जयपुर. प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित देने के लिए दिए जाने वाला गार्गी पुरस्कार इस बार बोर्ड परीक्षाओं में 75% या इससे ज्यादा (Gargi award) अंक लाने वाली छात्राओं को मिलेगा. साल 2021 में इस पुरस्कार के नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने 90 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त करने का प्रावधान लागू कर दिया था. इसके लिए बीते दिनों आवेदन भी मांगे गए थे. इनमें तकरीबन एक लाख से ज्यादा छात्राएं आवेदन नहीं कर सकीं. हालांकि अब सरकार 2022 की बोर्ड परीक्षा से एक बार फिर पुराने प्रावधान लागू करने जा रही है.
गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि निकलने के बाद अब इसके (Criteria for Gargi award) प्रावधानों में एक बड़ा बदलाव भी होने जा रहा है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 2022 की बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी या अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को ये पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. 10वीं की छात्राओं को गार्गी पुरस्कार और 12वीं की छात्राओं को बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा. इस बार 10वीं में 63 हजार और 12वीं में 1.07 लाख छात्राओं ने 75 फीसदी या अधिक अंक प्राप्त किए हैं.
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53.50 करोड़ का बजट : इस बार गार्गी पुरस्कार के लिए कुल 37.80 करोड़ रुपए और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए कुल 53.50 करोड़ रुपए का बजट रहेगा. 10वीं की छात्राओं को गार्गी पुरस्कार के रूप में 3-3 हजार रुपए की दो किश्तों में कुल 6 हजार रुपए मिलते हैं. जबकि 12वीं की छात्राओं को बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार (Balika Protsahan Award) के रूप में 5 हजार रुपए की एक किश्त मिलती है. पुरस्कार राशि सीधे योग्य छात्राओं के खाते में जमा कराई जाती है. इसके लिए जल्द ही आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ताकि अगले साल बसंत पंचमी पर छात्राओं को ये पुरस्कार दिया जा सके.
पिछले वर्ष बदला गया था नियम : बता दें कि पिछले साल 2021 में बोर्ड परीक्षा में एक फार्मूले के आधार पर विद्यार्थियों को प्रमोट किया गया था. इस कारण उनके काफी अधिक अंक आए थे. पिछले साल 10वीं और 12वीं में 75 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या 7 लाख पर पहुंच गई थी. इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार ने एक कमेटी बनाई. कमेटी की सिफारिश के बाद 2021 की परीक्षा में 75 फीसदी का क्राइटेरिया बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया गया. इससे पुरस्कार पाने वाली बालिकाओं की संख्या घटकर 2.04 लाख पर आ गई थी. इनमें से भी आवेदन महज 1.04 लाख छात्राओं ने किया है.