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किराए के हेलीकॉप्टर से ही काम चलाएगी सरकार, जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर की खरीद रद्द - helicopter deal cancelled by Gehlot government

प्रदेश की गहलोत सरकार जेट विमान और हेलीकॉप्टर की खरीद अब नहीं करेगी. इसको लेकर तैयार की जा रही डील को रद्द कर दिया गया (multi turbine engine helicopter deal cancelled) है. अब सरकार किराए के हेलीकॉप्टर प्लेन से ही अपना बचा कार्यालय निकालेगी.

Jet plane and multi turbine engine helicopter deal cancelled by Gehlot government
किराए के हेलीकॉप्टर से ही काम चलाएगी सरकार, जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर की खरीद रद्द
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Published : Oct 7, 2022, 4:06 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार जेट विमान और हेलीकॉप्टर की खरीद अब नहीं करेगी. इसको लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव और डील को रद्द कर दिया गया है. समय पर डिलीवरी नहीं होने के चलते सरकार ने इस खरीद को कैंसिल किया है. अब चुनावी साल में सरकार किराए के हेलीकॉप्टर से ही काम चलाएगी. जबकि पहले सरकार 14 सीटर जेट विमान और 10 सीटर हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही (Plan of purchasing Jet plane cancelled) थी.

जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर ही क्यों: दरअसल पिछले 8 साल से किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय किया था. इसके लिए सरकार के मौजूदा अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में हाल ही नीलाम किये थे.

पढ़ें: कर्ज में डूबी गहलोत सरकार खरीदेगी 12 सीटर विमान और 4 सीटर हेलीकॉप्टर, सात साल से किराए के विमान से चल रहा काम

एविएशन विभाग की और तैयार किये गए प्रस्ताव में वीवीआईपी 14 सीटर जेट विमान की खरीद इस लिए की जा रही थी क्योंकि राज्यपाल दौरे के समय सबसे ज्यादा 12-14 सीटर विमान की डिमांड होती है. इसके साथ ही जब भी कोई स्टेट गेस्ट आते हैं, तो उनके लिए भी बड़े विमान की जरूरत होती है. कई बार अचानक जरूरत के वक्त 12-14 सीटर विमान किराए पर भी नहीं मिलता है. इसी तरह से चुनावी मौके को देखते हुए सरकार 8-10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही थी. चुनावी मौसम में कई बार हेलीकॉप्टर किराए पर मिलने में मुश्किल होती है. इसलिए सरकार चाह रही थी कि अपना ही मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीद लिया जाए.

पढ़ें: गहलोत सरकार खरीदेगी नया जेट विमान, मुख्यसचिव की बैठक में लिया गया फैसला

कैंसिल क्यों हुआ प्रस्ताव: दरअसल सरकार चुनाव के मध्यनजर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही थी. इसके लिए करीब 9 कंपनियों ने प्रेजेंटेशन दिया था, लेकिन जिन भी कंपनियों ने प्रजेंटेशन दिया, उन्होंने डिलीवरी के लिए एक से डेढ़ साल का समय मांगा. जबकि सरकार चाह रही थी कि 6 माह के भीतर दोनों की डिलीवरी हो जाए.

सरकार को प्रेजेंटेशन के बाद पूर्व में जेट श्रेणी का विमान फाल्कन पसंद आया था, उसकी कंपनी राफेल बनाने वाली डेशो है. जो 2 साल में डिलीवरी देती. वहीं अगस्ता 169 हेलीकॉप्टर भी एक पसंद मानी जाती रही है, जिसकी डिलीवरी में एक साल का समय चाहिए. सरकार के सामने सवा साल बाद चुनाव है, चुनाव से लगभग 6 महीने पहले आचार संहिता लग जाती है. ऐन मौके पर खरीद होती, तो विपक्ष को हमलावर होने के लिए मुद्दा मिल जाता.

