह पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी सिल्वर आर्ट ग्रुप पर छापेमार कार्रवाई जारी है. जानकार सूत्रों की माने तो रीजनल इकोनामिक इंटेलिजेंस सेंटर से 20 सिल्वर आर्ट ग्रुप के लेन देन और टैक्स चोरी के कई सुराग मिले हैं. रीजनल इकोनामिक इंटेलिजेंस सेंटर के पास टैक्स चोरी समेत कई बड़े ट्रांजेक्शन का ब्योरा भी है. इस सेंटर पर हर एजेंसी से मिला इनपुट साझा होता है. सिल्वर आर्ट ग्रुप की गड़बड़ी का सबसे पहला इनपुट रीजनल इकोनामिक इंटेलिजेंस सेंटर के पास ही आया था.
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जानकारी के मुताबिक राजधानी में की गई छापेमारी कार्रवाई का आधार डेटा माइनिंग से तैयार हुआ था. आयकर विभाग ने डेटा माइनिंग के आधार पर गड़बड़ी पकड़ी और लगातार निगरानी शुरू कि विभाग ने प्रोजेक्ट इनसाइड शुरू किया. प्रोजेक्ट इनसाइड के तहत डेटा माइनिंग के जरिए कालेधन टैक्स चोरी और बेनामी प्रॉपर्टी का पता लगाया जाता है. आयकर विभाग ने 100 से ज्यादा पॉइंट्स जुटाकर कारोबारी की कुंडली तैयार की. सिल्वर आर्ट ग्रुप से लेन देन करने वाली कंपनियों और कारोबारियों से भी अभी पूछताछ की जाएगी. बेनामी लेनदेन और बिना टैक्स कारोबार करने पर सिल्वर आर्ट ग्रुप से लेनदेन करने वालों पर आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है. ज्वेलर्स के मिले एंटीक आइटम ज्वेलरी और अन्य दस्तावेजों के मूल्यांकन करने में अभी आयकर विभाग को काफी समय लग सकता है. राजस्थान के इतिहास में यह कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
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19 जनवरी को जयपुर में तीन कारोबारी समूह के ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की गई थी. सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग से मिले एंटीक आइटम्स और कोड वर्ड में मिली अघोषित संपत्ति के दस्तावेजों ने आयकर विभाग की कार्रवाई को लंबा कर दिया है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर अघोषित आय का आकलन 700 करोड़ से भी ज्यादा हो चुका था, जिसके बाद सुरंग में कई करोड़ों का हिसाब मिला है, जिससे अब यह आकलन कई गुना बढ़ सकता है.
सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर करोड़ों रुपए के एंटीक आइटम्स मिले हैं, जिनको लेकर डीजीजीआई ने भी जांच शुरू कर दी है. डीजीजीआई की ओर से जीएसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ प्रिसियस एंड सेमी प्रिसियस स्टोन और एंटीक आइटम जीएसटी के दायरे में आते हैं, जिस पर जीएसटी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अभी आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने का इंतजार कर रही है. आयकर विभाग की कार्रवाई को खत्म होने के बाद पुलिस भी विदेशियों को एंटीक सामान बेचने के मामले में जांच पड़ताल करेगी.
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बता दें कि आयकर विभाग को सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं. दस्तावेज और एंटीक सामान के साथ कोड वर्ड में लेन देन का ब्योरा मिला है. यह ब्योरा डि-कोड होने पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति और अघोषित लेन देन का खुलासा कर सकता है. आयकर विभाग कारोबारी की अघोषित आय की गणना करने में जुटा हुआ है.
कार्रवाई पूरी होने पर अघोषित आय 2,000 करोड़ को पार कर सकती है. एंटीक आइटम्स को विदेशियों को बेचने के भी सबूत मिले हैं, ज्वेलर्स समूह के ठिकाने पर बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर बेनामी संपत्ति का आकलन किया जा रहा है. पीएमएलए एक्ट के तहत बेनामी संपत्ति जप्त की जा सकती है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के अलावा चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर भी छापेमार कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब तीनों ग्रुपों को मिलाकर आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अघोषित आय का आंकड़ा 2,000 करोड़ को पार कर सकता है.