जयपुर. कोरोना काल में श्रमिकों के रोजगार पर किसी तरह का कोई संकट नहीं आने दिया जाएगा. श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि कोरोना कालखंड में 225 श्रमिकों की समस्या पोर्टल पर दर्ज हुई थी, जिसमें से 180 का निस्तारण कर लिया गया है. शेष का निस्तारण भी जल्द कर दिया जाएगा.
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जूली ने कहा कि किसी भी श्रमिक को कोरोना काल में रोजगार से वंचित या फैक्ट्री मालिक की ओर से किसी तरह से परेशान नहीं करने दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, उस आदेश के अनुसार श्रमिकों को हर तरह का लाभ मिले यह गहलोत सरकार की प्राथमिकता में है.
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने मंगलवार को सचिवालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन की पेंडेंसी को सात दिन में निपटाने के निर्देश दिए. जूली ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार बनने के बाद श्रमिक कार्ड की पेंडेंसी को प्राथमिकता के साथ खत्म करने का निर्णय लिया गया.
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पूर्ववर्ती सरकार के समय 7 लाख से ज्यादा श्रमिक कार्ड की पेंडेंसी थी, जिसे हमने पिछले 2 साल में घटा के 25 हजार तक ले आए. उन्होंने कहा कि जो पेंडेंसी बची है वह भी आगामी सात दिनों में खत्म करने के निर्देश दे दिए गए हैं. जूली ने कहा कि मंडल सचिव को निर्देश दिए कि मृत्यु सहायता, सिलिकोसिस सहायता और प्रसूति सहायता जैसी योजनाओं से लंबित आवेदनों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर पूरा हो.
मंत्री ने मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को मर्ज कर श्रम मंत्रालय भारत सरकार की ओर से भेजी मॉडल स्कीम लागू करने की कार्य की समीक्षा कर शीघ्र निस्तारण के भी निर्देश दिए हैं. टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार संवेदनशील है और जन कल्याण कार्यों के लिए हमेशा आमजन के साथ खड़ी रहती है. कोरोना संक्रमण में जिस तरीके से सरकार ने काम किया है वह देश में एक नजीर के रूप में उभरा है.