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'बेटी बचाओ' मुहिम से जुड़ी प्रदेश की बेटी, 21 डिकॉय ऑपरेशंस में शामिल होकर कन्या भ्रूण हत्यारों को पहुंचाया हवालात

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Published : Jul 23, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 9:09 PM IST

राजस्थान की बेटी ज्योति चौधरी पिछले 8 सालों से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और इस अपराध के बारे में लोगों को जागरूक करने में लगी हैं. ज्योति ने अब तक 21 डिकॉय ऑपरेशन में शामिल होकर कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को हवालात पहुंचाया (21 decoy operation by Jyoti Chaudhary) है. वह 50 ऐसे मामलों में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होकर आरोपियों को उनकी करनी की सजा दिलवा चुकी हैं. ज्योति को इस काम के लिए राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है.

Jyoti Chaudhary working against female foeticide
'बेटी बचाओ' मुहिम से जुड़ी प्रदेश की बेटी, 21 डिकोय ऑपरेशंस में शामिल होकर कन्या भ्रूण हत्यारों को पहुंचाया हवालात

जयपुर. पिछले कुछ समय से कन्या भ्रूण हत्या के मामले काफी सामने आने लगे हैं. लड़के की चाहत में बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है. अब तक राजस्थान में चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी सेल ने 150 से अधिक डिकॉय ऑपरेशन में ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया (150 plus decoy operation in Rajasthan) है, जो कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में लिप्त रहे. प्रदेश की एक बेटी ऐसी भी है जो पिछले 8 सालों से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है. वह अब तक 21 डिकॉय ऑपरेशन में शामिल होकर कन्या भ्रूण हत्या करने वाले लोगों को सजा दिलवा चुकी है.

राजस्थान की ज्योति चौधरी मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद चाहती तो किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर सकती थी, लेकिन वह कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मुहिम में पिता के साथ मिलकर बेटियों को बचाने में जुट (Jyoti Chaudhary working against female foeticide) गई. ज्योति ने अब तक 21 डिकॉय ऑपरेशन में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया है जबकि 50 से अधिक मामलों में पर्दे के पीछे रहकर कन्या भ्रूण हत्यारों को जेल भेजा है. ज्योति का कहना है कि मेरे पिता बेटियों को बचाने की मुहिम में जुड़े हुए थे. ऐसे में मैं भी पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटियों को बचाने की मुहिम में जुट गई. ज्योति का कहना है कि भले ही लोगों में शिक्षा का प्रसार हो गया हो, लेकिन आज भी बेटे और बेटियों में फर्क समझा जाता है.

'बेटी बचाओ' मुहिम से क्यों जुड़ी प्रदेश की बेटी ज्योति चौधरी

पढ़ें: Special: बदल रही सीकर की तस्वीर, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान से सुधरा लिंगानुपात, 848 से 960 पर पहुंचा

प्रभावी कदम जरूरी: ज्योति का कहना है कि सरकार की ओर से पिछले कुछ सालों में कन्या भ्रूण हत्या को लेकर काफी अभियान चलाए गए हैं और पीसीपीएनडीटी एक्ट भी लाया गया है. लेकिन अभी भी इस एक्ट को प्रभावी बनाने की जरूरत है. क्योंकि जब तक ऐसे मामलों में सख्त सजा आरोपियों को नहीं मिलेगी, तब तक अपराधियों में भय नहीं होगा. ज्योति का कहना है कि महिलाओं को अधिक से अधिक इस मुहिम से जुड़ना होगा क्योंकि कई बार घर वालों के दबाव में कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य पाप होते हैं.

