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Horse Trading Case: दो साल पहले दर्ज करवाया था विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुकदमा, पहले ही करनी थी कार्रवाई -महेश जोशी - etv bharat Rajasthan news

पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने हॉर्स ट्रेडिंग के प्रकरण में देर से कार्रवाई होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले एसीबी में दर्ज करवाया था विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुकदमा, अब जाकर गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस भेजा गया गया है. यह कार्रवाई पहले की जानी चाहिए थी.

Mahesh Joshi on Horse Trading Case
हॉर्स ट्रेडिंग पर बोले महेश जोशी
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Published : Jun 24, 2022, 4:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान में साल 2020 में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में तत्कालीन मुख्य सचेतक और वर्तमान पीएचईडी मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi on Horse Trading Case) ने राजस्थान एसीबी में शिकायत दी थी. इस पर एसीबी ने 17 जुलाई 2020 को मुकदमा दर्ज भी कर लिया था. करीब 2 साल बाद अब जाकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस मामले में नोटिस भेजा गया है.

इस लेटलतीफी को लेकर मंत्री जोशी ने नाराजगी भी जताई है. जोशी ने कहा कि मैंने एसीबी में करीब 2 साल पहले यह मामला दर्ज करवाया था जिस पर पहले ही कार्रवाई हो जानी चाहिए थी. अब उनको नोटिस भेजा गया है. कानून इस मामले में ठीक से कार्रवाई करते हुए जांच करे और सच्चाई को सबके सामने लाए.

महेश जोशी का शेखावत पर हमला

पढ़ें. फिर बाहर निकला विधायक खरीद-फरोख्त का जिन्न, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को एसीबी ने कराया नोटिस तामील

वॉइस सैंपल देने से बच रहे गजेंद्र सिंह, नोटिस के बाद खुद देना चाहिए सैंपल
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि अब तक केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले में वॉइस सैंपल देने से बचते रहे हैं. अगर उनको बचना नहीं होता तो वह खुद आगे बढ़कर कहते कि मेरा वॉइस सैंपल ले लीजिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए लेकिन अब उनको इस मामले में नोटिस भी भेज दिया गया है, ऐसे में कानून अपना काम करेगा.

पढ़ें. Rajyasabha Elections: इस बार भाजपा को ऐसा सबक मिलेगा कि दोबारा हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास नहीं करेगी

यह था मामला
तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 10 जून 2020 को एसीबी में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त को लेकर शिकायत दी थी. इसे आधार बनाते हुए एसीबी ने 17 जुलाई 2020 को मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में 1 साल पहले जयपुर न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉइस सैंपल लेने की अनुमति यह कहते हुए मांगी कि इस मामले में एक आरोपी संजय जैन ने पूछताछ के समय एक ऑडियो में अपने साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की बातचीत और आवाज होना स्वीकार किया है.

इस पर मामले के अनुसंधान अधिकारी ने गजेंद्र सिंह की आवाज का नमूना लेने की आवश्यकता बताई थी, लेकिन महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने वॉइस सैंपल लेने के आदेश देने से इनकार कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ रिवीजन प्रार्थना पत्र पेश किया गया है जिस पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने अनुसंधान अधिकारी के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री का पक्ष जानने के लिए नोटिस के जरिए जवाब मांगने के आदेश दिए. इसके चलते एसीबी के अनुसंधान अधिकारी ने अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को नोटिस भेजवाया है.

जयपुर. राजस्थान में साल 2020 में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में तत्कालीन मुख्य सचेतक और वर्तमान पीएचईडी मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi on Horse Trading Case) ने राजस्थान एसीबी में शिकायत दी थी. इस पर एसीबी ने 17 जुलाई 2020 को मुकदमा दर्ज भी कर लिया था. करीब 2 साल बाद अब जाकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस मामले में नोटिस भेजा गया है.

इस लेटलतीफी को लेकर मंत्री जोशी ने नाराजगी भी जताई है. जोशी ने कहा कि मैंने एसीबी में करीब 2 साल पहले यह मामला दर्ज करवाया था जिस पर पहले ही कार्रवाई हो जानी चाहिए थी. अब उनको नोटिस भेजा गया है. कानून इस मामले में ठीक से कार्रवाई करते हुए जांच करे और सच्चाई को सबके सामने लाए.

महेश जोशी का शेखावत पर हमला

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वॉइस सैंपल देने से बच रहे गजेंद्र सिंह, नोटिस के बाद खुद देना चाहिए सैंपल
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि अब तक केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले में वॉइस सैंपल देने से बचते रहे हैं. अगर उनको बचना नहीं होता तो वह खुद आगे बढ़कर कहते कि मेरा वॉइस सैंपल ले लीजिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए लेकिन अब उनको इस मामले में नोटिस भी भेज दिया गया है, ऐसे में कानून अपना काम करेगा.

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यह था मामला
तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 10 जून 2020 को एसीबी में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त को लेकर शिकायत दी थी. इसे आधार बनाते हुए एसीबी ने 17 जुलाई 2020 को मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में 1 साल पहले जयपुर न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉइस सैंपल लेने की अनुमति यह कहते हुए मांगी कि इस मामले में एक आरोपी संजय जैन ने पूछताछ के समय एक ऑडियो में अपने साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की बातचीत और आवाज होना स्वीकार किया है.

इस पर मामले के अनुसंधान अधिकारी ने गजेंद्र सिंह की आवाज का नमूना लेने की आवश्यकता बताई थी, लेकिन महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने वॉइस सैंपल लेने के आदेश देने से इनकार कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ रिवीजन प्रार्थना पत्र पेश किया गया है जिस पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने अनुसंधान अधिकारी के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री का पक्ष जानने के लिए नोटिस के जरिए जवाब मांगने के आदेश दिए. इसके चलते एसीबी के अनुसंधान अधिकारी ने अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को नोटिस भेजवाया है.

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