जयपुर. विश्व अल्जाइमर दिवस पर मंगलवार को शहर में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. राजधानी जयपुर में अजमेर रोड स्थित ईएसआई मॉडल हॉस्पिटल में मनोरोग विभाग की ओर से आमजन, मरीजों और उनके परिजनों के लिए विश्व अल्जाइमर दिवस पर वीडियो एनीमेशन के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें बताया गया कि अल्ज़ाइमर मरीजों के इलाज में उनके परिजनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है.
ईएसआई मॉडल हॉस्पिटल में मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश जैन ने बताया कि याददाश्त कमजोर होना, सोचने और निर्णय लेने एवं दैनिक कार्यों को करने की क्षमता में कमी तथा व्यवहार में परिवर्तन आदि इस बीमारी के लक्षण हैं.
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मरीजों की देखभाल करने वाले परिजनों के लिए सलाह
अखिलेश जैन ने अल्ज़ाइमर के मरीजों के देखभाल करने वाले परिजनों के लिए सलाह दी कि पेशेंट्स से जुड़ाव लगातार बनाए रखें. सामान्य बातचीत की भाषा एवं छोटे वाक्यों का प्रयोग करें. बातचीत के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाएं. रोगी को दवा खाने के लिए याद दिलाएं. उन्हें सुखद एहसास दिलाने के लिए उनके हाथ या कंधे पर थपथपाएं.
उन्हें यह एहसास दिलाएं कि वे अभी जो कुछ करने में सक्षम हैं, उन्हें उसे जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करें. नित्य उपयोग की जगहों पर टैग लगाएं ताकि वे उन्हें आसानी से जान सकें. एक बार में सिर्फ एक बात ही पूछें या बताएं. उन्हें स्नेह भरा सकारात्मकता के साथ जवाब दें. मरीजों को पौष्टिक आहार दें.
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भारत में है 53 लाख मरीज
अखिलेश जैन ने बताया कि उन्होंने वर्तमान में विश्व में लगभग 5.5 करोड़ लोग डाइमेंशिया से पीड़ित हैं जिसमें लगभग 70 प्रतिशत केस अल्ज़ाइमर के हैं. हमारे देश में 60 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में इनकी अनुमानित संख्या लगभ 53 लाख है. हर साल विश्व में डाइमेंशिया के लगभग एक करोड़ नए केस आ गए हैं. इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अल्का पाल और चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ. आरपी मीना ने ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर जोर देने का आह्वान किया ताकि आमजन समय रहते बीमारी को पहचान कर बेहतर इलाज ले सकें.