पढ़ें: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आत्मनिर्भर बनाओ' का नारा लेकर देश भ्रमण पर निकली नीतू चोपड़ा पहुंची जैसलमेर, प्रशंसा पत्र देकर किया गया सम्मानित

चाइल्ड हेल्थ केयर को लेकर भी काम: ज्योति का कहना है कि कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों के अलावा वे मैटरनल और चाइल्ड हेल्थ केयर को लेकर भी काम कर रही हैं. उनका कहना है कि वह अब तक 2 हजार से अधिक महिलाओं को जागरूक कर चुकी हैं. साथ ही करीब 5 गांव के 750 से अधिक विवाहित जोड़ों को कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध के बारे में जागरूक कर चुकी हैं. अपने इन प्रयासों के चलते ज्योति को राष्ट्रपति से अवार्ड भी मिल चुका है.

जयपुर. पिछले कुछ समय से कन्या भ्रूण हत्या के मामले काफी सामने आने लगे हैं. लड़के की चाहत में बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है. अब तक राजस्थान में चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी सेल ने 150 से अधिक डिकॉय ऑपरेशन में ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया (150 plus decoy operation in Rajasthan) है, जो कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में लिप्त रहे. प्रदेश की एक बेटी ऐसी भी है जो पिछले 8 सालों से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है. वह अब तक 21 डिकॉय ऑपरेशन में शामिल होकर कन्या भ्रूण हत्या करने वाले लोगों को सजा दिलवा चुकी है.

राजस्थान की ज्योति चौधरी मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद चाहती तो किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर सकती थी, लेकिन वह कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मुहिम में पिता के साथ मिलकर बेटियों को बचाने में जुट (Jyoti Chaudhary working against female foeticide) गई. ज्योति ने अब तक 21 डिकॉय ऑपरेशन में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया है जबकि 50 से अधिक मामलों में पर्दे के पीछे रहकर कन्या भ्रूण हत्यारों को जेल भेजा है. ज्योति का कहना है कि मेरे पिता बेटियों को बचाने की मुहिम में जुड़े हुए थे. ऐसे में मैं भी पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटियों को बचाने की मुहिम में जुट गई. ज्योति का कहना है कि भले ही लोगों में शिक्षा का प्रसार हो गया हो, लेकिन आज भी बेटे और बेटियों में फर्क समझा जाता है.

'बेटी बचाओ' मुहिम से क्यों जुड़ी प्रदेश की बेटी ज्योति चौधरी

पढ़ें: Special: बदल रही सीकर की तस्वीर, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान से सुधरा लिंगानुपात, 848 से 960 पर पहुंचा

प्रभावी कदम जरूरी: ज्योति का कहना है कि सरकार की ओर से पिछले कुछ सालों में कन्या भ्रूण हत्या को लेकर काफी अभियान चलाए गए हैं और पीसीपीएनडीटी एक्ट भी लाया गया है. लेकिन अभी भी इस एक्ट को प्रभावी बनाने की जरूरत है. क्योंकि जब तक ऐसे मामलों में सख्त सजा आरोपियों को नहीं मिलेगी, तब तक अपराधियों में भय नहीं होगा. ज्योति का कहना है कि महिलाओं को अधिक से अधिक इस मुहिम से जुड़ना होगा क्योंकि कई बार घर वालों के दबाव में कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य पाप होते हैं.

पढ़ें: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आत्मनिर्भर बनाओ' का नारा लेकर देश भ्रमण पर निकली नीतू चोपड़ा पहुंची जैसलमेर, प्रशंसा पत्र देकर किया गया सम्मानित

चाइल्ड हेल्थ केयर को लेकर भी काम: ज्योति का कहना है कि कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों के अलावा वे मैटरनल और चाइल्ड हेल्थ केयर को लेकर भी काम कर रही हैं. उनका कहना है कि वह अब तक 2 हजार से अधिक महिलाओं को जागरूक कर चुकी हैं. साथ ही करीब 5 गांव के 750 से अधिक विवाहित जोड़ों को कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध के बारे में जागरूक कर चुकी हैं. अपने इन प्रयासों के चलते ज्योति को राष्ट्रपति से अवार्ड भी मिल चुका है.

Last Updated : Jul 23, 2022, 9:09 PM IST
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