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जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में किरोड़ी लाल, राज्यसभा में रखेंगे यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल - Uniform Civil Code

देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या (Population) को लेकर इन दिनों सियासी बयानबाजी तेज है. कई राजनेताओं ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) बनाए जाने की वकालत की है. इस कानून के समर्थन में अब राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) भी खुलकर सामने आ गए हैं.

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जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में किरोड़ी लाल
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Published : Jul 15, 2021, 1:30 PM IST

जयपुर. भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में हैं. वहीं, मीणा देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने के पक्ष में हैं और इसके लिए आगामी राज्यसभा सत्र (Rajya Sabha session) के दौरान मीणा इससे जुड़ा बिल भी इंट्रोड्यूस करेंगे.

दरअसल, देश में जिस तरह लगातार आबादी बढ़ रही है, उसे देखते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, विधायक गणेश घोघरा सहित कुछ विधायकों ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाए जाने का समर्थन किया.

क्या कहा किरोड़ी लाल ने...

वहीं, सांसद किरोड़ी लाल मीणा कहते हैं कि जिस तरह जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, उसको नियंत्रण करने की दृष्टि से कानून बनाया जाना जरूरी है. मीणा के अनुसार यह कानून किसी धर्म के खिलाफ भी नहीं है, बल्कि इस प्रकार का कानून बनने पर गरीब और अमीर के बीच की खाई कम होने में सहायता मिलेगी.

एक देश में एक ही कानून लागू हो, उसके लिए मीणा राज्यसभा में रखेंगे यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल- राजस्थान से भाजपा राज्यसभा सांसद (BJP MP) किरोड़ी लाल मीणा आगामी राज्यसभा के मानसून सत्र में एक देश में एक कानून बनाए जाने की मांग भी करेंगे. वहीं, यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक भी इंट्रोड्यूस करेंगे. संभवता आगामी 23 जुलाई को मीणा यह बिल राज्यसभा में रख सकते हैं.

किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार इस देश में किसी को चार शादी करने का अधिकार है तो कोई शादी करके पत्नी को छोड़ सकता है, क्योंकि देश में जो कानून बना है वह धार्मिक और सामाजिक आधार पर अलग-अलग है. लेकिन जब हिंदुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां पर कानून भी एक समान सबके लिए होना चाहिए. किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार संविधान के अनुसार कानून सबके लिए एक समान हो.

पढ़ें : ईटीवी भारत Exclusive : सड़कों पर झाड़ू लगाने से लेकर RAS बनने की कहानी, सुनिए जोधपुर की 'आशा' की जुबानी

इसलिए वह राज्यसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल ला रहे हैं, ताकि उस पर चर्चा हो और कोई निर्णय-उपाय हो. मीणा के अनुसार आदिवासियों में ही पत्नी छोड़कर दूसरी शादी कर लेते हैं और सामाजिक आधार पर उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं होती. लेकिन इससे सामाजिक विद्वेष और टकराव की स्थिति बनती है, जिसे समाप्त करने के लिए एक देश एक कानून होना चाहिए.

जयपुर. भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में हैं. वहीं, मीणा देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने के पक्ष में हैं और इसके लिए आगामी राज्यसभा सत्र (Rajya Sabha session) के दौरान मीणा इससे जुड़ा बिल भी इंट्रोड्यूस करेंगे.

दरअसल, देश में जिस तरह लगातार आबादी बढ़ रही है, उसे देखते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, विधायक गणेश घोघरा सहित कुछ विधायकों ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाए जाने का समर्थन किया.

क्या कहा किरोड़ी लाल ने...

वहीं, सांसद किरोड़ी लाल मीणा कहते हैं कि जिस तरह जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, उसको नियंत्रण करने की दृष्टि से कानून बनाया जाना जरूरी है. मीणा के अनुसार यह कानून किसी धर्म के खिलाफ भी नहीं है, बल्कि इस प्रकार का कानून बनने पर गरीब और अमीर के बीच की खाई कम होने में सहायता मिलेगी.

एक देश में एक ही कानून लागू हो, उसके लिए मीणा राज्यसभा में रखेंगे यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल- राजस्थान से भाजपा राज्यसभा सांसद (BJP MP) किरोड़ी लाल मीणा आगामी राज्यसभा के मानसून सत्र में एक देश में एक कानून बनाए जाने की मांग भी करेंगे. वहीं, यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक भी इंट्रोड्यूस करेंगे. संभवता आगामी 23 जुलाई को मीणा यह बिल राज्यसभा में रख सकते हैं.

किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार इस देश में किसी को चार शादी करने का अधिकार है तो कोई शादी करके पत्नी को छोड़ सकता है, क्योंकि देश में जो कानून बना है वह धार्मिक और सामाजिक आधार पर अलग-अलग है. लेकिन जब हिंदुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां पर कानून भी एक समान सबके लिए होना चाहिए. किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार संविधान के अनुसार कानून सबके लिए एक समान हो.

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इसलिए वह राज्यसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल ला रहे हैं, ताकि उस पर चर्चा हो और कोई निर्णय-उपाय हो. मीणा के अनुसार आदिवासियों में ही पत्नी छोड़कर दूसरी शादी कर लेते हैं और सामाजिक आधार पर उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं होती. लेकिन इससे सामाजिक विद्वेष और टकराव की स्थिति बनती है, जिसे समाप्त करने के लिए एक देश एक कानून होना चाहिए.

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