कोटा. कोटा में कोविड-19 के अब गंभीर मामले सामने आने लगे हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में संचालित कोविड-19 सेंटर में जुलाई महीने से कोरोना के मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया जा रहा है. जिन लोगों की हालत गंभीर होती है उन्हें तुरंत यह थेरेपी दी जाती है. अब तक 50 से ज्यादा मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है. इसके अच्छे रिजल्ट मिले हैं. अधिकांश मरीज ठीक भी हो चुके हैं.
93 से कम ऑक्सीजन सैचुरेशन उन्हें दे रहे प्लाज्मा
जिन मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन 93 से कम है, यानि कि ब्लड ऑक्सीजन का स्तर कम होता है. उन्हें ही प्लाज्मा थेरेपी मेडिकल कॉलेज कोटा के नए अस्पताल में दी जा रही है. इससे मरीजों में सांस लेने की तकलीफ के अलावा बुखार और खांसी जैसे लक्षण भी समाप्त हो जाते हैं. वहीं लीवर, फेफड़े और ब्लड ऑक्सीजन में भी सुधार आता है.
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20 लीटर से 6 लीटर पर आ रही ऑक्सीजन
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना के अनुसार जिन मरीजों की ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट 15 से 20 लीटर होती है, उनको कोरोना की पहली थेरेपी मिलते ही यह घटकर 6 से 7 लीटर हो जा रही है. दूसरी बार प्रयोग करते ही मरीजों की ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट खत्म हो जाती है. यहां तक कि कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी दिए जाने के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है.
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जयपुर और उदयपुर को भी दिया प्लाज्मा
कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक में अब तक 42 कोरोना से स्वस्थ हुए लोग प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. इनमें से 62 यूनिट प्लाज्मा मरीजों को दिया जा चुका है. करीब एक दर्जन यूनिट प्लाज्मा मेडिकल कॉलेज के प्लाज्मा बैंक में है. साथ ही कोटा के अलावा जयपुर और उदयपुर को भी प्लाज्मा भेजा गया है. इनमें से छह यूनिट उदयपुर और चार यूनिट जयपुर भेजी गई है.
आगे आएं डोनर्स, गंभीर रोगों के लिए दें प्लाज्मा
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना और ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. एचएल मीणा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद जो मरीज नेगेटिव आए हैं. उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए और आगे आना चाहिए. क्योंकि मरीजों के लिए यह जीवनदायिनी साबित हो रही है.