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सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां बेच सकेगी खाद-बीज, 2000 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां भी बनेगी - जयपुर लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान में ग्राम सेवा सहकारी समितियों को खाद, बीज बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे. साथ ही प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं कृषि के निर्देश पर प्रदेश में 2000 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन किया जाएगा.

जयपुर लेटेस्ट न्यूज, village service cooperative societies
सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव ने की VC
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Published : Sep 6, 2020, 7:31 AM IST

जयपुर. राज्य की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को खाद, बीज और कीटनाशक बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे. समितियों को पात्र बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संबंधित समिति के पात्र कार्मिक को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए 15 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.

सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा और रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने शनिवार को ब्लाॅक लेवल की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. इस वीसी में करीब 4 हजार सहकार कर्मी जुड़े. इन कर्मचारियों में सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, निरीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहित काॅनफैड, सहकारी बैंकों, राजफैड में प्रतिनियुक्त अधिकारी शामिल रहे.

सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव ने की VC

दो हजार नई सहकारी समितियां बनेगी

मीणा ने कहा कि अभी राजस्थान में 6545 ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्यरत हैं. उन्होंने ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक व्यक्तियों और किसानों को सहकारिता के दायरे में लाकर उन्हें लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. शिक्षक दिवस पर सड़कों पर उतरे निजी स्कूलों के शिक्षक और संचालक, 7 दिन का दिया अल्टीमेटम

जिसके तहत कहा कि साल 2022-23 तक 2 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाए. उन्होंने सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष में 1 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य पूरा करें.

समितियों की आय में होगी वृद्धि

मीणा ने कहा कि ब्लाॅक लेवल पर नियुक्त सहकारिता निरीक्षक के कार्य दायित्व एवं लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. जिससे राज्य सरकार के निर्णयों का लाभ ग्रासरूट लेवल के व्यक्ति तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ही अनुदानित बीजों का बेचान किया जायेगा.

यह भी पढ़ें. जयपुरः 'सामाजिक समरसता सम्मेलन-2020' का रविवार को होगा शुभारंभ, किया गया पोस्टर विमोचन

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से ग्राम सेवा सहकारी समितियों की आय में वृद्धि होगी और पात्र किसानों को सरकार के अनुदान का भी लाभ मिलेगा और प्रमाणित बीज की आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी.

दो सौ-दो सौ किसान जोड़े जीएसएस

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता से जोड़ने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति 200 नए सदस्य बनाएगी. जिससे उन्हें ऋण, खाद, बीज एवं कीटनाशक जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सके.

100 जीएसएस पर बनेगा कस्टम हायरिंग सेंटर

सहकारिता के रजिस्ट्रार ने कहा कि 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है. समितियों का चयन कर लिया गया है. राज्य सरकार प्रति समिति 8 लाख रुपए भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कृषि यंत्रों की उपलब्धता सूची भिजवाई जाए.

गोदाम एवं कार्यालय के लिए मिलेगी जमीन

अग्रवाल ने कहा कि जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पास गोदाम और कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है. उन्हें निःशुल्क भूमि आवंटन करवाया जाएगा. उन्होंने जिलेवार भूमि विहीन सहकारी समितियों की सूची तैयार करें. जिला उप रजिस्ट्रार समिति से समन्वय स्थापित कर भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू करें. विभाग के स्तर से भी जिला कलेक्टर को भी लिखा जाएगा.

ऑडिटर की भी होगी नियुक्ति

अग्रवाल ने कहा कि जिन प्रकरणों में विभिन्न प्रकार की जांचे लंबित हैं, उन्हें एक महीने में निस्तारित करें. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन सहकारी समितियों में ऑडिटर नियुक्त नहीं किया है. ऐसी समितियों को चिह्नित कर ऑडिटर नियुक्ति के साथ ही शत-प्रतिशत ऑडिट के लक्ष्य को पूरा करें.

जयपुर. राज्य की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को खाद, बीज और कीटनाशक बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे. समितियों को पात्र बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संबंधित समिति के पात्र कार्मिक को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए 15 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.

सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा और रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने शनिवार को ब्लाॅक लेवल की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. इस वीसी में करीब 4 हजार सहकार कर्मी जुड़े. इन कर्मचारियों में सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, निरीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहित काॅनफैड, सहकारी बैंकों, राजफैड में प्रतिनियुक्त अधिकारी शामिल रहे.

सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव ने की VC

दो हजार नई सहकारी समितियां बनेगी

मीणा ने कहा कि अभी राजस्थान में 6545 ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्यरत हैं. उन्होंने ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक व्यक्तियों और किसानों को सहकारिता के दायरे में लाकर उन्हें लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्देश दिए.

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जिसके तहत कहा कि साल 2022-23 तक 2 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाए. उन्होंने सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष में 1 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य पूरा करें.

समितियों की आय में होगी वृद्धि

मीणा ने कहा कि ब्लाॅक लेवल पर नियुक्त सहकारिता निरीक्षक के कार्य दायित्व एवं लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. जिससे राज्य सरकार के निर्णयों का लाभ ग्रासरूट लेवल के व्यक्ति तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ही अनुदानित बीजों का बेचान किया जायेगा.

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उन्होंने कहा कि इस निर्णय से ग्राम सेवा सहकारी समितियों की आय में वृद्धि होगी और पात्र किसानों को सरकार के अनुदान का भी लाभ मिलेगा और प्रमाणित बीज की आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी.

दो सौ-दो सौ किसान जोड़े जीएसएस

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता से जोड़ने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति 200 नए सदस्य बनाएगी. जिससे उन्हें ऋण, खाद, बीज एवं कीटनाशक जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सके.

100 जीएसएस पर बनेगा कस्टम हायरिंग सेंटर

सहकारिता के रजिस्ट्रार ने कहा कि 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है. समितियों का चयन कर लिया गया है. राज्य सरकार प्रति समिति 8 लाख रुपए भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कृषि यंत्रों की उपलब्धता सूची भिजवाई जाए.

गोदाम एवं कार्यालय के लिए मिलेगी जमीन

अग्रवाल ने कहा कि जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पास गोदाम और कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है. उन्हें निःशुल्क भूमि आवंटन करवाया जाएगा. उन्होंने जिलेवार भूमि विहीन सहकारी समितियों की सूची तैयार करें. जिला उप रजिस्ट्रार समिति से समन्वय स्थापित कर भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू करें. विभाग के स्तर से भी जिला कलेक्टर को भी लिखा जाएगा.

ऑडिटर की भी होगी नियुक्ति

अग्रवाल ने कहा कि जिन प्रकरणों में विभिन्न प्रकार की जांचे लंबित हैं, उन्हें एक महीने में निस्तारित करें. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन सहकारी समितियों में ऑडिटर नियुक्त नहीं किया है. ऐसी समितियों को चिह्नित कर ऑडिटर नियुक्ति के साथ ही शत-प्रतिशत ऑडिट के लक्ष्य को पूरा करें.

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