जयपुर. लोकतंत्र में धर्मनिरपेक्षता होना सबसे जरूरी है, लेकिन वर्तमान समय में धर्मनिरपेक्षता को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ये कहना है केरल विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश का. जयपुर में भारतीय युवा संसद में भाग लेने पहुंचे एमबी राजेश ने केरल में कोरोना की परिस्थितियां सामान्य होने की भी बात कही.
पूरा विश्व आज लोकतंत्र दिवस मना रहा है. जयपुर में आयोजित हुई भारतीय युवा संसद में युवाओं से मुखातिब होते हुए केरल के विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब है जनता को उनके अधिकार मिल सकें. संविधान भी सिविल राइट्स, पॉलीटिकल राइट्स, इकोनामिक राइट्स और पर्सनल लिबर्टी की बात कहता है, लेकिन वर्तमान में हम गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र अलग अलग नहीं है. जहां धर्मनिरपेक्षता नहीं है, वहां लोकतंत्र पैदा नहीं हो सकता. वर्तमान समय में धर्मनिरपेक्षता को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में धर्मनिरपेक्षता को मजबूत कर, लोकतंत्र को भी मजबूत करना चाहिए.
केरल में कोरोना मरीजों के आंकड़ों को लेकर एमबी राजेश ने कहा कि केरल में कोरोना की विपरीत परिस्थितियों को कंट्रोल किया गया है. उन्होंने दावा किया कि केरल कोरोना की पहली और दूसरी लहर को संभालने में सफल हुआ है. दूसरे राज्यों की तुलना में कोरोना की दूसरी लहर केरल में देर से आई. इससे बहुत ज्यादा लोग इनफेक्टेड नहीं हुए. यही वजह है कि पूरे देश में केरल की मृत्यु दर सबसे कम है. केरल में स्कूली छात्रों की परीक्षा भी आयोजित की गई, जिसका परिणाम भी हाल ही में जारी किया गया और अब केरल सामान्य परिस्थितियों की ओर बढ़ रहा है.
हालांकि इस दौरान एमबी राजेश किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष किसी भी पार्टी का प्रवक्ता नहीं होता और विधानसभा अध्यक्ष की राजनीतिक प्रश्नों के जवाब पर सीमाएं होती हैं.