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OMG! काल बनकर फसलों पर मंडरा रही टिड्डियां, अब तो बाड़मेर के रास्ते जोधपुर में घुस आई

जोधपुर की बाड़मेर जिले से लगी लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात टिड्डी दल ने हमला कर दिया. जिससे किसानों की परेशानी बड़ गई और वे परिवार समेत खेतों में पहुंचकर उनको भगाने का जतन करते नजर आए. किसी ने थाली बजा कर तो किसी ने बाजा-बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की.

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जोधपुर में बाड़मेर के रास्ते टिड्डियों का हमला
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Published : Jan 7, 2020, 10:50 AM IST

जोधपुर. जिले में पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डी का हमला हुआ था. अब जिले के बाड़मेर से लगती लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात से टिड्डी दल की आंख मिचौली चल रही है. कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के लूणी में घुस जाती हैं तो कभी बाड़मेर के गांवों में.

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टिड्डियों को भगाने के लिए किसान खेतों में बजा रहे थालियां...

बता दें कि लूणी के धुंधाड़ा भानवास के साथ बाड़मेर के अजीत गांव के खेतों पर टिड्डी मंडराती नजर आ रही हैं. इसके अलावा जगह-जगह अधमरी टिड्डियों के ढेर नजर आ रहे हैं. रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को भी चट कर दिया. बता दें कि जीरे की महंगी फसल होने से सबसे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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टिड्डियों का एक नजारा...

सरकारी कीटनाशक नहीं हो रहे कारगर साबित...

खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहा है. टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुंआ कर रहे हैं. इसके अलावा खेतों में म्यूजिक सिस्टम की गूंज सुनाई दे रही है जो कि सामान्यतः जागरण में लगाए जाते हैं. वहीं कईं जगहों पर कनस्तर, थाली, बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आ रहे हैं, जिनकी पीड़ा है कि खेत चट हो रहे हैं कुछ बच जाए तो जीवन चल जाएगा.

जोधपुर में बाड़मेर के रास्ते टिड्डियों का हमला...

टिड्डी दल की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूणी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया है. परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी और टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन इनके संसाधन सीमित हैं.

यह भी पढे़ं: मुख्यमंत्री के 'घर' में अनियमितताओं का खेल, आजतक नहीं हुई 6 चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई

टिड्डी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दें और जो खर्चा उन्होंने टिड्डियों से निपटने में किया है और जो लगातार उनकी फसल खराब हुई है, उसके लिए गिरदावरी करवाई जाए.

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खेतों में लगे स्पीकर...

इन फसलों को हुआ नुकसान...

वहीं इलाके में जीरा, इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार से अधिक बीघा की फसल टिड्डियां चट कर चुकी हैं.

जोधपुर. जिले में पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डी का हमला हुआ था. अब जिले के बाड़मेर से लगती लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात से टिड्डी दल की आंख मिचौली चल रही है. कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के लूणी में घुस जाती हैं तो कभी बाड़मेर के गांवों में.

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टिड्डियों को भगाने के लिए किसान खेतों में बजा रहे थालियां...

बता दें कि लूणी के धुंधाड़ा भानवास के साथ बाड़मेर के अजीत गांव के खेतों पर टिड्डी मंडराती नजर आ रही हैं. इसके अलावा जगह-जगह अधमरी टिड्डियों के ढेर नजर आ रहे हैं. रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को भी चट कर दिया. बता दें कि जीरे की महंगी फसल होने से सबसे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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टिड्डियों का एक नजारा...

सरकारी कीटनाशक नहीं हो रहे कारगर साबित...

खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहा है. टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुंआ कर रहे हैं. इसके अलावा खेतों में म्यूजिक सिस्टम की गूंज सुनाई दे रही है जो कि सामान्यतः जागरण में लगाए जाते हैं. वहीं कईं जगहों पर कनस्तर, थाली, बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आ रहे हैं, जिनकी पीड़ा है कि खेत चट हो रहे हैं कुछ बच जाए तो जीवन चल जाएगा.

जोधपुर में बाड़मेर के रास्ते टिड्डियों का हमला...

टिड्डी दल की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूणी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया है. परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी और टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन इनके संसाधन सीमित हैं.

यह भी पढे़ं: मुख्यमंत्री के 'घर' में अनियमितताओं का खेल, आजतक नहीं हुई 6 चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई

टिड्डी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दें और जो खर्चा उन्होंने टिड्डियों से निपटने में किया है और जो लगातार उनकी फसल खराब हुई है, उसके लिए गिरदावरी करवाई जाए.

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खेतों में लगे स्पीकर...

इन फसलों को हुआ नुकसान...

वहीं इलाके में जीरा, इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार से अधिक बीघा की फसल टिड्डियां चट कर चुकी हैं.

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Body:बाड़मेर के रास्ते भी टिड्डियों का जोधपुर के खेतों की फसल पर हमला -टिड्डियां भागने के लिए किसान खेतों में कर रहे है जतन जोधपुर। जोधपुर जिले में पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डी का हमला हुआ था। अब जिले के बाड़मेर से लगती लूनी तहसील के लगते क्षेत्र में बीती रात से टिड्डी दल की आंख मिचौली चल रही है कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के  लूनी घुस जाती है तो कभी बाड़मेर के गॉंवों में। लूनी के धुंधाड़ा भानवास के साथ बाड़मेर के अजीत गांव के खेतों पर टिड्डी मंडराती नजर आती है। इसके अलावा जगह जगह अधमरी टिड्डियां के ढेर नजर आते है। रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को चट कर दिया।।जीरे की सबसे मंहगी फसल होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नही हो रहा है। टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुंआ कर रहे है। इसके अलावा  खेतों में म्यूजिक सिस्टम की गूंज सुनाई देती है जो कि सामान्यतः जागरण में लगते है। इसके अलावा कनस्तर, थाली, बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आते है। जिनकी पीड़ा है कि खेत चट हो रहे है कुछ बच जाए तो जीवन चल जाएगा। टिड्डी दल की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूनी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया। परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी व टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी तैनात है लेकिन इनके संसाधन सीमित हैं टीवी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दें और जो खर्चा उन्होंने वीडियो से निपटने में किया है और जो लगातार उनकी फसल सेट हुई है उसके लिए गिरदावरी करवाएं इलाके में जीरे इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है एक अनुमान के मुताबिक करीब जिले में 50,000 से अधिक बीघा की फसल टिड्डियां चट कर चुकी। बाईट 1 राजेश कुमार, किसान बाईट 2 श्रवण, किसान बाईट 3 राकेस बाईट 4 हीराराम, किसान बाईट 5 किसान बाईट 6 बाबूलाल किसान बाईट 7 गोपाराम परिहार, sdm लूनी


Conclusion:
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