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डोटासरा पर कालीचरण सराफ का 'प्रहार' कहा- समधी को नियम विरुद्ध प्रमोशन दिलाकर भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाया

डोटासरा के अपने समधी को नियम विरुद्ध डीपीसी कराकर प्रमोशन दिलाने के मामले में भाजपा ने तीखा हमला किया है. पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने डोटासरा फर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

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कालीचरण सराफ ने साधा निशाना
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Published : Jul 28, 2021, 9:37 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:07 PM IST

जयपुर. भाजपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) पर तीखा हमला बोला है. सराफ ने बयान जारी कर कहा है कि शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने पद का दुरुपयोग कर समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ देने के लिए सारे नियम कायदों के विरुद्ध दो दिन पूर्व ही डीपीसी करवाकर नया पद सृजित कर दिया.

उन्होंने कहा कि पहले आरएएस भर्ती परीक्षा में रिश्तेदारों का चयन करवाया और अब समधी को नियम विरुद्ध जाकर पदोन्नति दिलवाकर शिक्षा मंत्री ने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. सराफ ने कहा कि डोटासरा को मालूम है कि उनका मंत्री पद छिनना तय है इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जितना फायदा लेना है ले लो.

पढ़ें- RAS परीक्षा इंटरव्यू मामले में बढ़ी शिक्षा मंत्री की मुश्किलें...डोटासरा, पूनिया, प्रभा और गौरव के खिलाफ इस्तगासा मंजूर

प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं का हक छीनकर रिश्तेदारों को आरएएस (RAS) बनवाने के बाद आउट ऑफ द वे जाकर समधी को पदोन्नति दिलवा दी. इन मामलों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उनके वीडियो जिसमें अधिकारियों से कहते नजर आ रहे हैं कि मैं 2-5 दिन का ही हूं जितनी फाइलें पास करवानी है करवा लो, वास्तव में सच साबित हो रहा है. सरकार के मंत्री का ऐसा आचरण अत्यंत ही अशोभनीय है जो सरेआम अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए प्रेरित कर रहा है.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के समधी प्रथम ग्रेड अधिकारी...क्रीमीलेयर में होने के बावजूद कैसे बना बच्चों का OBC प्रमाण पत्र?

सराफ ने कहा कि डोटासरा ने समधी रमेश चंद्र पूनिया चुरू जिला शिक्षा अधिकारी के पद कार्यरत हैं जो कि सितम्बर 2021 में रिटायर हो रहे हैं. नियमानुसार इस साल प्रमोशन में उनका नम्बर नहीं आ रहा था. डोटासरा ने मंत्री पद का फायदा उठाते हुए नियमों के खिलाफ जाकर दो दिन पूर्व 26 जुलाई को ही डीपीसी करवाकर दो पदों को उप निदेशक पद पर क्रमोन्नत करवा लिया और समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ दिलवा दिया. प्रदेश के शिक्षक संगठनों में भी इस मामले को लेकर रोष है और वे जांच की मांग कर रहे हैं.

सराफ ने मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हस्तक्षेप कर शिक्षा मंत्री डोटासरा को तुरन्त पद मुक्त करने की मांग भी की. सराफ ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के साथ पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की. उन्होंने कहा कि मंत्री पद के दुरुपयोग का ऐसा उदाहरण प्रदेश की जनता ने शायद ही कभी देखा हो.

जयपुर. भाजपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) पर तीखा हमला बोला है. सराफ ने बयान जारी कर कहा है कि शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने पद का दुरुपयोग कर समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ देने के लिए सारे नियम कायदों के विरुद्ध दो दिन पूर्व ही डीपीसी करवाकर नया पद सृजित कर दिया.

उन्होंने कहा कि पहले आरएएस भर्ती परीक्षा में रिश्तेदारों का चयन करवाया और अब समधी को नियम विरुद्ध जाकर पदोन्नति दिलवाकर शिक्षा मंत्री ने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. सराफ ने कहा कि डोटासरा को मालूम है कि उनका मंत्री पद छिनना तय है इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जितना फायदा लेना है ले लो.

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प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं का हक छीनकर रिश्तेदारों को आरएएस (RAS) बनवाने के बाद आउट ऑफ द वे जाकर समधी को पदोन्नति दिलवा दी. इन मामलों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उनके वीडियो जिसमें अधिकारियों से कहते नजर आ रहे हैं कि मैं 2-5 दिन का ही हूं जितनी फाइलें पास करवानी है करवा लो, वास्तव में सच साबित हो रहा है. सरकार के मंत्री का ऐसा आचरण अत्यंत ही अशोभनीय है जो सरेआम अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए प्रेरित कर रहा है.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के समधी प्रथम ग्रेड अधिकारी...क्रीमीलेयर में होने के बावजूद कैसे बना बच्चों का OBC प्रमाण पत्र?

सराफ ने कहा कि डोटासरा ने समधी रमेश चंद्र पूनिया चुरू जिला शिक्षा अधिकारी के पद कार्यरत हैं जो कि सितम्बर 2021 में रिटायर हो रहे हैं. नियमानुसार इस साल प्रमोशन में उनका नम्बर नहीं आ रहा था. डोटासरा ने मंत्री पद का फायदा उठाते हुए नियमों के खिलाफ जाकर दो दिन पूर्व 26 जुलाई को ही डीपीसी करवाकर दो पदों को उप निदेशक पद पर क्रमोन्नत करवा लिया और समधी को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति का लाभ दिलवा दिया. प्रदेश के शिक्षक संगठनों में भी इस मामले को लेकर रोष है और वे जांच की मांग कर रहे हैं.

सराफ ने मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हस्तक्षेप कर शिक्षा मंत्री डोटासरा को तुरन्त पद मुक्त करने की मांग भी की. सराफ ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के साथ पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की. उन्होंने कहा कि मंत्री पद के दुरुपयोग का ऐसा उदाहरण प्रदेश की जनता ने शायद ही कभी देखा हो.

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:07 PM IST
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