जयपुर . सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में लेखानुदान पेश करते हुए सरकार की ओर से किए गए कार्यों को गिनाने के साथ ही कई घोषणाएं की हैं. चार महीन के इस बजट में गहलोत ने किसान कर्जमाफी से लेकर कॉलेज छात्राओं की मुफ्त शिक्षा सहित कई घोषणाएं की. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूरा बजट पेश नहीं हो सका.
गहलोत ने लेखानुदान पेश करने के दौरान कहा कि राज्य में 600 नए दवा वितरण केंद्र खोले जाएंगे. साथ ही मुफ्त दवा में कैंसर, ह्रदय रोग से संबंधित दवाएं भी शामिल होंगी. उन्होंने बेणेश्वर धाम को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि बेणेश्वर धाम विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा. इससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. साथ ही उन्होंने कॉलेज तक की बच्चियों के मुफ्त शिक्षा को लेकर भी सौगात दी. ये इसी सत्र से लागू होगी. उनहोंने कहा कि पशुपालकों को दूध पर प्रति लीटर दो रुपए का बोनस दिया जा रहा है. साथ ही एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की घोषणा की. ग्राम पंचायत पर 20 हजार जगह वाईफाई हॉटस्पॉट की सुविधा देने को लेकर भी सौगात दिया है. उनहोंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में की गई बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से 46 लाख पेंशनर को लाभ मिलेगा.
सदन में बोलते हुए गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने केवल लघु सीमांत किसानों का केवल 50 हज़ार का कर्ज माफ किया. लेकिन, उसमें भी इसमें भी 6000 करोड़ का भार हमारी सरकार पर छोड़ गई. क्योंकि उस दौरान कोई वित्तीय प्रबंधन पिछली वसुंधरा राज्य सरकार ने नहीं की थी. गहलोत ने कहा कि हमने हमने सम्पूर्ण अल्पकालीन ऋण माफी की घोषणा की और इसकी क्रियान्विति शुरू कर दी है. राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण माफ करने का भी बीड़ा उठाया है. सदन में बोलते हुए गहलोत ने पिछली वसुंधरा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार ने 5 साल के शासन में प्रदेश का आर्थिक ढांचा बिगाड़ दिया. राजस्थान आर्थिक मापदंड में पिछड़ गया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने शासन के दौरान राज्य को तरक्की की पटरी से उतार दिया. हमें काफी चुनौतीपूर्ण हालात मिले हैं. गहलोत ने सदन में बोलते हुए कहा कि पिछली सरकार के समय कई योजनाओं को बंद कर दिया गया. साथ ही विकास के लिए पूर्व में किए निर्णयों पर रोक लगाई. उन्होंने कहा कि 2008 के समय हमें विरासत प्रदेश की खराब आर्थित स्थिति मिली थी. लेकिन, इसके बाद भी हम ने हालात में सुधार किए. गहलोत ने कहा कि मेरे शासनकाल राज्य के सकल घरेलू घाटा कम रहा. सदन के भीतर अपने और वसुंधरा सरकार के समय रहे राजकोषीय घाटे के आकड़े भी गिनाए.