जयपुर. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष प्रतिपदा मंगलवार को सूर्य व्रश्चिक राशि में प्रवेश करेगा. इसके साथ ही धनु संक्रांति की शुरुआत होने के साथ मलमास लगने से मांगलिक कार्य, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे.
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पंडित गणपतलाल सेवग ने बताया कि, मंगलवार को रात 9 बजकर 23 मिनिट के बाद मलमास होने से इस अवधि में मांगलिक कार्य शुभ विवाह, यज्ञोपवित संस्कार नहीं हो सकेंगे. लेकिन इसके बाद भी गुरु-शुक्र का तारा अस्त होने से मांगलिक कार्यो के लिए अप्रैल तक इंतजार करना होगा. वहीं 17 जनवरी से 15 फरवरी तक गुरु और 17 फरवरी से 18 अप्रैल तक शुक्र का तारा अस्त होगा. इस दौरान दोनों ग्रहों के अस्त होने से वैवाहिक मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे. अब चार महीने बाद फिर से शादी समारोह होंगे.
हालांकि इससे पूर्व तीन अबूझ मुहूर्त बसंत पंचमी, फुलेरा दोज और रामनवमी पर तारें अस्त होंगे. इस कारण से अगले मुहूर्त 25 अप्रैल से शुरू होंगे. वही मलमास में आध्यात्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है. रामचरित मानस, देवी पाठ, गीता पाठ, नवग्रह मंत्र जाप करना फलदायी रहेगा. क्योंकि ग्रह दोष निवारण के लिए यह अच्छे उपाय है. इसके साथ ही अगले 29 दिन देवगुरु बृहस्पति 66 दिन तक शुक्र अस्त रहेंगे.