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ओटीपी नियम से रजिस्ट्री को लेकर वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार, 65 फीसदी कम हुई रजिस्ट्रियां

जयपुर में शुक्रवार को 65 फीसदी की रजिस्ट्री कम हुई. इस संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के बैनर तले वकीलों ने डीआईजी स्टांप प्रथम, डीआईजी स्टांप द्वितीय और अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम को ज्ञापन दिया और नियम में किए गए बदलाव का विरोध जताया.

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Published : Sep 12, 2020, 4:26 AM IST

जयपुर. जिले में शुक्रवार को 65 फीसदी की रजिस्ट्री कम हुई. इस संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के बैनर तले वकीलों ने डीआईजी स्टांप प्रथम, डीआईजी स्टांप द्वितीय और अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम को ज्ञापन दिया और नियम में किए गए बदलाव का विरोध जताया. जिले में वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते शुक्रवार को 211 रजिस्ट्रियों से 2 करोड 70 लाख रुपए की आय हुई जबकि गुरुवार को 596 रजिस्ट्री से चार करोड़ 40 लाख रुपए की आय हुई थी.

अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ियों को रोकने के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किया गया है. वहीं वकीलों का कहना है कि ओटीपी से रजिस्ट्री में समय अधिक लगेगा और लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मुद्रांक और पंजीयन विभाग ने गुरुवार को रजिस्ट्री कराने के नियम में अचानक से बदलाव कर दिया. इस नियम को लेकर वकीलों ने आपत्ति भी जताई.

दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग प्रतिदिन नए-नए नियमों का प्रयोग कर रहा है. इससे आम जनता, वकील समुदाय और रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकार परेशान हो रहे हैं गुरुवार को अचानक रजिस्ट्री कराने वाले के मोबाइल नंबर के साथ ओटीपी का ऑप्शन जोड़ा गया. रजिस्ट्री करवाने वाले के पास ओटीपी आएगा, उसके बाद ही वह कंफर्म करेगा. कंफर्म करने के बाद ही दस्तावेज की फीडिंग का काम कंप्यूटर पर हो सकेगा. इससे आमजन को रजिस्ट्री करवाने में पहले से अधिक समय लगने की संभावना है. इसके कारण आम जनता और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसी के विरोध में वकीलों ने 24 घंटे के लिए रजिस्ट्री के काम को पूरी तरह से रोक दिया और प्रदेश में कहीं भी रजिस्ट्री नहीं हो पाई. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को ज्ञापन दिया गया. इसके अलावा महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के नाम डीआईजी स्टांप प्रथम प्रतिभा पारीक, डीआईजी स्टाम्प द्वि रामअवतार गुर्जर और डीआईजी स्टांप तृतीय राजपाल सिंह को ज्ञापन दिया गया.

एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह ने कहा की सरकार ने दस्तावेजों के पंजीयन को सरल बनाने के लिए आसान तरीके से कार्य करने का निर्णय किया है, लेकिन कुछ पंजीयन विभाग के अधिकारी बिना वजह से संबंधित कार्य में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं इससे आसानी से रजिस्ट्री होने की वजह रजिस्ट्री कराने में देरी हो रही है. इस दौरान एडवोकेट अखिलेश जोशी, मनीष शर्मा, इदरीश खान, रफीक खान, बनवारी लाल कुमावत, विनोद कुमार, भीम सिंह सहित कई वकील मौजूद रहे.

उप पंजीयन कार्यालय रहा सूना

वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते कलेक्ट्रेट स्थित उप पंजीयन कार्यालय पूरी तरह से सूना दिखाई दिया. वहां ना तो कोई पक्षकर दिखाई दिया और ना ही वकील. कार्यालय में केवल कर्मचारी ही अपना रूटीन वर्क करते हुए दिखाई दिए. रजिस्ट्री के अलावा कुछ लोग अन्य कार्य से उप पंजीयन कार्यालय पहुंचे.

