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लॉकडाउन की गजब मार, लाखों की कार में बेच रहे 50 रुपए का सामान

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में लोगों के काम-धंधे चौपट हो गए हैं. लोग अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए लग्जरी कारों में मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं. उनका कहना है कि वे मजबूरी में सड़क पर खड़े होकर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं.

EFFECT OF LOCKDOWN, jaipur news, COVID-19
लॉकडाउन में काम-धंधा चौपट
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Published : Jun 4, 2020, 8:21 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. देश में जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब किसी ने नहीं सोचा था कि जब लॉकडाउन खत्म होगा, तब तक उनके काम धंधे चौपट हो जाएंगे. लॉकडाउन से पहले कई लोगों ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए बैंकों से कर्ज लिया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका व्यापार आगे नहीं बढ़ पाया.

परिवार के पालन-पोषण के लिए बेच रहे मास्क और सैनिटाइजर

कोरोना काल में हर किसी के बिजनेस का यही हाल है. जयपुर में व्यापारी वर्ग जो हैंडीक्राफ्ट का काम करता था, कोई इवेंट मैनेजमेंट का काम करता था, कोई टूरिस्ट गाइड का काम करता था या कोई अन्य काम करता था, वे अब सड़क पर मास्क और सैनिटाइजर बेचने का काम कर रहे हैं. बता दें कि जयपुर की सड़कों पर अपनी लग्जरी कार जिसे वह अपने परिवार के लिए इस्तेमाल करते थे, आज इसका इस्तेमाल वह मास्क और सैनिटाइजर बेचने के लिए कर रहे हैं.

पढ़ें- SPECIAL : इन दो भाइयों ने लिखी विकास की नई इबारत, अपने दम पर गांव को बनाया 'Smart Village'

राजधानी जयपुर के कालावाड़ रोड पर हालत यही है कि लोग लाइनें लगाकर अपनी कारों से मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं. हालांकि इनमें से ज्यादा लोग शर्म के मारे कैमरे के सामने आने से मना कर रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा और समस्या किसी से छिपी नहीं है. हालात ये हैं कि लोग जिन कारों को किस्तों पर लेकर अपने परिवार के साथ घूमने-फिरने का काम करते थे, अब उसी कार का इस्तेमाल वे अपने नए बिजनेस के लिए कर रहे हैं.

EFFECT OF LOCKDOWN, jaipur news, COVID-19
कार में बेच रहे सैनिटाइजर

वहीं, जो लोग कैमरे के सामने आए वो एक ही बात कहते नजर आए कि उन्हें अपने परिवार की रोजी-रोटी चलानी है. उनका कहना है कि वो मजबूरी के कारण सड़क पर खड़े होकर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं.

घर चलाने के लिए बेच रहे मास्क और सैनिटाइजर

कालावाड़ रोड पर अपने परिवार के साथ मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे परिवार के मुखिया ने बताया कि उनकी दुकान पर 20 लाख का लोन चल रहा है. उन्होंने बताया कि वे इवेंट का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकान से आमद बंद हो गई और इवेंट का काम भी बंद हो गया. उनका कहना है कि काम बंद हो जाने के कारण वे परिवार के साथ सड़क पर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं, जिससे घर चल सके.

किसी तरह निकल रहा घर का खर्चा

इसी तरह एक हैंडीक्राफ्ट व्यापारी का कहना है कि उनका काम लॉकडाउन में बंद हो गया और अभी पता नहीं कबतक ऐसा चलेगा. उनका कहना है कि ऐसे में घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मास्क और सैनिटाइजर बेचकर किसी तरीके से घर का खर्चा निकल पाता है.

पढ़ें- लॉकडाउन में श्रमिकों के लिए संजीवनी बना 'मनरेगा', बेबसी में कई प्रवासियों ने भी आजमाया हाथ

वहीं, इवेंट का काम करने वाले एक व्यापारी का कहना है कि उनका 10 साल से इवेंट का काम था. उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी करोना के बाद मास्क और सैनिटाइजर बेचने पड़ रहे हैं. दुकान पर 20 लाख का लोन चल रहा है और वहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं, तो पेट चलाने और परिवार के लिए यह काम करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि मुझे यह काम करने में कोई शर्म नहीं है, यह काम करके अपने बच्चों का पेट पालने का काम कर रहा हूं.

EFFECT OF LOCKDOWN, jaipur news, COVID-19
कार में बेच रहे मास्क

रेलवे स्टेशन पर दुकान चलाने वाले

रेलवे स्टेशन पर दुकान चलाने वाले एक दुकानदार का कहना है कि वह लॉकडाउन से पहले रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने का काम करते थे. उनका कहना है कि अब स्टेशन बंद हो गया है तो मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इससे केवल घर का खर्च ही मुश्किल से निकल पाता है.

बता दें कि राजधानी जयपुर में ऐसे ही बड़े तादाद में लोग इसी तरह से सड़क पर खड़े होकर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं, जो पहले अपने स्थापित काम धंधे में व्यस्त थे लेकिन अब यह काम मजबूरी में कर रहे हैं. हालांकि ज्यादातर लोगों ने कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया क्योंकि इस नए काम में उन्हें शर्म भी महसूस होती है, लेकिन अपने परिवार को पालने के लिए ये काम कर रहे हैं.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. देश में जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब किसी ने नहीं सोचा था कि जब लॉकडाउन खत्म होगा, तब तक उनके काम धंधे चौपट हो जाएंगे. लॉकडाउन से पहले कई लोगों ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए बैंकों से कर्ज लिया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका व्यापार आगे नहीं बढ़ पाया.

परिवार के पालन-पोषण के लिए बेच रहे मास्क और सैनिटाइजर

कोरोना काल में हर किसी के बिजनेस का यही हाल है. जयपुर में व्यापारी वर्ग जो हैंडीक्राफ्ट का काम करता था, कोई इवेंट मैनेजमेंट का काम करता था, कोई टूरिस्ट गाइड का काम करता था या कोई अन्य काम करता था, वे अब सड़क पर मास्क और सैनिटाइजर बेचने का काम कर रहे हैं. बता दें कि जयपुर की सड़कों पर अपनी लग्जरी कार जिसे वह अपने परिवार के लिए इस्तेमाल करते थे, आज इसका इस्तेमाल वह मास्क और सैनिटाइजर बेचने के लिए कर रहे हैं.

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राजधानी जयपुर के कालावाड़ रोड पर हालत यही है कि लोग लाइनें लगाकर अपनी कारों से मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं. हालांकि इनमें से ज्यादा लोग शर्म के मारे कैमरे के सामने आने से मना कर रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा और समस्या किसी से छिपी नहीं है. हालात ये हैं कि लोग जिन कारों को किस्तों पर लेकर अपने परिवार के साथ घूमने-फिरने का काम करते थे, अब उसी कार का इस्तेमाल वे अपने नए बिजनेस के लिए कर रहे हैं.

EFFECT OF LOCKDOWN, jaipur news, COVID-19
कार में बेच रहे सैनिटाइजर

वहीं, जो लोग कैमरे के सामने आए वो एक ही बात कहते नजर आए कि उन्हें अपने परिवार की रोजी-रोटी चलानी है. उनका कहना है कि वो मजबूरी के कारण सड़क पर खड़े होकर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं.

घर चलाने के लिए बेच रहे मास्क और सैनिटाइजर

कालावाड़ रोड पर अपने परिवार के साथ मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे परिवार के मुखिया ने बताया कि उनकी दुकान पर 20 लाख का लोन चल रहा है. उन्होंने बताया कि वे इवेंट का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकान से आमद बंद हो गई और इवेंट का काम भी बंद हो गया. उनका कहना है कि काम बंद हो जाने के कारण वे परिवार के साथ सड़क पर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं, जिससे घर चल सके.

किसी तरह निकल रहा घर का खर्चा

इसी तरह एक हैंडीक्राफ्ट व्यापारी का कहना है कि उनका काम लॉकडाउन में बंद हो गया और अभी पता नहीं कबतक ऐसा चलेगा. उनका कहना है कि ऐसे में घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मास्क और सैनिटाइजर बेचकर किसी तरीके से घर का खर्चा निकल पाता है.

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वहीं, इवेंट का काम करने वाले एक व्यापारी का कहना है कि उनका 10 साल से इवेंट का काम था. उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी करोना के बाद मास्क और सैनिटाइजर बेचने पड़ रहे हैं. दुकान पर 20 लाख का लोन चल रहा है और वहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं, तो पेट चलाने और परिवार के लिए यह काम करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि मुझे यह काम करने में कोई शर्म नहीं है, यह काम करके अपने बच्चों का पेट पालने का काम कर रहा हूं.

EFFECT OF LOCKDOWN, jaipur news, COVID-19
कार में बेच रहे मास्क

रेलवे स्टेशन पर दुकान चलाने वाले

रेलवे स्टेशन पर दुकान चलाने वाले एक दुकानदार का कहना है कि वह लॉकडाउन से पहले रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने का काम करते थे. उनका कहना है कि अब स्टेशन बंद हो गया है तो मजबूरी में यह काम करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इससे केवल घर का खर्च ही मुश्किल से निकल पाता है.

बता दें कि राजधानी जयपुर में ऐसे ही बड़े तादाद में लोग इसी तरह से सड़क पर खड़े होकर मास्क और सैनिटाइजर बेच रहे हैं, जो पहले अपने स्थापित काम धंधे में व्यस्त थे लेकिन अब यह काम मजबूरी में कर रहे हैं. हालांकि ज्यादातर लोगों ने कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया क्योंकि इस नए काम में उन्हें शर्म भी महसूस होती है, लेकिन अपने परिवार को पालने के लिए ये काम कर रहे हैं.

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