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जयपुरिया अस्पताल को Corona मरीजों से मुक्त रखने के लिए कालीचरण ने CM को लिखा पत्र - kalicharan saraf wrote letter to cm gehlot

जयपुर में बढ़ते कोरोना संकट के बीच मालवीय नगर के जयपुरिया अस्पताल को कोविड-19 के लिए डेडीकेटेड किए जाने का विरोध जारी है. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने बीते 7 दिन में तीसरी बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस अस्पताल को कोरोना मरीजों से मुक्त रखने का निवेदन किया है.

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कालीचरण ने सीएम को लिखा पत्र
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Published : Apr 22, 2020, 10:18 AM IST

जयपुर. कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाई है कि कोरोना संक्रमित किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दें, ताकि क्षेत्र के लोग भय मुक्त हो सकें.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि सरकारी अस्पतालों को भी इस संक्रमण से पीड़ित मरीजों के उपचार से अलग कर दिया जाएगा तो फिर निजी अस्पतालों के भरोसे आखिर कितने दिन और कब तक काम चल पाएगा. सरकार की भी यही मजबूरी है, जिसके चलते स्थानीय विरोध और पूर्व चिकित्सा मंत्री के द्वारा बार-बार लगाई जा रही गुहार को भी दरकिनार कर दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः जयपुरिया अस्पताल मामले को लेकर कालीचरण के बाद अर्चना शर्मा ने सीएम को लिखी चिट्ठी

बता दें कि जयपुर में जिस तरह लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में उनसे संपर्क में आए लोगों को भी क्वॉरेंटाइन करना बेहद जरूरी है. मतलब इन लोगों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए अस्पताल भी चाहिए और क्वॉरेंटाइन सेंटर भी. लेकिन जिस इलाके में अस्पताल इस बीमारी के उपचार के लिए डेडीकेटेड किया जा रहा है और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं. वहां के ही स्थानीय लोग उसका विरोध कर रहे हैं और क्षेत्र के लोगों की आवाज बुलंद करने के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को भी आगे आना पड़ रहा है.

जयपुर. कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाई है कि कोरोना संक्रमित किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दें, ताकि क्षेत्र के लोग भय मुक्त हो सकें.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि सरकारी अस्पतालों को भी इस संक्रमण से पीड़ित मरीजों के उपचार से अलग कर दिया जाएगा तो फिर निजी अस्पतालों के भरोसे आखिर कितने दिन और कब तक काम चल पाएगा. सरकार की भी यही मजबूरी है, जिसके चलते स्थानीय विरोध और पूर्व चिकित्सा मंत्री के द्वारा बार-बार लगाई जा रही गुहार को भी दरकिनार कर दिया गया है.

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बता दें कि जयपुर में जिस तरह लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में उनसे संपर्क में आए लोगों को भी क्वॉरेंटाइन करना बेहद जरूरी है. मतलब इन लोगों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए अस्पताल भी चाहिए और क्वॉरेंटाइन सेंटर भी. लेकिन जिस इलाके में अस्पताल इस बीमारी के उपचार के लिए डेडीकेटेड किया जा रहा है और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं. वहां के ही स्थानीय लोग उसका विरोध कर रहे हैं और क्षेत्र के लोगों की आवाज बुलंद करने के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को भी आगे आना पड़ रहा है.

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