जयपुर. राजस्थान में रीट की परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए भले ही बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली को बर्खास्त (RBSE President DP Jaroli sacked) कर दिया है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को हाथ नहीं जाना देना चाहती. ऐसे में अब गहलोत के मंत्री अपनी सरकार के बचाव में आ खड़े हुए हैं. पीएचईडी मंत्री महेश जोशी हो या फिर प्रताप सिंह खाचरियावास (Mahesh Joshi And Khachariyawas Target BJP) दोनों ने रीट मामले में सरकार के लिए गए फैसले की तारीफ की है.
पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने इस मामले पर बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में न्याय उचित कार्रवाई (Big Decision Of CM Ashok Gehlot) की है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है. डॉ डीपी जारोली को बर्खास्त करने का निर्णय साफ बताता है कि मुख्यमंत्री किसी भी तरीके से भर्ती से जुड़े भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस मामले में चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति लिप्त पाया जाए उसे बख्शा नहीं जाएगा.
इसी मामले पर बोलते हुए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि रीट परीक्षा भर्ती पेपर लीक मामले में जांच मुख्यमंत्री खुद अपने होम डिपार्टमेंट से करवा रहे हैं. क्योंकि बीजेपी को यह पता होना चाहिए कि पुलिस का महकमा मुख्यमंत्री के अंतर्गत काम करता है, भाजपा के नहीं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तो ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई को अपने डायरेक्शन पर चलाती है. लेकिन राजस्थान में सरकार किसी भी भ्रष्टाचार के मामले की जांच में इंटरफेयर नहीं करती. जो गलत करेगा उसके लिए जेल के रास्ते खुले हैं. हालांकि इस मामले की जांच एसओजी को राजस्थान सरकार ने नहीं सौंपी है.
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariawasi On REET Paper Leak Case) ने कहा की होम मिनिस्ट्री मुख्यमंत्री के पास है और परीक्षा दोबारा करवानी है या नहीं करवानी है इसका फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे. जहां तक डॉक्टर डीपी जारोली को हटाने का मामला है सरकार ने यह निर्णय सोच-समझकर ही लिया है. खाचरियावास ने कहा एक तरफ भाजपा के नेता सरकार की खिलाफत कर रहे हैं. दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक गुलाब चंद कटारिया एसओजी की तारीफ कर रहे हैं. इस मामले में भाजपा को अपने खुद के नेता गुलाबचंद कटारिया से सीख लेनी चाहिए.
भाजपा खुद एक प्लेटफार्म पर नहीं : खाचरियावास
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के साथ दिक्कत ये है कि वो प्लेटफार्म पर एक साथ नहीं है. इन के सीनियर लीडर कटारिया कहते हैं कि वह एसओजी के काम से खुश हैं और कुछ सीबीआई जांच की बात कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि सीबीआई को जितनी भी जांच दी है, उसमें अब तक एक में भी पूरी नहीं हुई है, लेकिन सरकार राजस्थान के हित में काम कर रही है. जांच भी कर रही है.
बीजेपी को समझना चाहिए कि जांच होने के बाद ही तो आरोपी पकड़े जा रहे हैं. अगर उन्हें किसी की जांच भरोसा नहीं है, तो खुद जांच कर लें. बीजेपी बिना सोचे समझे बोलती है, सभी नेताओं के अलग-अलग बयान आते हैं. पहले बीजेपी डिसाइड कर ले कि वो चाहती क्या है, उनकी सोच क्या है. हालांकि तत्कालीन शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी के सवाल पर खचारियावास बोलने से बचते नजर आए.
दोषी कितना ही बड़ा क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा: महेश जोशी
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि जितना गंभीर मुद्दा होता है, उसमें कार्रवाई उतना सोच विचार कर करनी पड़ती है. गलत तरीके से यदि कार्रवाई होती है, तो उसमें जो दोषी होता है उसे ही मदद मिल जाती है. मुख्यमंत्री ने उचित समय पर बोर्ड चेयरमैन को हटाने और रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच करने का फैसला लिया है. दोषी व्यक्ति चाहे कितना ही बड़ा हो उसे बख्शा नहीं जाएगा. सीएम अशोक गहलोत कहते हैं कि हर गलती कीमत मांगती है. ये इतनी बड़ी गलती है जिसकी कीमत भी दोषियों को चुकानी पड़ेगी. राजस्थान के नौजवानों के भविष्य के साथ में किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा, ये स्पष्ट संदेश है.
उधर, रीट पेपर आउट मामले में गहलोत सरकार के फैसले के बाद भी बेरोजगार युवाओं ने मामले की सीबीआई जांच और पदों की संख्या पचास हजार करने की मांग की है. ऐसे में अभी रीट को लेकर जंग जारी है.