जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय ने तीन वर्षीय लॉ पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर को छोड़कर अन्य सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने का निर्णय लिया है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते आरयू ने ये फैसला लिया है. इस संबंध में कुलसचिव हरफूल सिंह यादव ने आदेश जारी किए हैं. जिसके अनुसार बीसीआई व आयुक्तालय के पत्रों के आधार अब लॉ कॉलेजों में अपने स्तर पर प्रवेश कार्य किया जाएगा.
दरअसल प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए कुछ दिन पहले उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र भी लिखा था. जिसमें यातायात सेवाओं का संचालन सामान्य नहीं होने, छात्रावास और पीजी बंद होने, यहां तक की सितंबर में अतिवृष्टि होने के अंदेशा जता सड़कों के क्षतिग्रस्त और जल मग्न की स्थिति का हवाला देते हुए, परीक्षाओं को व्यवहारिक नहीं बताया.
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साथ ही उन्होंने प्रदेश में इंटरनेट सेवाओं में नेटवर्क संबंधी परेशानी का हवाला देते हुए ऑनलाइन परीक्षा कराना भी संभव नहीं बताया. बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में प्रमोट करने के आदेश जारी किए थे और तीन वर्षीय लॉ पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर को छोड़कर अन्य सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने का निर्णय लिया गया है.