जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर के तेजी से बढ़ने के चलते राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर, शादी समारोह में मेहमानों की संख्या 100 तक ही सीमित कर दी है. ऐसे में 22 अप्रैल से शुरू हो रहे वैवाहिक सीजन के बावजूद मैरिज गार्डन संचालक राज्य सरकार से गाइडलाइन पर पुनर्विचार की गुहार लगा रहे हैं. उधर, निगम ने गाइडलाइन की सख्ती से पालना के लिए मैरिज गार्डन संचालकों को दो टूक निर्देश दिए हैं.
राजधानी जयपुर में अप्रैल महीने में करीब 6000 शादी समारोह हैं. जिनके लिए मैरिज गार्डन से लेकर होटल तक बुक हो चुके हैं. लेकिन इस बीच राज्य सरकार ने कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की. निगम प्रशासन ने मैरिज गार्डन संचालकों को गाइडलाइन सख्ती से फॉलो करने के निर्देश के लिए निगम मुख्यालय पर बुलाया और उनसे वार्ता भी की. हेरिटेज निगम उपायुक्त दिलीप शर्मा ने बताया कि मैरिज गार्डन एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर राज्य सरकार से मिली गाइडलाइन से अवगत कराया गया है.
कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं. उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है कि निगम समय-समय पर निरीक्षण करेगा. जोन स्तर के अधिकारी और विजिलेंस टीम निरीक्षण करेगी और यदि गाइडलाइन की पालना में कोई भी ढिलाई बरती जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.
हालांकि मैरिज गार्डन संचालकों को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन रास नहीं आ रही. एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन की पूरी तरह पालना की जाएगी. लेकिन राज्य सरकार के निर्देश गलत हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोरोना सिर्फ शादियों में फैलता है. प्रशासन और सरकार को सोचना चाहिए शादी समारोह में कम से कम 200 लोग तो परिवार के ही हो जाते हैं. कोरोना गाइडलाइन फॉलो कराना सही है. लेकिन 100 लोगों से ज्यादा पर पाबंदी गलत है. सरकार को कोरोना गाइडलाइन पर पुनर्विचार करना चाहिए.
मैरिज गार्डन संचालकों ने हवाला दिया इस व्यापार से जुड़े टेंट, मैरिज गार्डन, फ्लोवर डेकोरेटर, लाइट डेकोरेटर, हलवाई, कैटरर्स जैसे करीब 15 ट्रेड जुड़े हुए हैं. इनका बिजनेस इफेक्ट होगा और इससे जीडीपी इफेक्ट होगी.