जयपुर. देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा. शुक्रवार को सुबह से ही शहर के शिवालयों में दिनभर जलाभिषेक सहित अन्य अनुष्ठानों के लिए भक्तों की कतारे देखने को मिलेगी. ज्योतिष विधाओं के मुताबिक शिवरात्रि पर भोलेनाथ की स्तुति करने के लिए चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं, पंडित अमित कुमार पाराशर ने बताया कि शिव पुराण के मुताबिक हर प्रहर में भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति जातक को होती है.
यह पूजा मुख्यतः जीवन के चार अंग धर्म का अर्थ और मोक्ष के लिए फलदाई है. इस दिन त्रयोदशी के साथ चतुर्दशी का संयोग भी रहेगा. ताड़केश्वर महादेव मंदिर के महंत अमित कुमार पराशर ने बताया कि इस दिन शिव पार्वती के विवाह को बताया गया है और रात्रि में पूजा अर्चना होती है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि महादेव के प्रथम पहर की पूजा करने से राहु केतु, शनि और साढ़े साती की महादशा को भोलेनाथ दूर करेंगे.
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बता दें कि पहले प्रहर की पूजा के अनुसार ही चारों प्रहर की पूजा की जाएगी.शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को पंचामृत से विशेष स्नान करवाने से फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सर्व प्रथम गणेश जी की पूजा के बाद भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए. जानकारी के मुताबिक गलता जी तीर्थ में स्वामी अवधेश अचार्य के सानिध्य में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे.
श्रद्धालु गलता तीर्थ स्थित शिवालयों में पूजन व दर्शन करेंगे और दिनभर वहां मेले का माहौल रहेगा. महाशिवरात्रि पर श्री गलता पीठ और स्थानीय सेवक,संस्थाएं,स्वयंसेवक, पुलिस प्रशासन आदि द्वारा गलता तीर्थ परिसर में क्षेत्र प्रसादी आदि नि:शुल्क सेवाओं की व्यवस्था की जाएगी. उस दौरान स्वयंसेवकों की ओर से साफ-सफाई सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जाएंगे.