जयपुर. प्रदेश में महिलाओं की गरिमा को बचाए रखने के लिए और महिलाओं एवं बालिकाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए जयपुर पुलिस की महिला गरिमा हेल्पलाइन 24 घंटे निरंतर कार्यरत है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कंट्रोल रूम में महिला गरिमा हेल्पलाइन की 5 लाइन अलग से 24 घंटे कार्यरत रहती हैं. जहां पर महिलाओं की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी होती है.
महिला गरिमा हेल्पलाइन में पूरे प्रदेश भर से महिलाओं की समस्याएं और शिकायतें प्राप्त होती है, जिन पर त्वरित एक्शन लेते हुए उनका समाधान करने का प्रयास किया जाता है. एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि महिलाओं एवं बालिकाओं की समस्याओं और शिकायतों का निपटारा करने के लिए महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 का संचालन वर्ष 2009 से किया जा रहा है. जिस पर पूरे प्रदेश भर से महिलाओं की शिकायतें प्राप्त होती हैं.
व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर का भी संचालन
हेल्पलाइन के साथ ही व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 8764868200 का संचालन भी किया जा रहा है. व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई करते हुए महिलाओं एवं बालिकाओं को न्याय दिलाने का पूरा काम किया जाता है. इसके साथ ही 100 नंबर और 112 नंबर पर भी महिलाओं एवं बालिकाओं की ओर से अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.
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महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 पर वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक कुल 19662 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. वर्ष 2020 में जनवरी महीने से अगस्त महीने तक कुल 2441 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इसी तरह से महिला गरिमा व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर वर्ष 2015 से 2019 तक कुल 387 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. वर्ष 2020 में जनवरी महीने से अगस्त महीने तक कुल 47 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
'शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना जाना जरूरी नहीं'
एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि महिलाओं और बालिकाओं को उनके साथ होने वाले किसी भी तरह के अपराध या शोषण की शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी भी थाना या कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है. उन्हें बस महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 या फिर व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत बतानी होगी. महिलाओं एवं बालिकाओं की शिकायत को महिला पुलिस अधिकारियों की ओर से ही सुना जाएगा और शिकायत करने वाली महिला एवं बालिका की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा.
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सुनीता मीणा ने बताया कि जिस भी व्यक्ति की ओर से महिला या बालिका को परेशान किया जा रहा है या फिर उनका शोषण किया जा रहा है, उसे पाबंद करने के साथ ही उसके विरुद्ध प्रकरण भी पुलिस के द्वारा ही दर्ज किया जाएगा. महिलाएं एवं बालिकाएं अनचाहे व अश्लील फोन कॉल्स, सिनेमाघरों में महिलाओं के अशिष्ट रूपण, स्कूल-कॉलेज, महिला छात्रावास, कार्यस्थल, बस स्टैंड, सार्वजनिक स्थल, सिनेमाघर आदि स्थानों पर की जाने वाली छेड़छाड़ संबंधी शिकायत महिला गरिमा हेल्पलाइन पर दर्ज करा सकती हैं.
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इसके साथ ही दहेज की मांग करते हुए शारीरिक व मानसिक यातनाएं, यौन शोषण का प्रयास, शारीरिक मानसिक यातनाएं, सरेराह चलते महिलाओं पर फब्तियां कसना आदि इन तमाम शिकायतों को महिला गरिमा हेल्पलाइन या व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर बता सकती हैं. शिकायत मिलते ही महिला गरिमा हेल्पलाइन की महिला अधिकारियों की ओर से संबंधित थाना अधिकारी से संपर्क कर आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है.
इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ना करें मदद तो करें महिला गरिमा हेल्पलाइन पर शिकायत
महिलाओं एवं बालिकाओं की ओर से यदि कोई शिकायत किसी भी थाने में दर्ज करवाई गई हो और उनकी शिकायत पर इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की ओर से कार्रवाई करने में ढिलाई बरती जा रही हो या फिर शिकायत का निपटारा करने में सहयोग नहीं किया जा रहा हो, तो इसकी भी शिकायत महिला एवं बालिका की ओर से महिला गरिमा हेल्पलाइन पर की जा सकती है.
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महिला गरिमा हेल्पलाइन के अधिकारियों की ओर से संबंधित इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर से संपर्क साध कर शिकायत का त्वरित समाधान करने को कहा जाता है. साथ ही 48 घंटे में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की ओर से की गई कार्रवाई का फीडबैक लिया जाता है. जब तक शिकायत का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक लगातार उसका फॉलोअप किया जाता है और साथ ही परिवादी से लगातार संपर्क रख उसे धैर्य रखने व कार्रवाई सुनिश्चित होने के बारे में बताया जाता है.
वहीं, यदि किसी महिला की ओर से गलत शिकायत दर्ज करवाई जाती है और कानून का गलत उपयोग करने का प्रयास किया जाता है तो उसके विरुद्ध भी पुलिस द्वारा कानूनी एक्शन लिया जाता है.