जयपुर. मालगाड़ी चलाते लोको पायलट की लापरवाही का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि लोको पायलट ने सिग्नल तोड़कर ट्रेन को जयपुर स्टेशन के यार्ड पहुंचा दिया, जिसकी बाद लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को सस्पेंड कर दिया गया. वहीं, रेलवे प्रशासन की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक मालगाड़ी फुलेरा से जयपुर जा रही थी. इस दौरान कनकपुरा से जयपुर के लिए रवाना मालगाड़ी को स्टेशन मास्टर ने सिग्नल नहीं दिया, इसके बावजूद लोको पायलट ने सिग्नल तोड़कर ट्रेन को जयपुर स्टेशन के यार्ड में पहुंचा दिया. इस घटना के बाद ट्रेन के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को सस्पेंड कर दिया गया है. रेलवे प्रशासन की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
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जानकारों की माने तो सिग्नल पासिंग एट डेंजर होने पर रेलवे नियमों के तहत पेनल्टी और चार्ज शीट की कार्रवाई की जाती है. इस नियम के तहत रिमूव फ्रॉम सर्विस का भी प्रावधान है, लेकिन तकनीकी मामलों में लोको पायलट की गलती नहीं होने पर सजा को कम भी कर दिया जाता है. जयपुर में हुए हादसे में लोको पायलट की लापरवाही बताई जा रही है. इस पूरे मामले को लेकर जयपुर मंडल डीआरएम मंजूषा जैन समेत आला अधिकारियों तक जानकारी पहुंची है.
तकनीकी कारणों से पूजा सुपरफास्ट नहीं हो सकी संचालित
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से जम्मूतवी-अजमेर पूजा सुपरफास्ट स्पेशल और नई दिल्ली-अहमदाबाद राजधानी स्पेशल ट्रेन को 3 जनवरी से दिल्ली से इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन इसके बाद रेलवे ने अपना निर्णय बदल दिया. रेलवे ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए राजधानी से इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित करने की बात कही, जबकि पूजा सुपरफास्ट का संचालन तकनीकी कारणों के चलते इलेक्ट्रिक इंजन से बाद में किया जाएगा. बता दें, पूजा सुपरफास्ट जम्मूतवी से दिल्ली तक डीजल इंजन से संचालित होती है.