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जानिए किस कारण राजस्थान में रोकी गई रैपिड किट से जांच ? - Jaipur News

राजस्थान में सबसे पहले रैपिड किट के जरिए कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच की गई थी, जिसमें सामने आया था कि इस किट से कोरोना संक्रमित की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल है. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने रैपिड किट से करवाई जा रही जांच को रोकने का कारण बताया. पढ़िए पूरी खबर...

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, रैपिड टेस्ट किट, covid 19
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता
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Published : Apr 22, 2020, 6:51 PM IST

जयपुर. भारत में फैल रहे कोरोना संक्रमण की मामलों के बाद संक्रमित मरीजों की जांच और जल्द रिपोर्ट को लेकर एक सिस्टम की मांग की जा रही थी. इस बीच भारत सरकार और कई राज्यों की सरकारों ने चीन से आयातित रैपिड किट को कारगर जांच के लिए सही माना था. लेकिन राजस्थान में शुरुआती तौर पर रैपिड किट को इस्तेमाल करने के बाद इसके नतीजों पर सवाल खड़े कर दिए. देश में राजस्थान में सबसे पहले रैपिड किट के जरिए कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच की गई थी.

मुख्य सचिव ने बताया रैपिड टेस्ट किट से जांच रोकने के कारण

राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान रैपिड किट के जरिए करवाई जा रही जांच को रोके जाने का कारण सामने आया. मुख्य सचिव गुप्ता ने ईटीवी भारत को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रैपिड किट को आईसीएमआर और केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन राजस्थान में 159 मरीजों की जांच की गई तो रैपिड किट ने महज 9 मरीजों को ही कोरोना पॉजिटिव बताया था. जबकि पूर्व की प्रमाणिक जांचों में यह सारे मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

पढ़ें- रैपिड किट की विफलता से रुकी कोरोना जांच की रफ्तार, रामगंज के बाद अजमेर नई चुनौतीः मुख्य सचिव

रैपिड किट से कोरोना संक्रमित की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल

ऐसे हालात में इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए थे, जिसके बाद मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई. ये टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रैपिड किट सिर्फ एंटीबॉडी टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इसके जरिए कोरोना संक्रमित मरीज की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल है.

राजस्थान सरकार ने रोक लगाने की मांग की थी

कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट रैपिड किट के जरिए जांच में नेगेटिव आने के बाद राजस्थान की सरकार ने केंद्र और आईसीएमआर को एक पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसके बाद तत्काल रैपिड के टेस्ट को रोक दिया गया.

गौरतलब है कि शुरुआत से पीसीआर किट को ही कोरोना की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि न्यूक्लियर रिस्ट्रिक्शन किट की फिलहाल किल्लत है क्योंकि इसे विदेश से आयात करना पड़ता है और इसके लिए राजस्थान सरकार ने केंद्र से मदद भी मांगी थी, लेकिन केंद्र ने भी हाथ खड़े कर दिए. ऐसे हालात में कोरोना सैंपल की बड़े पैमाने पर जांच संभव नहीं है, फिर भी राजस्थान फिलहाल देश में सबसे ज्यादा कोरोना जांच कर रहा है.

जयपुर. भारत में फैल रहे कोरोना संक्रमण की मामलों के बाद संक्रमित मरीजों की जांच और जल्द रिपोर्ट को लेकर एक सिस्टम की मांग की जा रही थी. इस बीच भारत सरकार और कई राज्यों की सरकारों ने चीन से आयातित रैपिड किट को कारगर जांच के लिए सही माना था. लेकिन राजस्थान में शुरुआती तौर पर रैपिड किट को इस्तेमाल करने के बाद इसके नतीजों पर सवाल खड़े कर दिए. देश में राजस्थान में सबसे पहले रैपिड किट के जरिए कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच की गई थी.

मुख्य सचिव ने बताया रैपिड टेस्ट किट से जांच रोकने के कारण

राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान रैपिड किट के जरिए करवाई जा रही जांच को रोके जाने का कारण सामने आया. मुख्य सचिव गुप्ता ने ईटीवी भारत को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रैपिड किट को आईसीएमआर और केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन राजस्थान में 159 मरीजों की जांच की गई तो रैपिड किट ने महज 9 मरीजों को ही कोरोना पॉजिटिव बताया था. जबकि पूर्व की प्रमाणिक जांचों में यह सारे मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

पढ़ें- रैपिड किट की विफलता से रुकी कोरोना जांच की रफ्तार, रामगंज के बाद अजमेर नई चुनौतीः मुख्य सचिव

रैपिड किट से कोरोना संक्रमित की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल

ऐसे हालात में इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए थे, जिसके बाद मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई. ये टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रैपिड किट सिर्फ एंटीबॉडी टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इसके जरिए कोरोना संक्रमित मरीज की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल है.

राजस्थान सरकार ने रोक लगाने की मांग की थी

कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट रैपिड किट के जरिए जांच में नेगेटिव आने के बाद राजस्थान की सरकार ने केंद्र और आईसीएमआर को एक पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसके बाद तत्काल रैपिड के टेस्ट को रोक दिया गया.

गौरतलब है कि शुरुआत से पीसीआर किट को ही कोरोना की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि न्यूक्लियर रिस्ट्रिक्शन किट की फिलहाल किल्लत है क्योंकि इसे विदेश से आयात करना पड़ता है और इसके लिए राजस्थान सरकार ने केंद्र से मदद भी मांगी थी, लेकिन केंद्र ने भी हाथ खड़े कर दिए. ऐसे हालात में कोरोना सैंपल की बड़े पैमाने पर जांच संभव नहीं है, फिर भी राजस्थान फिलहाल देश में सबसे ज्यादा कोरोना जांच कर रहा है.

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