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महाराष्ट्र सियासी बवाल: जयपुर में ठहरे कांग्रेस विधायकों की वापसी शुरू, कहा- हम जा रहे हैं सरकार का हिस्सा बनने

जयपुर में बीते 6 दिनों से रुके महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों ने वापस जाना शुरू कर दिया है. इन विधायकों को एक रणनीति के तहत जयपुर लाया गया था. ताकि अन्य पार्टियां हॉर्स ट्रेडिंग ना कर सके. अब चूंकी इस तरह का संकट टल गया है, ऐसे में कांग्रेस विधायकों का महाराष्ट्र वापस लौटना शुरू हो गया. ईटीवी भारत के संवाददाता ने कांग्रेस विधायकों से बात की और जानी उनकी अगली रणनीति कया है...

maharashtra congress MLA, राष्ट्रपति शासन
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Published : Nov 13, 2019, 6:10 PM IST

जयपुर. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान का तोड़ निकालने के लिए तीनों पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना अब कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की शर्तें तय करेगी जिसके बाद सरकार बनाने का दावा किया जाएगा. जयपुर में बीते 6 दिनों से रुके हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि वे अब सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

हालांकि शिवसेना जब राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा करने जा रही थी तब कांग्रेस ने बाहर से समर्थन देने की बात कही थी. लेकिन समय समाप्ति के बाद राष्ट्रपति शासन लागू होना भी कांग्रेस की रणनीति का ही हिस्सा था. यही वजह है कि जयपुर में ठहरे इन तमाम विधायकों ने विक्ट्री साइन दिया था. अब कांग्रेस एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना के साझे में सरकार बनाने की बात कह रही है.

पहले मिनिमम प्रोग्राम होगा तय, उसके बाद बनाएंगे सरकार

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब कांग्रेस विधायकों से बात की तो सभी का एक सुर में कहना है कि राज्यपाल द्वारा कम समय दिया जाना उन्हें खल रहा है. विधायकों का कहना है कि हमने तय कर लिया है कि हम सरकार में शामिल होने जा रहे हैं. लेकिन उससे पहले कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाएगा.

पढ़ेंः प्रदेश में जब भी कांग्रेस की सरकार बनती है, गहलोत खजाना खाली है का रोना रोने लग जाते हैं : देवनानी

शिवसेना के साथ वैचारिक मतभेद पर कांग्रेस की क्या राय है, इस पर विधायकों का कहना है कि जब शिवसेना ने मंत्री पद त्याग दिया है और वो किसी भी सूरत में महाराष्ट्र की जनता के लिए सरकार बनाने को तैयार हैं तो ऐसे में कांग्रेस अब तमाम शर्तें तय करेगी. उसके बाद सरकार का गठन होगा. वहीं एक अन्य कांग्रेस विधायक का कहना है कि जब भाजपा महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार का गठन कर सकती है, तो कांग्रेस को शिवसेना के साथ जाने से कोई परहेज नहीं है.

कांग्रेस विधायकों ने एक सुर में कहा- हम सरकार बनाने जा रहे हैं, शिवसेना से वैचारिक मतभेद पर ये कहा

महेश जोशी (मुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार)

सभी विधायक खुश हैं, सभी निष्ठावान हैं और हाईकमान के सभी निर्देशों का पालन किया है. जोशी ने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत महाराष्ट्र में सरकार बनेगी और कांग्रेस का सहयोग इसमें रहेगा.

पढ़ेंः कर्नाटकः विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर सुरजेवाला ने साधा पीएम पर निशाना

रघु शर्मा (चिकित्सा मंत्री, राजस्थान सरकार)

कांग्रेस अपने सिद्धांतो से कभी समझौता नहीं करती. लेकिन जो महाराष्ट्र में मेंडेट है, उन हालातों में हम कॉमन मिनिमम कार्यक्रम के तहत सरकार बनाएंगे. रघु शर्मा ने कहा कि भाजपा ने मैसिव मेंडेट प्राप्त करने के बावजूद जनता से धोखा किया है, इसके खिलाफ हम सड़कों पर उतरेंगे.

महाराष्ट्र पर जल्द निर्णय होगा, वरिष्ठ नेताओं ने कही ये बात...

महाराष्ट्र पर जल्द निर्णय होगा : अविनाश पांडे

महाराष्ट्र में जिस प्रकार की विशेष परिस्थितियां पैदा हुई हैं, उसमें राष्ट्रीय पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है कि वहां स्थायी सरकार का निर्माण किया जाए. इसको लेकर सोनिया गांधी के निर्देश के पर कांग्रेस पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल को भेजा गया. जिन्होंने शरद पवार से चर्चा की है. इसको सूत्रबध तरीके से कैसे आगे बढ़ाया जाएगा, इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा

पढ़ेंः सांसद बेनीवाल का यही है वो बयान, जिससे राजस्थान की राजनीति में मचा है बवाल

राज्यपाल द्वारा कम समय दिए जाने पर उन्होंने कहा कि उनका शुरू से ही बर्ताव ऐसा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए निंदनीय है. आम तौर पर राज्यपाल की ये जिम्मेदारी होती है कि वो मेंडेट प्राप्त करने वाली पार्टियों को सहयोग करें, उन्हें उचित समय दिया जाए, ताकी मजबूत सरकार स्थापित हो सके. उन्होंने कहा कि ये स्वभाविक है कि जब दो या तीन दलों आपस में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने के लिए बात करते हैं, तो उसमें तमाम शर्तों पर सहमति के लिए समय की आवश्यकता है. लेकिन राज्यपाल ने ऐसा नहीं किया.

