जयपुर. महाराष्ट्र सरकार ने राजस्थान के 30 से अधिक ट्रकों को महाराष्ट्र के देवनार मंडी में बकरियां बेचने की अनुमति नहीं दी है. इसके चलते बकरी व्यापारियों को वापी में ही नुकसान उठाकर बकरियों को बेचना पड़ रहा है. बकरी व्यापारियों ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार बकरीद के दौरान बलि के लिए बकरियों को ले जाने की अनुमति दें. बकरीद के मद्देनजर राजस्थान के बकरी व्यापारी महाराष्ट्र के देवनार मंडी में व्यापार करने जाते हैं.
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महाराष्ट्र सरकार ने बकरियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण इन बकरी मालिकों की हालत बुरी हो गई है, उनमें से कुछ को वापी में बकरियां बेचनी पड़ रही है. मोहम्मद सद्दाम हुसैन, जो बकरियों को खरीदने और बेचने के व्यवसाय करते हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 110 बकरियों को ट्रकों में लादकर बेचने जा रहा थे. गुजरात महाराष्ट्र सीमा तक पहुंचने में 30 घंटे का समय लगाता है.
उन्होंने कहा कि बकरियां 30 घंटे से भूखी थी. सीमा पर रुकने के लिए उसने 24 घंटों के लिए अनुमति मांगी, लेकिन जब अनुमति नहीं दी गई, तो भूखे-प्यासे बकरियों ने अपनी प्यास बुझाने के लिए ट्रक के हुक से अपनी जीभ की बारिश की. ये दृश्य उसे नहीं देखा गया, क्योंकि इन बकरियों को बड़े ध्यान से वह लाया था. आखिरकार वापी के मुस्लिम परिवार ने उसे जगह और भोजन उपलब्ध कराया और अब वह वापी में ही इन बकरियों को बेच रहे हैं.
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गौरतलब है कि मोहम्मद सद्दाम हुसैन के पास 10 हजार से 30 हजार तक के बकरे हैं. इसके लिए, वह लॉकडाउन में ब्याज के पैसे से बकरियां खरीदा था. साथ ही किराए पर ट्रक लेकर महाराष्ट्र में बकरी बेचने आया था, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर अब वापी में ही वह 10,000 से 16,000 रुपए के नुकसान पर बकरियां बेच रहा है. अन्य बकरी मालिकों का भी यही हाल है. इन सभी को करीब 2.5 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है.