जयपुर. प्रदेश में फोन टैपिंग मामले में सियासत भड़क गई है. इस मामले में रविवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई तो जवाब में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इसे शेखावत की बौखलाहट करार दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज कराना खुद शेखावत पर ही उल्टा पड़ गया.
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जयपुर में जोशी ने एक बयान जारी कर कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत की बातें सुनकर तो यही लगता है कि वह बौखला गए हैं. जोशी ने कहा शेखावत कहते हैं कि संक्रमण के कारण वह वॉइस सैंपल नहीं दे पाए, लेकिन मैं पूछना चाहूंगा कि वह 1 साल में कितनी बार राजस्थान आए, कितने कार्यक्रमों में शामिल हुए. लेकिन, नहीं गए तो केवल अपना वॉइस सैंपल देने नहीं गए.
जोशी ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत को यह स्वीकार करना चाहिए की जो वॉइस सैंपल है उसमें उनकी आवाज है, लेकिन यदि वह उसमें भी सहयोग नहीं करेंगे तो दिल्ली पुलिस की भी जांच आगे नहीं बढ़ पाएगी और उसे एफआर लगाना पड़ेगा.
SOG में लगी है एफआर, ACB में पेंडिंग है जांच
महेश जोशी ने अपने बयान में यह भी कहा कि अभी एफआर केवल एसओजी में दर्ज हुई एफआईआर पर लगी है, जबकि एसीबी में अभी भी मामला पेंडिंग ही है. जोशी ने यह इशारा कर दिया कि जांच अभी बंद नहीं हुई है, जांच अभी भी जारी है.
सरकार ने कभी नहीं स्वीकार किया
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने यह भी कहा कि बीजेपी के नेता गजेंद्र सिंह शेखावत यह कहते हैं कि सदन के भीतर सरकार ने यह बात स्वीकार की कि जनप्रतिनिधियों के फोन रिकॉर्ड हुए हैं, लेकिन मैं यहां साफ करना चाहूंगा कि कभी भी प्रदेश सरकार ने ना तो सदन के भीतर ना बाहर यह बात कही कि जनप्रतिनिधियों की फोन रिकॉर्ड किए गए हैं. जोशी ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत तो केंद्रीय मंत्री हैं, राजस्थान सरकार ने तो किसी छोटे जनप्रतिनिधि तक का फोन रिकॉर्ड नहीं किया.