जयपुर. छोटीकाशी में जन्माष्टमी के पर्व पर कृष्ण भक्ति की बयार बह रही है. यहां आराध्य गोविंद देव जी का दरबार सजा है. हालांकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस साल भी भक्त और भगवान के बीच दूरी देखने को मिल रही है. श्रद्धालु ठाकुर जी के साक्षात दर्शन नहीं कर पाएंगे. पुलिस प्रशासन की त्रिस्तरीय व्यवस्था को पार कर कुछ लोग जैसे-तैसे मुख्य द्वार तक तो पहुंचे, लेकिन यहां से उन्हें निराश लौटना पड़ा.
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जन्माष्टमी पर्व का विशेष उत्साह देखने को मिलता है. वहीं, जन्मोत्सव के दौरान जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करने को लोग अपना सौभाग्य समझते हैं. हालांकि इस बार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते भक्तों को ये सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाया. मंदिर में हर बार की तरह मंगला आरती के साथ झांकियां सजाई गई, ठाकुर जी को नवीन पीत वस्त्र धारण कराए गए और श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई.
ऑनलाइन किए जा सकते हैं गोविंद के दर्शन : सुबह 5:00 बजे से 5:15 बजे तक मंगला आरती, 7:45 बजे से 9:00 बजे तक धूप आरती, इसके बाद 9:30 से 10:15 तक शृंगार आरती और 11:00 से 11:30 तक राजभोग झांकी की व्यवस्था की गई. वहीं, शाम को 5:00 से 5:30 तक ग्वाल आरती, 6:00 बजे से 7:00 बजे तक संध्या आरती और रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक शयन आरती के दौरान गोविंद देव जी के ऑनलाइन दर्शन किए जा सकते हैं.
इसके बाद रात 11:00 बजे से 11:15 बजे तक अगले दिन की मंगला आरती होगी और रात 12:00 बजे से 12:30 बजे तक तिथि पूजा और अभिषेक होगा. इसके भी ऑनलाइन दर्शन किए जा सकेंगे. वहीं मंदिर परिसर में रविवार से हरि नाम संकीर्तन शुरू किया गया था. जो जन्माष्टमी के दौरान भी जारी रहा. उधर, गोविंद देव जी मंदिर के दर पर पहुंचे श्रद्धालुओं को यहां से निराश लौटना पड़ा. कुछ ने बैरिकेडिंग को ही भगवान का दर मानते हुए यहीं पूजा अर्चना कर दीपक भी जलाएं.
इस बार भी कोरोना की वजह से श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. जिस पर श्रद्धालुओं का कहना है कि ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए थी कि श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकते. गुजरात के मंदिर भक्तों के लिए खोले गए हैं, लेकिन यहां गोविंद देव जी के द्वार भक्तों के लिए बंद कर दिए गए. वहीं, मंदिर परिसर के बाहर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की त्रिस्तरीय व्यवस्था की.
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इस संबंध में एसीपी सौरभ ने बताया कि कोविड-19 गाइडलाइन और राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. श्रद्धालु भगवान के दर्शन ऑनलाइन कर सकते हैं. मंदिर परिसर के आसपास बैरिकेडिंग लगाकर प्रवेश निषेध के बोर्ड भी लगाए गए हैं. और यहां तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से समझाइश भी की जा रही है. रविवार से शुरू की गई ये व्यवस्था मंगलवार को नंदोत्सव तक जारी रहेगी.
बता दें कि 31 अगस्त को शृंगार आरती के साथ नंदोत्सव मनाया जाएगा और छप्पन भोग की झांकी भी सजाई जाएगी. हालांकि इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी. मंदिर परिसर के अंदर ही ठाकुर जी को चांदी के रथ पर विराजमान कर शोभायात्रा निकलेगी. इन सभी आयोजनों को भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा.