जयपुर. जेडीए विकास कार्यों को गति तभी दे पाएगा जब उसके रेवेन्यू की स्थिति मजबूत होगी. इसी संबंध में जेडीसी ने मंगलवार को सभी जोन उपायुक्तों की बैठक ली. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
बीते दिनों जेडीसी टी रविकांत ने अपने बयान में ये साफ कर दिया था कि फिलहाल जेडीए के हालात खस्ता है और अच्छी एनसीआर के लिए अब राजस्व बढ़ाने पर जेडीए को फोकस करना होगा. इस संबंध में जेडीसी ने आज सभी जोन उपायुक्तों की बैठक ली और इसमें राजस्व अर्जित करने पर सख्त होते हुए कहा कि कई जोन में बीते 6 महीने से राजस्व बढ़ोतरी के लिए प्रयास कम हुए हैं. ऐसे में उन्होंने निर्देश दिए कि अब राजस्व अर्जित करने के लिए जेडीए की परिसंपत्तियों की नीलामी के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है.
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साथ ही उन्होंने जेडीए की लीज राशि को भी वसूलने के लिए नियमित प्रयास करने पर जोर दिया. इस दौरान जेडीसी ने निर्देश दिए कि बीते 6 महीने में जो संपत्ति बार-बार नीलामी करने पर भी नीलाम नहीं हो पा रही है, उसकी समीक्षा कर आमजन की सुविधा और भूखंड की साइट को छोटा-बड़ा करने की प्रक्रिया को अपनाया जाए. वहीं भूखंडों की नीलामी के लिए विशेष अभियान चलाने की भी बात जेडीसी में कही.
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बता दें कि इस बैठक में भूखंडों की रीप्लानिंग और पुरानी आवासीय योजना में शेष रहे भूखंडों की सूची जल्द तैयार करने को लेकर भी निर्देश दिए गए. साथ ही बचे हुए भूखंडों को जल्द लॉटरी से आवंटन करना भी तय हुआ. संभव है कि जेडीए के इन प्रयासों से एक बार फिर राजस्व की गाड़ी पटरी पर लौटेगी.