जयपुर. राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच उठापटक लगातार जारी है. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने स्पीकर की ओर से भेजे गए नोटिस को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी. लेकिन इस पर उच्च न्यायालय में सुनवाई टल गई. क्योंकि सचिन पायलट के वकील का तर्क था कि जल्दबाजी में यह पिटीशन दायर की है.
ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि इस केस के अंदर उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया, जिस पर कोर्ट ने भी आपत्ति जताई है. इससे साफ जाहिर होता है कि उनके पास कोई ठोस आधार नहीं है, वो सिर्फ समय बर्बाद कर रहे हैं. ये इस बात से भी प्रुफ होता है कि उन्होंने जो पिटीशन लगाई उसमें अब संशोधन करना है.
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महेश जोशी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि साल्वे जैसे बड़े वकील की ओर से पिटीशन आई और वो कंप्लीट नहीं. ऐसे में बिना तैयारी के आनन-फानन में याचिका दायर की गई थी. वहीं, हाईकोर्ट की ओर से सुनवाई टाले जाने पर उन्होंने कहा कि सचिन पायलट सहित अन्य विधायकों के वकील ने ऑनलाइन सुनवाई में अपनी पिटीशन संशोधन के लिए वापस ले ली है. जिस पर कोर्ट ने कहा पिटीशन दोबारा दायर होगी और सारी चीजें नए सिरे से शुरू होगी. महेश जोशी ने कहा कि सचिन पायलट पूरे मामले को उलझाना चाहते हैं.
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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीपी जोशी बेबाक आदमी है, दो टूक और खरे इंसान हैं. हालांकि कड़वे जरूर हैं लेकिन सच्चे हैं. ऐसे में वो किसी के प्रभाव में आने वाले नहीं हैं. साथ ही जोशी ने कहा हमारी पिटीशन हमने लगाई है. गुरुवार को इस पर सुनवाई है और इसमें क्या फैसला आता है वो बाद में पता चलेगा.