जयपुर. रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू होते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कुछ नेता आपदा की इस घड़ी में भी भड़काने वाले बयान दे रहे हैं जो ठीक नहीं है.
केंद्र सरकार को भी घेरा
मुख्यमंत्री ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार को भी घेरा और कहा कि केंद्र सरकार से भी अभी तक महज 2750 करोड़ और पंद्रह सौ करोड़ का ही फंड मिला है. यह फंड तो बिना कोरोना के भी हमें मिलता आ रहा था. उन्होंने कहा कि जीएसटी की अवधारणा कांग्रेस की थी. लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे ठीक से लागू नहीं किया और राज्यों को जीएसटी का हिस्सा भी समय पर नहीं मिल पा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना महामारी ने पूरी अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है. ऐसे में केंद्र सरकार कर्ज के लिमिट को बढ़ा है और हमने जो जायज मांगे रखी है, उसे भी पूरा करें. उन्होंने कहा बड़े देश 10 से 12 फ़ीसदी डीजीपी का पैकेज दे रहे हैं. लेकिन हमारे यहां महज 2 फ़ीसदी पैकेज भी नहीं मिलता. ऐसे में राज्यों को केंद्र से बड़ा पैकेट मिलना चाहिए.
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हालांकि इस दौरान अशोक गहलोत ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री सोमवार को होने वाली बैठक में कुछ फैसला ले सकते हैं. जिससे राजस्थान में 10 हजार करोड़ के राजस्व को हुए नुकसान में थोड़ी मदद मिल पाए.
मनरेगा मजदूरों को घर बैठे पैसा दे केंद्र सरकार
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के मजदूरों को केंद्र सरकार घर बैठे ही पैसा दे. उन्होंने कहा कि केंद्र ने उद्योगों से कर्मचारियों को घर बैठे वेतन देने के आदेश दिए हैं. केंद्र उसी तर्ज पर मनरेगा मजदूरों को घर बैठे पैसा दे मुख्यमंत्री ने कहा अभी 2750 करोड़ का कर्ज आरबीआई से लिया है. राजस्थान सरकार ने यह कार्य केंद्र की मंजूरी से लिया है. गहलोत ने कहा कर्ज की भी लिमिट होती है ऐसे में भारत सरकार को बड़ा दिल रख कर राज्यों की मदद करना होगी वरना राज्यों की स्थिति बिगड़ जाएगी.