जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच लॉकडाउन 3.0 जारी है. 18 मई से देशभर में लॉकडाउन 4.0 भी लागू हो जाएगा. लेकिन, अभी भी कई लोग अपने घरों तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहे हैं. गुरुवार को भी कुछ लोगों को उनके गृह जिलों में भेजा गया. लेकिन, इस दौरान से बस स्टैंड पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होती दिखी.
काफी लोगों के राजस्थान से जाने के बावजूद अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासी यहां फंसे हुए हैं. उनको उनके राज्यों में भेजने के लिए लगातार ट्रेन और बसों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन, जहां ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. वहीं, रोडवेज बसों में ये पालना नहीं हो पा रही है. राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सिंधी कैंप बस स्टैंड पर गुरुवार को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने के चलते कुछ श्रमिकों ने आक्रोश जताया. श्रमिकों ने कहा कि बसों में सीट से ज्यादा श्रमिकों को बैठाया भी जा रहा है, जिससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है.
श्रमिक बाबू लाल धाकड़ ने ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा बताई. उन्होंने कहा कि जब हम ट्रेन में आए थे तो एक व्यक्ति को एक सीट दी गई, लेकिन, रोडवेज में 3 व्यक्तियों की सीट पर 3 व्यक्तियों को ही बैठाकर उनके गृह जिलों तक भेजा जा रहा है. इस तरह सोशल डिस्टेंसिंग की बिल्कुल भी पालना नहीं की जा रही है. बाबूलाल ने बताया कि जब रोडवेज प्रशासन से खाना मांगा गया तो उन्होंने खाना भी नहीं दिया और श्रमिकों से कह दिया कि यहां पर तो खाना खत्म हो गया है. साथ ही कहा कि आपको बस में नहीं बैठना तो अपना साधन मंगाकर अपने घर चले जाइए.
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श्रमिक भैरू लाल व्यास ने भी ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा बताई. उन्होंने कहा कि वो सतारा से ट्रेन के माध्यम से जयपुर आए, इस दौरान ट्रेन उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाई गई. लेकिन, जब वो सिंधी कैंप बस स्टैंड पर पहुंचे तो ना ही उनको भोजन की व्यवस्था की गई और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई. इस दौरान जब उन्होंने अधिकारियों से इस बारे में जाकर बात करने की कोशिश की गई तो अधिकारियों ने उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. साथ ही कह दिया कि आप अपने साधन से चले जाइए.
वहीं, लॉकडाउन के वक्त नियमों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 3 सीट वाली बस में 2 ही व्यक्तियों को बैठाना है. वहीं 2 सीट पर 1 ही व्यक्ति को बैठाना है. इस तरह एक बस में 30-35 व्यक्तियों को ही ले जाना है. लेकिन, इन नियमों की पालना नहीं की जा रही है. इससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा और भी बढ़ गया है.