जयपुर. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान का तोड़ निकालने के लिए तीनों पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना अब कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की शर्तें तय करेगी जिसके बाद सरकार बनाने का दावा किया जाएगा. जयपुर में बीते 6 दिनों से रुके हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि वे अब सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

हालांकि शिवसेना जब राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा करने जा रही थी तब कांग्रेस ने बाहर से समर्थन देने की बात कही थी. लेकिन समय समाप्ति के बाद राष्ट्रपति शासन लागू होना भी कांग्रेस की रणनीति का ही हिस्सा था. यही वजह है कि जयपुर में ठहरे इन तमाम विधायकों ने विक्ट्री साइन दिया था. अब कांग्रेस एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना के साझे में सरकार बनाने की बात कह रही है.

पहले मिनिमम प्रोग्राम होगा तय, उसके बाद बनाएंगे सरकार

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब कांग्रेस विधायकों से बात की तो सभी का एक सुर में कहना है कि राज्यपाल द्वारा कम समय दिया जाना उन्हें खल रहा है. विधायकों का कहना है कि हमने तय कर लिया है कि हम सरकार में शामिल होने जा रहे हैं. लेकिन उससे पहले कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाएगा.

पढ़ेंः प्रदेश में जब भी कांग्रेस की सरकार बनती है, गहलोत खजाना खाली है का रोना रोने लग जाते हैं : देवनानी

शिवसेना के साथ वैचारिक मतभेद पर कांग्रेस की क्या राय है, इस पर विधायकों का कहना है कि जब शिवसेना ने मंत्री पद त्याग दिया है और वो किसी भी सूरत में महाराष्ट्र की जनता के लिए सरकार बनाने को तैयार हैं तो ऐसे में कांग्रेस अब तमाम शर्तें तय करेगी. उसके बाद सरकार का गठन होगा. वहीं एक अन्य कांग्रेस विधायक का कहना है कि जब भाजपा महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार का गठन कर सकती है, तो कांग्रेस को शिवसेना के साथ जाने से कोई परहेज नहीं है.

कांग्रेस विधायकों ने एक सुर में कहा- हम सरकार बनाने जा रहे हैं, शिवसेना से वैचारिक मतभेद पर ये कहा

महेश जोशी (मुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार)

सभी विधायक खुश हैं, सभी निष्ठावान हैं और हाईकमान के सभी निर्देशों का पालन किया है. जोशी ने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत महाराष्ट्र में सरकार बनेगी और कांग्रेस का सहयोग इसमें रहेगा.

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रघु शर्मा (चिकित्सा मंत्री, राजस्थान सरकार)

कांग्रेस अपने सिद्धांतो से कभी समझौता नहीं करती. लेकिन जो महाराष्ट्र में मेंडेट है, उन हालातों में हम कॉमन मिनिमम कार्यक्रम के तहत सरकार बनाएंगे. रघु शर्मा ने कहा कि भाजपा ने मैसिव मेंडेट प्राप्त करने के बावजूद जनता से धोखा किया है, इसके खिलाफ हम सड़कों पर उतरेंगे.

महाराष्ट्र पर जल्द निर्णय होगा, वरिष्ठ नेताओं ने कही ये बात...

महाराष्ट्र पर जल्द निर्णय होगा : अविनाश पांडे

महाराष्ट्र में जिस प्रकार की विशेष परिस्थितियां पैदा हुई हैं, उसमें राष्ट्रीय पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है कि वहां स्थायी सरकार का निर्माण किया जाए. इसको लेकर सोनिया गांधी के निर्देश के पर कांग्रेस पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल को भेजा गया. जिन्होंने शरद पवार से चर्चा की है. इसको सूत्रबध तरीके से कैसे आगे बढ़ाया जाएगा, इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा

पढ़ेंः सांसद बेनीवाल का यही है वो बयान, जिससे राजस्थान की राजनीति में मचा है बवाल

राज्यपाल द्वारा कम समय दिए जाने पर उन्होंने कहा कि उनका शुरू से ही बर्ताव ऐसा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए निंदनीय है. आम तौर पर राज्यपाल की ये जिम्मेदारी होती है कि वो मेंडेट प्राप्त करने वाली पार्टियों को सहयोग करें, उन्हें उचित समय दिया जाए, ताकी मजबूत सरकार स्थापित हो सके. उन्होंने कहा कि ये स्वभाविक है कि जब दो या तीन दलों आपस में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने के लिए बात करते हैं, तो उसमें तमाम शर्तों पर सहमति के लिए समय की आवश्यकता है. लेकिन राज्यपाल ने ऐसा नहीं किया.

Intro:इस फील्ड में महाराष्ट्र के विधायकों के जयपुर से रवाना होते हुए बस में 121 है अविनाश पांडे का 121 है रघु शर्मा महेश जोशी सभी के 121 महाराष्ट्र डेस्क को भी दे दे


Body:इस फील्ड में महाराष्ट्र के विधायकों के जयपुर से रवाना होते हुए बस में 121 है अविनाश पांडे का 121 है रघु शर्मा महेश जोशी सभी के 121 है इन्हें इस्तेमाल कर ले और महाराष्ट्र डेक्स को भी दे देवें


Conclusion:
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