जयपुर. भाजपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) पर तीखा हमला बोला है. सराफ ने बयान जारी कर कहा है कि शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने पद का दुरुपयोग कर समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ देने के लिए सारे नियम कायदों के विरुद्ध दो दिन पूर्व ही डीपीसी करवाकर नया पद सृजित कर दिया.
उन्होंने कहा कि पहले आरएएस भर्ती परीक्षा में रिश्तेदारों का चयन करवाया और अब समधी को नियम विरुद्ध जाकर पदोन्नति दिलवाकर शिक्षा मंत्री ने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. सराफ ने कहा कि डोटासरा को मालूम है कि उनका मंत्री पद छिनना तय है इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जितना फायदा लेना है ले लो.
प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं का हक छीनकर रिश्तेदारों को आरएएस (RAS) बनवाने के बाद आउट ऑफ द वे जाकर समधी को पदोन्नति दिलवा दी. इन मामलों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उनके वीडियो जिसमें अधिकारियों से कहते नजर आ रहे हैं कि मैं 2-5 दिन का ही हूं जितनी फाइलें पास करवानी है करवा लो, वास्तव में सच साबित हो रहा है. सरकार के मंत्री का ऐसा आचरण अत्यंत ही अशोभनीय है जो सरेआम अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए प्रेरित कर रहा है.
सराफ ने कहा कि डोटासरा ने समधी रमेश चंद्र पूनिया चुरू जिला शिक्षा अधिकारी के पद कार्यरत हैं जो कि सितम्बर 2021 में रिटायर हो रहे हैं. नियमानुसार इस साल प्रमोशन में उनका नम्बर नहीं आ रहा था. डोटासरा ने मंत्री पद का फायदा उठाते हुए नियमों के खिलाफ जाकर दो दिन पूर्व 26 जुलाई को ही डीपीसी करवाकर दो पदों को उप निदेशक पद पर क्रमोन्नत करवा लिया और समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ दिलवा दिया. प्रदेश के शिक्षक संगठनों में भी इस मामले को लेकर रोष है और वे जांच की मांग कर रहे हैं.
सराफ ने मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हस्तक्षेप कर शिक्षा मंत्री डोटासरा को तुरन्त पद मुक्त करने की मांग भी की. सराफ ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के साथ पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की. उन्होंने कहा कि मंत्री पद के दुरुपयोग का ऐसा उदाहरण प्रदेश की जनता ने शायद ही कभी देखा हो.