जयपुर. गहलोत सरकार की पहल के बाद करीब 1200 प्रवासी मजदूरों को जयपुर जंक्शन से पटना भेजा गया. इसी दौरान इन सभी मजदूरों को नागौर से राजस्थान रोडवेज की बसों से जयपुर जंक्शन पर लाया गया लेकिन इस दौरान जयपुर के भी कई मजदूर बिना जानकारी के ही जंक्शन की तरफ निकल पड़े.
राज्य सरकार की पहल के बाद करीब 1200 प्रवासी मजदूरों को जयपुर जंक्शन से पटना भेजा गया. घर जानेवाले इन सभी मजदूरों को नागौर से शुक्रवार को राजस्थान रोडवेज की बसों से जयपुर जंक्शन पर लाया गया लेकिन इस दौरान जयपुर के भी कई मजदूर बिना जानकारी के ही जयपुर जंक्शन की तरफ निकल पड़े.
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इन मजदूरों की सिर्फ ट्रेन चलने की सूचना मिली लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि जो चिंहित मजदूर है, उन्हें ही भेजा जाएगा. बिहार जानेवाले मजदूरों की लिस्ट बनी हुई है. लोगों को उम्मीद थी कि शायद 3 मई के बाद लॉकडाउन खत्म होगा लेकिन सरकार ने यह तय किया कि लॉकडाउन 2 हफ्ते और जारी रहेगा. जिससे मजदूरों का निराशा हाथ लगी.
रेलवे ने मजदूरों को दिया एक समय का भोजन
जयपुर रेलवे स्टेशन पर सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई. जयपुर जंक्शन पर पुलिस बल का भारी बल तैनात किया गया. जिन मजदूरों को चिन्हित किया गया. उन्हीं को जयपुर जंक्शन के अंदर प्रवेश दिया गया. स्टेशन पर अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहा. जिला प्रशासन की ओर से मजदूरों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई थी. लंबी दूरी पर जाने वाले मजदूरों को रेलवे की ओर से एक समय का भोजन भी दिया गया.
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया ध्यान
श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में राज्य सरकार की ओर से जारी सूची वाले यात्रियों को ही बैठाया गया. इन मजदूरों और छात्रों ने आने जाने के लिए ई-मित्र और अन्य माध्यमों से रजिस्ट्रेशन करवाया था. स्पेशल ट्रेनें कुल 24 कोच की रही. इनमें 18 कोच स्लीपर क्लास, 4 कोच जनरल और दो एसएलआर कोच लगाई गई. राज्य सरकार सभी मजदूरों का किराया रेलवे को अदा करेंगे. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया.