जयपुर. राजस्थान में गुरुवार को 20 जिलों में जिला प्रमुख और प्रधान चुन लिए गए हैं, लेकिन जिला प्रमुख के हिसाब से चुनाव राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहे हैं. भाजपा के जहां 13 जिला प्रमुख बने हैं, कांग्रेस के केवल 5 जिला प्रमुख बने हैं, तो 3 जिला प्रमुख निर्दलीय जीते हैं. झालावाड़ का परिणाम शुक्रवार को आएगा. वहां भाजपा का प्रमुख बनना तय है. हालांकि पंचायत समिति में कांग्रेस भाजपा के बराबर प्रधान बना कर इज्जत बचाने में कामयाब रही है.
कांग्रेस ने 98 पंचायत समितियों में जीत दर्ज कर भाजपा की 98 पंचायत समितियों के बराबर आ गई है. 23 पंचायत समितियों में निर्दलीय प्रधान बने हैं, तो वहीं दो पंचायत समितियों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के प्रधान बने हैं और एक प्रधान सीपीएम का बना है. इन 21 जिलों में कुल 9 मंत्री भी आते हैं, जिन के 9 जिलों में 9 जिला प्रमुख और 20 पंचायत समिति के प्रधान आते हैं.
सालेह मोहम्मद
जैसलमेर जिला परिषद में पूरा बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस जिला परिषद मेंबर ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे भाजपा का जिला प्रमुख बना.
पंचायत समिति-
जैसलमेर की सांकड़ा पंचायत समिति में किसी को बहुमत नहीं मिला, भाजपा ने निर्दलीयों के समर्थन से प्रधान बनाया.
जैसलमेर की मणियाना पंचायत समिति से किसी को बहुमत नहीं मिला, यहां कांग्रेस ने निर्दलीयों के समर्थन से प्रधान बनाया.
जैसलमेर की नाचना पंचायत समिति में कांग्रेस को बहुमत था और प्रधान भी कांग्रेस का बना.
गोविंद सिंह डोटासरा (शिक्षा मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष)
सीकर जिला परिषद में भाजपा को बहुमत मिला और भाजपा का ही जिला प्रमुख बना है.
पंचायत समिति-
नेछवा पंचायत समिति में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं था, लेकिन निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस का प्रधान बना.
लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति से भाजपा को बहुमत मिला, लेकिन भाजपा के 1 सदस्य की तीसरे बच्चे होने के चलते कांग्रेस शिकायत लेकर चुनाव आयोग में पहुंच गई. जिसके बाद लॉटरी से इस सीट पर फैसला हुआ, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की.
रघु शर्मा (स्वास्थ्य मंत्री)
अजमेर जिला परिषद में भाजपा के पास बहुमत था, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा के बागी को निर्दलीय चुनाव लड़ा कर भाजपा को हरा दिया.
पंचायत समिति
केकड़ी पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत था और प्रधान भी भाजपा का ही बना.
सरवाड़ पंचायत समिति में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत था और प्रधान भी कांग्रेस का बना है.
सांवर पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था और प्रधान भी भाजपा का ही बना है.
अशोक चांदना (खेल मंत्री)
बूंदी जिला परिषद में भाजपा के पास बहुमत था, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा के बागी को निर्दलीय चुनाव लड़ा उसे जीता दिया.
पंचायत समिति
नैनवा पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और प्रधान भी भाजपा का ही बना.
हिंडोली पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत था और प्रधान भी भाजपा का ही बना.
अर्जुन सिंह बामनिया (जनजाति मंत्री)
बांसवाड़ा जिला परिषद में कांग्रेस के पास बहुमत था और जिला प्रमुख भी कांग्रेस का ही बना.
पंचायत समिति
बांसवाड़ा पंचायत समिति से भाजपा को पूर्ण बहुमत था और भाजपा का ही प्रधान बना.
छोटी सरवन पंचायत समिति से कांग्रेस को बहुमत मिला और प्रधान भी कांग्रेस का ही बना.
भंवर सिंह भाटी (उच्च शिक्षा मंत्री)
बीकानेर जिला परिषद में कांग्रेस के पास बहुमत था और जिला प्रमुख भी कांग्रेस का ही बना.
पंचायत समिति
बज्जू पंचायत समिति में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था, लेकिन यहां भाजपा ने कांग्रेस में सेंधमारी करते हुए निर्दलीय प्रधान बनवा दिया.
कोलायत में कांग्रेस का बहुमत था और प्रधान भी कांग्रेस का ही बना.
हरीश चौधरी (राजस्व मंत्री)
बाड़मेर में कांग्रेस और भाजपा के पास बराबर सीटें थी, लेकिन कांग्रेस ने अपना जिला प्रमुख बनाया.
पंचायत समिति
बायतु पंचायत समिति से कांग्रेस को पूर्ण बहुमत था और प्रधान भी कांग्रेस का बना.
गिड़ा पंचायत समिति से कांग्रेस को पूर्ण बहुमत था और प्रधान भी कांग्रेस का बना.
पाटोदी पंचायत समिति में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत था, लेकिन कांग्रेस की क्रॉस वोटिंग से प्रधान भाजपा का बन गया.
उदयलाल आंजना (सहकारिता मंत्री)
चित्तौड़गढ़ जिला परिषद में भाजपा को बहुमत मिला और जिला प्रमुख भी भाजपा का ही बना.
पंचायत समिति
निंबाहेड़ा पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और प्रधान भी भाजपा का बना.
सुखराम बिश्नोई (वन मंत्री)
जालौर में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और प्रधान भी भाजपा का ही बना.
पंचायत समिति
चितलवाना पंचायत समिति में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला और प्रधान भी कांग्रेस का बना.
सांचौर पंचायत समिति में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और यहां प्रधान भी भाजपा का बना.