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कटारिया ने विधायक निधिकोष को बढ़ाने की मांग उठाई

कटारिया ने सदन में राजस्थान वित्त विधेयक 2020 पर बोलते हुए मुख्यमंत्री से विधेयक निधि कोष की राशि सवा दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की मांग रखी. इसके अलावा केंद्र सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए.

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Published : Mar 13, 2020, 8:33 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 8:47 PM IST

जयपुर की खबर, kataria speaks on mla fund
सदन में बोलते हुए कटारिया

जयपुर. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सदन में राजस्थान वित्त विधेयक 2020 पर बोलते हुए मुख्यमंत्री से विधेयक निधि कोष की राशि सवा दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की मांग रखी.

राजस्थान वित्त विधेयक 2020 पर बोले कटारिया

कटारिया ने कहा कि सभी विधायक ऐसा ही चाहते हैं. इसलिए वो मुख्यमंत्री से इसके लिए आग्रह कर रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री इस संबंध में घोषणा करेंगे. विधेयक पर संबोधन शुरू करने तक मुख्यमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे, जिसपर कटारिया ने नाराजगी जताई.

उन्होंने अपने संबोधन में गहलोत सरकार की कार्यशैली पर भी निशाना साधा. जिसमें कहा कि सरकार बजट के नाम पर केवल अकाउंट स्टेटमेंट और आंकड़ों का खेल कर रही है. जबकि धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ.

पिछले बजट की तुलना में इस बजट में सरकार ने हर मध्य पर घटाने का काम किया है. कटारिया ने कहा कि सरकार अपना घाटा कम करने की दुहाई देती है. लेकिन वास्तविकता में इसके जरिए प्रदेश के विकास की सभी योजनाओं में कटौती कर दी गई.

पालिका के उपचुनाव और पंचायत राज चुनाव ने दिखाया आईना

कटारिया ने ये भी कहा कि बीते 14 माह में राजस्थान की जनता सरकार को अच्छी तरह समझ चुकी है. यही कारण है कि हाल ही में हुए नगरपालिका वार्डों के उपचुनाव में कांग्रेस को केवल 7 में जीत मिली, जबकि 32 वार्डों में भाजपा को जीत मिली.

कटारिया ने प्रदेश सरकार को प्रदेश के विकास की गति बढ़ाने के लिए कुछ अहम सुझाव भी दिए. उसमें कहा कि राजस्थान में खनिज भंडार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन उसका ठीक ढंग से दोहन नहीं हो पा रही.

दुकानदार और व्यापारी भी चाहते हैं कि उनका निर्माण रेगुलर हो जाए और सरकार भी नियमों के तहत उन्हें रेगुलर अपना सरकारी खजाना भर सकती है. इसके लिए नियमों को ध्यान में रखकर कुछ संशोधन किया जाना चाहिए. कटारिया ने कहा कि किदेवस्थान विभाग में भी हमारे पास अरबों खरबों की संपत्ति है. लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां विभाग में अधिकारियों का मन नहीं लगता. आज भी हमारी कई बढ़िया लोकेशन की दुकानें महज 100 रुपए महिला किराए पर चल रही है.

पढ़ें: इन चार ड्रग्स को मिलाकर बनी कोरोनावायरस की दवाई, इलाज के बाद मरीज का रिपोर्ट नेगेटिव

उन्होंने सुझाव दिया कि हमें कानूनी रूप से कोई रास्ता निकाल कर इसमें बढ़ोतरी करने और इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का काम करना चाहिए. ताकि इनका उपयोग धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सके.

जयपुर. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सदन में राजस्थान वित्त विधेयक 2020 पर बोलते हुए मुख्यमंत्री से विधेयक निधि कोष की राशि सवा दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की मांग रखी.

राजस्थान वित्त विधेयक 2020 पर बोले कटारिया

कटारिया ने कहा कि सभी विधायक ऐसा ही चाहते हैं. इसलिए वो मुख्यमंत्री से इसके लिए आग्रह कर रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री इस संबंध में घोषणा करेंगे. विधेयक पर संबोधन शुरू करने तक मुख्यमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे, जिसपर कटारिया ने नाराजगी जताई.

उन्होंने अपने संबोधन में गहलोत सरकार की कार्यशैली पर भी निशाना साधा. जिसमें कहा कि सरकार बजट के नाम पर केवल अकाउंट स्टेटमेंट और आंकड़ों का खेल कर रही है. जबकि धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ.

पिछले बजट की तुलना में इस बजट में सरकार ने हर मध्य पर घटाने का काम किया है. कटारिया ने कहा कि सरकार अपना घाटा कम करने की दुहाई देती है. लेकिन वास्तविकता में इसके जरिए प्रदेश के विकास की सभी योजनाओं में कटौती कर दी गई.

पालिका के उपचुनाव और पंचायत राज चुनाव ने दिखाया आईना

कटारिया ने ये भी कहा कि बीते 14 माह में राजस्थान की जनता सरकार को अच्छी तरह समझ चुकी है. यही कारण है कि हाल ही में हुए नगरपालिका वार्डों के उपचुनाव में कांग्रेस को केवल 7 में जीत मिली, जबकि 32 वार्डों में भाजपा को जीत मिली.

कटारिया ने प्रदेश सरकार को प्रदेश के विकास की गति बढ़ाने के लिए कुछ अहम सुझाव भी दिए. उसमें कहा कि राजस्थान में खनिज भंडार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन उसका ठीक ढंग से दोहन नहीं हो पा रही.

दुकानदार और व्यापारी भी चाहते हैं कि उनका निर्माण रेगुलर हो जाए और सरकार भी नियमों के तहत उन्हें रेगुलर अपना सरकारी खजाना भर सकती है. इसके लिए नियमों को ध्यान में रखकर कुछ संशोधन किया जाना चाहिए. कटारिया ने कहा कि किदेवस्थान विभाग में भी हमारे पास अरबों खरबों की संपत्ति है. लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां विभाग में अधिकारियों का मन नहीं लगता. आज भी हमारी कई बढ़िया लोकेशन की दुकानें महज 100 रुपए महिला किराए पर चल रही है.

पढ़ें: इन चार ड्रग्स को मिलाकर बनी कोरोनावायरस की दवाई, इलाज के बाद मरीज का रिपोर्ट नेगेटिव

उन्होंने सुझाव दिया कि हमें कानूनी रूप से कोई रास्ता निकाल कर इसमें बढ़ोतरी करने और इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का काम करना चाहिए. ताकि इनका उपयोग धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सके.

Last Updated : Mar 13, 2020, 8:47 PM IST
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