जयपुर. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने आरक्षण व्यवस्था आर्थिक आधार पर किए जाने की वकालत की. हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और जम्मू कश्मीर राजपरिवार के करण सिंह ने इस पर अपनी असहमति जताई.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने (Kshatriya Mahasabha Meeting) मौजूदा आरक्षण व्यवस्था से अलग आर्थिक आधार पर आरक्षण को समाज की जरूरत बताया. उन्होंने कहा कि जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, चाहे वो किसी भी समाज के हों, उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था से आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने आरक्षण आर्थिक आधार पर ही होने की वकालत करते हुए केंद्र सरकार द्वारा 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन दिए जाने पर मोदी सरकार का आभार जताया. साथ ही इस आरक्षण को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने की मांग की.
मंच पर मौजूद इन दिग्गजों ने जताई इस तरह असहमति : महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षण से जुड़ी अपनी बात रखी, उस दौरान कार्यक्रम में मंच पर ही राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और जम्मू-कश्मीर पूर्व राजपरिवार के करण सिंह भी मौजूद थे. हालांकि, जब शेखावत का संबोधन शुरू हुआ तो उन्होंने संविधान में दी गई मौजूदा आरक्षण व्यवस्था का समर्थन किया और यह भी कहा कि इस व्यवस्था ने देश में सबको समानता का अधिकार देने का प्रयास किया. शेखावत ने कहा कि इस देश में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण समाज को (Union Minister Shekhawat on Reservation) आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का काम केंद्र की मोदी सरकार ने किया, जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं.
क्षत्रिय का धर्म है सभी 36 कौमों के लोगों को साथ में लेकर चलना : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि क्षत्रिय जब हाथ में शस्त्र उठाता है तो माना जाता है कि वो खुद की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज की रक्षा के लिए खड़ा है. राजे ने कहा कि 36 कौमों के लोगों को साथ में लेकर चलने की जरूरत है और यह क्षत्रिय का दायित्व भी है. राजे ने कहा कि केंद्र ने जो 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ों को दिया है, उसे आगे बढ़ाने पर सोचने से पहले जो 10 प्रतिशत का आरक्षण मिल रहा है, उसका उपयोग हो, उस पर ध्यान दे. राजे ने कहा कि हमारी पिछली राज्य सरकार के दौरान हमने एक पूरा खाका आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए तैयार किया था, जिसमें 14 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन तब हमारी सरकार चली गई. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा काम करते हुए 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ों को दे दिया है, जो अपने आप में एक बड़ा काम है.
करण सिंह ने कहा- इससे बढ़ेगा वैमनस्य, कलराज मिश्र ने भी जताई असहमति : कार्यक्रम में शामिल जम्मू-कश्मीर पूर्व राजपरिवार के सदस्य करण सिंह ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस बयान पर असहमति जताई और यह भी कहा कि इससे अन्य समाजों-वर्गों में वैमनस्य बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि संविधान ने जो आरक्षण की जो मौजूदा व्यवस्था दी है वो सभी समाजों को आगे बढ़ाने वाली है. उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर जो पिछड़े हैं उन्हें भी आगे बढ़ाने के लिए और प्रयास होना चाहिए. वहीं, कार्यक्रम में शामिल राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी मौजूदा आरक्षण व्यवस्था का ही समर्थन किया. उन्होंने महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर असहमति जताई. मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने सवर्ण समाज के 10 प्रतिशत (EWS in Rajasthan) आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण दिया है. इसके पीछे मकसद यही है कि समाज में सबको आर्थिक रूप से समानता और आगे बढ़ने की समानता मिले.
इतिहास में अकबर को महान और क्रांतिकारियों को बताया आतंकी, मिश्र व शेखवात ने की ये बात : राज्यपाल कलराज मिश्र और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मानते हैं कि देश और राजपूत समाज का इतिहास में कई जगह गलत वर्णन है या फिर कहें कि इतिहास में कई जगह विकृतियां हैं. राज्यपाल तो यह कहते हैं कि इस गलत वर्णन के चलते क्रांतिकारियों को आतंकी बताया गया. अकबर को महान बताया, लेकिन महाराणा प्रताप के लिए कुछ नहीं लिखा. यही कारण है कि मिश्र और शेखावत ने इतिहास के अपने स्तर पर पुनर्लेखन पर जोर दिया है.