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पूनिया के एज फार्मूले को किरोड़ी की चुनौती: 70 साल की उम्र में चढ़ गए आमागढ़ की पहाड़ियां, कहा- किले को संरक्षित करे सरकार

सतीश पूनिया के 70 साल की उम्र में रिटायरमेंट के फार्मूले को किरोड़ी लाल मीणा ने 'चुनौती' दी है. 70 साल की उम्र में वह आमागढ़ की पहाड़ियां (kirori lal on Amagarh hill ) पर चढ़ गए और प्रदेश सरकार से इस ऐतिहासिक किले को संरक्षित करने की मांग की और विजय दिवस मनाया. प

kirori lal on Amagarh hill
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Published : Aug 1, 2022, 10:15 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भले ही राजनीति से रिटायरमेंट के लिए 70 साल की उम्र का फार्मूला दिया हो लेकिन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (kirori lal on Amagarh hill ) ने उसे धता बता दिया है. 70 साल की उम्र को पार कर चुके सांसद किरोड़ी सोमवार को बिना रुके न केवल आमागढ़ की दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़े बल्कि भगवान मीन का झंडा भी फहराया. इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने केंद्र और प्रदेश सरकार से इस ऐतिहासिक किले को संरक्षित करने की मांग की.

दरअसल 1 अगस्त को पिछले साल भाजपा के इसी सांसद ने पुलिस प्रशासन और सरकार की चेतावनी के बाद भी देर रात इस दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़कर यहां भगवान मीन का झंडा फहराया था. उसी घटनाक्रम को एक साल पूरा होने पर किरोड़ी मीणा व उनके समर्थकों ने इस दिन को 'विजय दिवस' के रूप में सेलिब्रेट किया. इस दौरान सूरजपोल आदिवासी मीणा सेवा समिति ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अभिनंदन किया.

पूनिया के एज फार्मूले को किरोड़ी की चुनौती

पढ़ें. राजनीति में रिटायरमेंट फार्मूला: देश में पूनिया फार्मूला लागू हो तो पीएम मोदी, वसुंधरा समेत राजस्थान के ये 17 नेता होंगे राजनीति से आउट

मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं पत्र लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
ऐतिहासिक आमागढ़ किले को संरक्षित करने के लिए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मुलाकात कर भी किले को संरक्षित करने की मांग की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मीणा ने कहा कि अब वह प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के समक्ष इस मांग को बुलंद करेंगे. इससे पहले पिछले साल यही आमागढ़ का किला विवादों और सुर्खियों में रहा था. जब यहां लगे भगवा ध्वज को विधायक रामकेश मीणा और उनके समर्थकों ने हटा दिया था तो इसके विरोध में किरोड़ी लाल मीणा ने किले पर चढ़ाई कर भगवान मीन का झंडा लगाया था.

पढ़ें. क्या पूनिया चाहते हैं वसुंधरा का रिटायरमेंट...70 साल के उम्र में राजनीतिक सेवानिवृत्ति की वकालत की...कहा मेरे संगठनात्मक नेतृत्व में हो चुनाव

विजय दिवस तो बहाना, पूनिया को था जलवा दिखाना
दरअसल आमा गढ़ किले पर जो भी घटनाक्रम हुआ था वह 1 साल पुरानी बात थी लेकिन उसे विजय दिवस के रूप में अब सेलिब्रेट करने के पीछे कई सियासी कारण सामने आ रहे हैं. इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया का राजनीति से रिटायरमेंट की उम्र को लेकर दिया बयान सबसे प्रमुख कारण माना जा रहा है. दरअसल पूनिया ने कहा था कि राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष होनी चाहिए और जबकि किरोड़ी लाल मीणा इस उम्र को पार कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अपनी सक्रियता दिखाने के लिए उन्होंने यह आयोजन रखा और ऊंची पहाड़ी पर चढ़कर अपनी शक्ति का एहसास कराया.

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भले ही राजनीति से रिटायरमेंट के लिए 70 साल की उम्र का फार्मूला दिया हो लेकिन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (kirori lal on Amagarh hill ) ने उसे धता बता दिया है. 70 साल की उम्र को पार कर चुके सांसद किरोड़ी सोमवार को बिना रुके न केवल आमागढ़ की दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़े बल्कि भगवान मीन का झंडा भी फहराया. इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने केंद्र और प्रदेश सरकार से इस ऐतिहासिक किले को संरक्षित करने की मांग की.

दरअसल 1 अगस्त को पिछले साल भाजपा के इसी सांसद ने पुलिस प्रशासन और सरकार की चेतावनी के बाद भी देर रात इस दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़कर यहां भगवान मीन का झंडा फहराया था. उसी घटनाक्रम को एक साल पूरा होने पर किरोड़ी मीणा व उनके समर्थकों ने इस दिन को 'विजय दिवस' के रूप में सेलिब्रेट किया. इस दौरान सूरजपोल आदिवासी मीणा सेवा समिति ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अभिनंदन किया.

पूनिया के एज फार्मूले को किरोड़ी की चुनौती

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मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं पत्र लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
ऐतिहासिक आमागढ़ किले को संरक्षित करने के लिए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मुलाकात कर भी किले को संरक्षित करने की मांग की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मीणा ने कहा कि अब वह प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के समक्ष इस मांग को बुलंद करेंगे. इससे पहले पिछले साल यही आमागढ़ का किला विवादों और सुर्खियों में रहा था. जब यहां लगे भगवा ध्वज को विधायक रामकेश मीणा और उनके समर्थकों ने हटा दिया था तो इसके विरोध में किरोड़ी लाल मीणा ने किले पर चढ़ाई कर भगवान मीन का झंडा लगाया था.

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विजय दिवस तो बहाना, पूनिया को था जलवा दिखाना
दरअसल आमा गढ़ किले पर जो भी घटनाक्रम हुआ था वह 1 साल पुरानी बात थी लेकिन उसे विजय दिवस के रूप में अब सेलिब्रेट करने के पीछे कई सियासी कारण सामने आ रहे हैं. इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया का राजनीति से रिटायरमेंट की उम्र को लेकर दिया बयान सबसे प्रमुख कारण माना जा रहा है. दरअसल पूनिया ने कहा था कि राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष होनी चाहिए और जबकि किरोड़ी लाल मीणा इस उम्र को पार कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अपनी सक्रियता दिखाने के लिए उन्होंने यह आयोजन रखा और ऊंची पहाड़ी पर चढ़कर अपनी शक्ति का एहसास कराया.

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