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील शर्मा ने कहा कि फिलहाल हमने 24 घंटे के लिए एक कार्य का बहिष्कार किया है. यदि नियम में बदलाव को वापस नही लिया गया तो इसके लिए मीटिंग करके एक रणनीति बनाई जाएगी और एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

जयपुर. जिले में शुक्रवार को 65 फीसदी की रजिस्ट्री कम हुई. इस संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के बैनर तले वकीलों ने डीआईजी स्टांप प्रथम, डीआईजी स्टांप द्वितीय और अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम को ज्ञापन दिया और नियम में किए गए बदलाव का विरोध जताया. जिले में वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते शुक्रवार को 211 रजिस्ट्रियों से 2 करोड 70 लाख रुपए की आय हुई जबकि गुरुवार को 596 रजिस्ट्री से चार करोड़ 40 लाख रुपए की आय हुई थी.

अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ियों को रोकने के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किया गया है. वहीं वकीलों का कहना है कि ओटीपी से रजिस्ट्री में समय अधिक लगेगा और लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मुद्रांक और पंजीयन विभाग ने गुरुवार को रजिस्ट्री कराने के नियम में अचानक से बदलाव कर दिया. इस नियम को लेकर वकीलों ने आपत्ति भी जताई.

दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग प्रतिदिन नए-नए नियमों का प्रयोग कर रहा है. इससे आम जनता, वकील समुदाय और रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकार परेशान हो रहे हैं गुरुवार को अचानक रजिस्ट्री कराने वाले के मोबाइल नंबर के साथ ओटीपी का ऑप्शन जोड़ा गया. रजिस्ट्री करवाने वाले के पास ओटीपी आएगा, उसके बाद ही वह कंफर्म करेगा. कंफर्म करने के बाद ही दस्तावेज की फीडिंग का काम कंप्यूटर पर हो सकेगा. इससे आमजन को रजिस्ट्री करवाने में पहले से अधिक समय लगने की संभावना है. इसके कारण आम जनता और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसी के विरोध में वकीलों ने 24 घंटे के लिए रजिस्ट्री के काम को पूरी तरह से रोक दिया और प्रदेश में कहीं भी रजिस्ट्री नहीं हो पाई. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को ज्ञापन दिया गया. इसके अलावा महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के नाम डीआईजी स्टांप प्रथम प्रतिभा पारीक, डीआईजी स्टाम्प द्वि रामअवतार गुर्जर और डीआईजी स्टांप तृतीय राजपाल सिंह को ज्ञापन दिया गया.

एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह ने कहा की सरकार ने दस्तावेजों के पंजीयन को सरल बनाने के लिए आसान तरीके से कार्य करने का निर्णय किया है, लेकिन कुछ पंजीयन विभाग के अधिकारी बिना वजह से संबंधित कार्य में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं इससे आसानी से रजिस्ट्री होने की वजह रजिस्ट्री कराने में देरी हो रही है. इस दौरान एडवोकेट अखिलेश जोशी, मनीष शर्मा, इदरीश खान, रफीक खान, बनवारी लाल कुमावत, विनोद कुमार, भीम सिंह सहित कई वकील मौजूद रहे.

उप पंजीयन कार्यालय रहा सूना

वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते कलेक्ट्रेट स्थित उप पंजीयन कार्यालय पूरी तरह से सूना दिखाई दिया. वहां ना तो कोई पक्षकर दिखाई दिया और ना ही वकील. कार्यालय में केवल कर्मचारी ही अपना रूटीन वर्क करते हुए दिखाई दिए. रजिस्ट्री के अलावा कुछ लोग अन्य कार्य से उप पंजीयन कार्यालय पहुंचे.

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील शर्मा ने कहा कि फिलहाल हमने 24 घंटे के लिए एक कार्य का बहिष्कार किया है. यदि नियम में बदलाव को वापस नही लिया गया तो इसके लिए मीटिंग करके एक रणनीति बनाई जाएगी और एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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