जयपुर. प्रदेश में ईआरसीपी (ERCP) मतलब राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर चल रही सियासत पर नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. अब राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र (Mahesh Joshi wrote letter to Gajendra singh Shekhawat) लिखकर पूछा है कि आप ईआरसीपी का राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शिलान्यास कब करवा रहे हैं. जोशी ने गजेन्द्र सिंह शेखावत से ये सवाल तब पूछा जब केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ERCP के लिए केन्द्र सरकार की कटिबद्धता सार्वजनिक रूप से जाहिर कर रहे हैं.
महेश जोशी ने सोशल मीडिया पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ERCP पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों की भीषण पेयजल समस्या दूर करने के लिए अत्यंत आवश्यक है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2018 में अपनी चुनावी सभाओं में ERCP प्रोजेक्ट का महत्व भी बता चुके हैं और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कटिबद्धता भी जाहिर कर चुके हैं. राजस्थान सरकार ERCP को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास एवं मदद करने के लिए तैयार है.
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जोशी ने कहा कि सीएम और जलदाय मंत्री के रूप में मेंने ERCP को न केवल राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की मांग केन्द्र सरकार से की है बल्कि इस प्रोजेक्ट को राज्य सरकार के स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा के बजट सत्र में संकल्प भी लिया है. इसलिए सीएम ने ERCP प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए बजट में 9600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
ईआरसीपी पूरा करने के लिए अन्य राज्यों की मदद आवश्यक
चूंकि ईआरसीपी पूरा करने के लिए अन्य राज्यों की मदद आवश्यक है. ऐसे में इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर पूर्वी राजस्थान के निवासियों के साथ न्याय किया जा सकता है. प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार के स्तर से कई बार केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर पूर्वी राजस्थान के लोगों की इस मांग को जल्द पूरा करने के बारे में अवगत कराया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी आश्वासन को पूरा करने के लिए अब तक इस सम्बन्ध में कोई पहल नहीं की गई है. अब जल्द ही ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा दिलाकर शीघ्र इसका शिलान्यास कार्यक्रम घोषित करें. जोशी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देकर शिलान्यास कार्यक्रम जल्द घोषित नहीं किया तो पेयजल समस्या से जूझ रहे पूर्वी राजस्थान के लोगों को साथ लेकर बड़ा अभियान शुरू करना पड़ेगा.
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मंत्री डॉ. महेश जोशी ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के अफसरों को सार्वजनिक रूप से जेल भिजवाने की धमकी देने पर भी आपत्ति जताई है. मंत्री जोशी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री का ब्यूरोक्रेसी के अफसरों के ख़िलाफ़ यह बयान न केवल अशोभनीय है, वरन अलोकतांत्रिक भी है. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का यह बयान प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी का मनोबल गिराने जैसा है.
मंत्री जोशी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री शेखावत को अपने अलोकतांत्रिक, अशोभनीय और असत्य वचनों के कारण अगर नैतिक रूप से इस्तीफा देने से बचना है तो प्रदेश की जनता और ब्यूरोक्रेसी से बड़ा दिल रखते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और राजस्थान की जनता के हित में ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के दिए जल्द ही शिलान्यास कार्यक्रम घोषित करना चाहिए.
कांग्रेस और पीएफआई के बीच फेवीकल का जोड़: राजेंद्र राठौड़
बीकानेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगाए गए आरोपों को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने निराधार और बेबुनियाद करार दिया है. राठौड़ ने कहा कि गहलोत आदत के अनुसार रोजाना देश के प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री पर आरोप लगाकर अपनी सरकार की नाकामी छिपाने का प्रयास कर रहे हैं.
राठौड़ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक और कानून व्यवस्था को लेकर हर बार अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक विफलता का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे कट्टरवादी और देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त संगठनों को प्रश्रय देकर राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और भाइचारे को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि पीएफआई और कांग्रेस के बीच फेवीकोल जैसे गठजोड़ का ही परिणाम है कि फरवरी 2022 में हिजाब रैली निकालने के लिए सीएमओ से विशेष अनुमति दी गई है और 2 अप्रैल को करौली हिंसा में पीएफआई की संलिप्तता सामने आ रही है.
ईआरसीपी को लेकर अनर्गल बयान दिए जा रहे: राठौड़ ने कहा कि वादाखिलाफी करने में जिन्होंने कीर्तिमान स्थापित किए हैं आज वह ईआरसीपी परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. जबकि जल जीवन मिशन के तहत केन्द्र सरकार की ओर से लगातार राजस्थान को प्राथमिकता के साथ राशि आवंटित की जा रही है. राज्य सरकार जानबूझकर पैसा खर्च नहीं कर रही है. ये किसानों से की गई वादाखिलाफी का ही परिणाम है कि उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है.