पढ़ें: Rajasthan Agusta Helicopter : 12 बार नीलामी की कोशिश, नहीं मिला खरीदार...अब 17 फरवरी को होगी अगस्ता की नीलामी

खरीद पर उठ रहे थे सवाल: बता दें कि सरकार के जब से जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर की खरीद की बात सामने आई. तब से ही ये सवाल उठ रहे थे कि करीब सवा चार लाख करोड़ रुपए के कर्ज से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन वीवीआइपी जेट विमान खरीद और कर्ज बढ़ा रही है. बताया जा रहा था कि 12-14 सीटर जेट विमान की कीमत लभग 300 से 350 करोड़ थी, जबकि 8-10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर सवा से डेढ़ करोड़ थी.

जयपुर. गहलोत सरकार जेट विमान और हेलीकॉप्टर की खरीद अब नहीं करेगी. इसको लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव और डील को रद्द कर दिया गया है. समय पर डिलीवरी नहीं होने के चलते सरकार ने इस खरीद को कैंसिल किया है. अब चुनावी साल में सरकार किराए के हेलीकॉप्टर से ही काम चलाएगी. जबकि पहले सरकार 14 सीटर जेट विमान और 10 सीटर हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही (Plan of purchasing Jet plane cancelled) थी.

जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर ही क्यों: दरअसल पिछले 8 साल से किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय किया था. इसके लिए सरकार के मौजूदा अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में हाल ही नीलाम किये थे.

पढ़ें: कर्ज में डूबी गहलोत सरकार खरीदेगी 12 सीटर विमान और 4 सीटर हेलीकॉप्टर, सात साल से किराए के विमान से चल रहा काम

एविएशन विभाग की और तैयार किये गए प्रस्ताव में वीवीआईपी 14 सीटर जेट विमान की खरीद इस लिए की जा रही थी क्योंकि राज्यपाल दौरे के समय सबसे ज्यादा 12-14 सीटर विमान की डिमांड होती है. इसके साथ ही जब भी कोई स्टेट गेस्ट आते हैं, तो उनके लिए भी बड़े विमान की जरूरत होती है. कई बार अचानक जरूरत के वक्त 12-14 सीटर विमान किराए पर भी नहीं मिलता है. इसी तरह से चुनावी मौके को देखते हुए सरकार 8-10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही थी. चुनावी मौसम में कई बार हेलीकॉप्टर किराए पर मिलने में मुश्किल होती है. इसलिए सरकार चाह रही थी कि अपना ही मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीद लिया जाए.

पढ़ें: गहलोत सरकार खरीदेगी नया जेट विमान, मुख्यसचिव की बैठक में लिया गया फैसला

कैंसिल क्यों हुआ प्रस्ताव: दरअसल सरकार चुनाव के मध्यनजर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदना चाह रही थी. इसके लिए करीब 9 कंपनियों ने प्रेजेंटेशन दिया था, लेकिन जिन भी कंपनियों ने प्रजेंटेशन दिया, उन्होंने डिलीवरी के लिए एक से डेढ़ साल का समय मांगा. जबकि सरकार चाह रही थी कि 6 माह के भीतर दोनों की डिलीवरी हो जाए.

सरकार को प्रेजेंटेशन के बाद पूर्व में जेट श्रेणी का विमान फाल्कन पसंद आया था, उसकी कंपनी राफेल बनाने वाली डेशो है. जो 2 साल में डिलीवरी देती. वहीं अगस्ता 169 हेलीकॉप्टर भी एक पसंद मानी जाती रही है, जिसकी डिलीवरी में एक साल का समय चाहिए. सरकार के सामने सवा साल बाद चुनाव है, चुनाव से लगभग 6 महीने पहले आचार संहिता लग जाती है. ऐन मौके पर खरीद होती, तो विपक्ष को हमलावर होने के लिए मुद्दा मिल जाता.

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खरीद पर उठ रहे थे सवाल: बता दें कि सरकार के जब से जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर की खरीद की बात सामने आई. तब से ही ये सवाल उठ रहे थे कि करीब सवा चार लाख करोड़ रुपए के कर्ज से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन वीवीआइपी जेट विमान खरीद और कर्ज बढ़ा रही है. बताया जा रहा था कि 12-14 सीटर जेट विमान की कीमत लभग 300 से 350 करोड़ थी, जबकि 8-10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर सवा से डेढ़ करोड़ थी.

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