जयपुर. पूरे विश्व को जीओ और जीने दो का दिव्य संदेश देने वाले विश्व वन्दनीय जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2620वां जन्म कल्याणक महोत्सव रविवार 25 अप्रैल को भक्ति भाव से मनाया जायेगा. इस मौके पर मंदिरों में अभिषेक शांतिधारा के आयोजन होंगे, जिसका श्रद्धालुगण घरों में रहकर ऑनलाइन लाभ उठायेंगे.
अखिल भारतीय जैन परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा के अनुसार गत वर्ष भी 6 अप्रैल को महावीर जयन्ती पर कोरोना के चलते श्रद्धालुओं द्वारा घरों में ही भाव पूजा की जाकर जन्मोत्सव मनाया गया था. इस साल भी कोरोना के चलते दर्शनार्थियों के लिए मंदिरों के बन्द होने के कारण मंदिरों में विशेष आयोजन नहीं हो पायेंगे. वहीं पुजारी या किसी निश्चित श्रावक द्वारा ही भगवान महावीर के जन्माभिषेक होंगे. तत्पश्चात विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना के साथ शांतिधारा की जायेगी. नित्य पूजा के बाद भगवान महावीर की अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की जाकर महाआरती के साथ समापन होगा.
वहीं श्रद्धालुगण घरों में रहकर ही महावीराष्ठक, श्री वर्धमान स्तोत्र आदि स्तुति करेगें और प्रातः छतों पर जाकर भगवान महावीर जन्म कल्याणक प्रभातफेरी के प्रतीक स्वरुप जयकारे लगाते हुये कोरोना गाइडलाइन व दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए परिवार जनों की प्रभातफेरी निकाली जायेगी. घरों के बाहर मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाकर दीपक जलाये जायेंगे. भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर, पूजा अर्चना के बाद महाआरती की जायेगी. कई स्थानों पर मानव सेवा के कार्य किए जायेंगे. सायकांल महाआरती के बाद ऑनलाइन धार्मिक प्रतियोगिताएं व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित होंगे. इससे पहले भगवान महावीर के 2620वें जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर 60 घंटे के णमोकार महामंत्र के अखण्ड पाठ भारतवर्षीय सकल जैन समाज के तत्वावधान में आयोजित हो रहे हैं.