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नई शिक्षा नीति में कृषि और कंप्यूटर को स्थान देना समुचित होगा: कलराज मिश्र

नई शिक्षा नीति 2020 की भूमिका को लेकर देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के राज्यपालों से जुड़े. जिसमें राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी शामिल हुए. इस दौरान कलराज मिश्र ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में कृषि और कंप्यूटर को स्थान देना समुचित होगा.

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Published : Sep 7, 2020, 5:09 PM IST

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कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति को लेकर दिए सुझाव

जयपुर. उच्च शिक्षा के बदलाव में नई शिक्षा नीति 2020 की भूमिका पर हुए राज्यपालों के सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शामिल होकर नई शिक्षा नीति में कृषि और कंप्यूटर को स्थान देना का सुझाव दिया है. मिश्र राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सम्मेलन में जुड़े. इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बहु विषयक शिक्षा में विज्ञान तकनीकी इंजीनियरिंग और गणित का समावेश किया गया है. राज्यपाल ने सुझाव दिया इसमें कृषि और कंप्यूटर को स्थान देकर STEAM-C ( साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, मैथ्स, कंप्यूटर) के रूप में परिवर्तन करने से उच्च शिक्षा और रोजगार परक बनेगी.

कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति को लेकर दिए सुझाव

सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि अगर राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन सफल तरीके से कर पाते हैं, तो यह नई शिक्षा प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी और वर्तमान की चुनौतियों को अवसर में बदलकर भविष्य की आशंकाओं की पूर्ति करने में सक्षम हो सकेगी.

राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में सभी स्तरों पर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में योजना बना ली गई है. जल्द ही केंद्र द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. राजभवन स्तर पर भी इस दिशा में एक टास्क फोर्स का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

पढे़ं : शिक्षा विभाग में अटकी हुई भर्तियों को लेकर आज ही होगा फैसला: शिक्षा मंत्री

राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सह पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ-साथ व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक विषयों की अनुमति देने वाली लचीली पद्धति ड्रॉप आउट कम कर सकती है. नीति की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहु अनुशासनात्मक और विद्यालय के स्तर पर छात्रों द्वारा अपनी पसंद के आधार पर विशेष पाना है. इससे सिस्टम के भीतर छात्रों के लिए कई प्रवेश बिंदु और विकास बिंदु खुल गए हैं, जो इस नीति को स्वास्थ्य योग्य बनाते हैं.

मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि जहां एक ओर यह शिक्षा नीति न्यूनतम कक्षा 5 तक मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है, वहीं दूसरी ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से इस के स्तर को भी बरकरार रखना है.

जयपुर. उच्च शिक्षा के बदलाव में नई शिक्षा नीति 2020 की भूमिका पर हुए राज्यपालों के सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शामिल होकर नई शिक्षा नीति में कृषि और कंप्यूटर को स्थान देना का सुझाव दिया है. मिश्र राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सम्मेलन में जुड़े. इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बहु विषयक शिक्षा में विज्ञान तकनीकी इंजीनियरिंग और गणित का समावेश किया गया है. राज्यपाल ने सुझाव दिया इसमें कृषि और कंप्यूटर को स्थान देकर STEAM-C ( साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, मैथ्स, कंप्यूटर) के रूप में परिवर्तन करने से उच्च शिक्षा और रोजगार परक बनेगी.

कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति को लेकर दिए सुझाव

सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि अगर राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन सफल तरीके से कर पाते हैं, तो यह नई शिक्षा प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी और वर्तमान की चुनौतियों को अवसर में बदलकर भविष्य की आशंकाओं की पूर्ति करने में सक्षम हो सकेगी.

राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान में सभी स्तरों पर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में योजना बना ली गई है. जल्द ही केंद्र द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. राजभवन स्तर पर भी इस दिशा में एक टास्क फोर्स का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

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राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सह पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ-साथ व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक विषयों की अनुमति देने वाली लचीली पद्धति ड्रॉप आउट कम कर सकती है. नीति की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहु अनुशासनात्मक और विद्यालय के स्तर पर छात्रों द्वारा अपनी पसंद के आधार पर विशेष पाना है. इससे सिस्टम के भीतर छात्रों के लिए कई प्रवेश बिंदु और विकास बिंदु खुल गए हैं, जो इस नीति को स्वास्थ्य योग्य बनाते हैं.

मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि जहां एक ओर यह शिक्षा नीति न्यूनतम कक्षा 5 तक मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है, वहीं दूसरी ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से इस के स्तर को भी बरकरार रखना है.

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