जयपुर. राजस्थान पर्यटन के लिए सैलानियों की पहली पसंद रहा है. यहां की कला संस्कृति, किले, महल हर जिले में दर्शनीय स्थल पर्यटकों को अपनी और खींचते हैं लेकिन कोरोना वायरस ने पर्यटन व्यवसाय (Corona effect on tourism) को ठप कर दिया है. ऐसे में सबसे मुख्य होटल इंडस्ट्री (hotel business in Rajasthan) की कमर टूट गई है.
राजस्थान के 11 हजार से ज्यादा होटलों के 30,000 से ज्यादा कमरे खाली पड़े हैं. होटल, रिसॉर्ट, क्लब रेस्टोरेंट, टूरिस्ट गाइड, टैक्सी, संचालक, टूर ट्रेवल, वेंडर हस्तशिल्प, लोक कलाकार और शाही ट्रेन समेत सभी को नुकसान हो रहा है. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े करीब 30 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं. वहीं पर्यटन दोबारा से कब अपने पैरों पर खड़ा होगा, इसकी कोई उम्मीद भी नहीं जताई जा रही है.
इस समय प्रदेश की होटल व्यवसाय पूरी तरह से हाशिये पर आ गया है. होटलों में काम करने वाले करीब 5 लाख से लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. छोटे होटल बंद हो गए हैं. ऐसे में छोटे होटल व्यवसायी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
अगले 2 साल की बुकिंग भी रद्द
- 2 साल की 30 हजार से ज्यादा पर्यटकों की बुकिंग रद्द ही चुकी है
- अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का अगले 2 साल तक आगमन मुश्किल नजर आ रहा है
- कोरोना की दूसरी लहर में होटल व्यवसाय में 50 हजार करोड़ रूपये का नुकसान
- कोरोना की दूसरी लहर (2nd wave of corona) के बाद घरेलू पर्यटकों को भी आकर्षित करना मुश्किल हो गया है
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होटलों में हमेशा रहती थी 50 फीसदी की बुकिंग
होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन (Hotel and Restaurant Association of Rajasthan) के अध्य्क्ष कुलदीप चंदेला ने बताया कि होटलों में 50 फीसदी बुकिंग हमेशा रहती थी. पर्यटन की दृष्टि से जयपुर में हर महीने बड़ी तादाद में सैलानी पहुंचते थे लेकिन कोरोना के चलते होटल व्यवसाय जमीन पर आ गया है. होटल व्यापारियों की माने तो अब उन्हें इससे उबरने के लिए 6 महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा.
सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग
होटल व्यवसायियों का कहना है कि होटलों से हर महीने करोड़ों रुपए का टर्नओवर से होता है. हालात ये हैं कि होटलों में आगामी बुकिंग का कुछ पता नहीं है. होटल इंडस्ट्री व्यापारियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार आर्थिक पैकेज की मांग की है. जिससे होटल व्यवसाय पटरी पर लौट सके.