जयपुर. राजस्थान समेत कई राज्यों में प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की तस्करी फल-फूल रही है. तस्करी का मॉड्यूल किस तरह से काम करता है और कौन-कौन लोग इस रैकेट में शामिल हैं इसकी जानकारी जुटाकर पुलिस कार्रवाई को अंजाम देने में जुटी है. डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के सुपर विजन में कमिश्नरेट स्पेशल टीमें कई राज्यों में दबिश देने गई हैं.
मुहाना में 'गोदाम' पर छापा मारा तो...
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि राजधानी जयपुर के मुहाना थाना इलाके में एक गोदाम से प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की खेप विश्वकर्मा थाना क्षेत्र में ले जाकर एक लोडिंग वाहन में लोड की जा रही थी. कमिश्नरेट स्पेशल टीम ने प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की खेप के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया. उससे मिली जानकारी के आधार पर अजमेर के रामगंज इलाके में दबिश दी. वहां से भी नशीली दवाइयों की खेप बरामद की गई. नशीली दवाइयों की तस्करी के मॉड्यूल के बारे में जानकारी जुटाई गई तो यह बात सामने आई की एक अंतर्राज्यीय नेटवर्क देश के अलग-अलग राज्यों से प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की तस्करी कर रहा है. जिन जगहों पर इन प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का प्रोडक्शन किया जा रहा है उसके बारे में भी जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जा रही है.
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स्मैक वाले अब ले रहे नशीली दवाएं
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि प्रकरण की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि वाहन चुराने वाले, चोरी करने वाले और स्मैक का नशा करने वाले बदमाश अब प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का सेवन कर रहे हैं. क्योंकि प्रतिबंधित नशीली दवाइयां बड़ी आसानी से उन्हें उपलब्ध हो जाती हैं. कम दामों में भी मिल जाती हैं. जब इन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो इनके पास से स्मैक नहीं, नशीली दवाएं मिलती हैं.
कई राज्यों से जुड़े हैं तस्करों के तार
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की तस्करी करने वाले तस्करों के तार कई राज्यों से जुड़े हैं. कई राज्यों में गैरकानूनी तरीके से नशीली दवाइयों का प्रोडक्शन हो रहा है. तस्कर इन्हें अलग-अलग राज्यों में पहुंचाते हैं. शिमला, आगरा, असम, नागालैंड और मणिपुर से इन प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की खेप लेकर अलग-अलग राज्यों में उनकी तस्करी की जा रही है.
तोड़ कर रख देंगे मॉड्यूल
तस्करों के इस पूरे मॉड्यूल की पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद अब पुलिस इस मॉड्यूल को तोड़ने की कोशिश में है. तस्करी के इस मॉड्यूल को तोड़ने के लिए जयपुर पुलिस दूसरे राज्यों की पुलिस से कोऑर्डिनेट कर रही है.