जयपुर. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी और भाद्र कृष्ण नवमी गुरुवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के दिन अष्टमी तिथि उदय कालीन दोपहर तक रहेगी. कृतिका नक्षत्र और वृष राशि में चंद्रमा उच्च का पूरा दिन रहेगा. वहीं जन्माष्टमी पर वृद्धि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगा. मगर इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का अभाव रहेगा और कृतिका नक्षत्र में जन्माष्टमी का पर्व रहेगा. कृतिका नक्षत्र रात 3 बजकर 26 मिनट रहेगा इसी दौरान जन्माष्टमी मनाई जाएगी. आपको बता दें कि जन्माष्टमी के पर्व पर भक्त वैश्वीकरण महामारी के चलते मंदिरों के पट बंद होंगे के कारण घरों में ही लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करेंगे.
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जन्माष्टमी के दिन रात को पूजा करने का समय सही होता है, क्योंकि भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था. ऐसे में 12 अगस्त को रात 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक पूजा अर्चना करेंगे. भगवान कृष्ण के जन्म के समय सूर्य बुधादित्य योग भी बनेगा. इसके बाद 10 अगस्त 2022 में भी जन्मोत्सव के समय रोहिणी का योग नहीं रहेगा. भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ लग्न में जन्म हुआ है. लेकिन इस बार ये पर्व कृतिका नक्षत्र में मनाया जाएगा.