कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में बीई और बीटेक का एग्जाम शुक्रवार से शुरू हुआ है. कोटा के 4 परीक्षा केंद्रों पर करीब एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे. दो शिफ्ट में आयोजित परीक्षा देकर आए विद्यार्थियों के अनुसार प्रश्न पत्र संतुलित और स्तरीय रहा है. हालांकि छात्रों को इन-ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के कुछ सवालों ने उलझाए रखा.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि फिजिक्स और मैथमेटिक्स के (JEE Main 2022 Paper Analysis) प्रश्न पत्र में परंपरागत सवाल ही पूछे गए. इवनिंग शिफ्ट में फिजिक्स और मैथमेटिक्स के क्वेश्चन पेपर मॉर्निंग शिफ्ट के ज्यादा डिफिकल्ट थे. हालांकि मॉर्निंग शिफ्ट में केमिस्ट्री का प्रश्न पत्र इवनिंग शिफ्ट से डिफिकल्ट था. वहीं वस्तुनिष्ठ के अलावा कॉलम मैचिंग प्रश्न भी पूछे गए.
विद्यार्थियों के अनुसार मैथमेटिक्स पूरी तरह परंपरागत रहा. इसमें कॉम्पलेक्स नंबर, क्वाड्रेटिक इक्वेशन, प्रोग्रेशन से सामान्य प्रश्न पूछे गए. साथ ही अलजेब्रा, कैलकुलस, को-ऑर्डिनेट ज्योमेट्री और वेक्टर-3डी सभी भागों से प्रश्न पूछे गए. जिन विद्यार्थियों ने बीते साल के प्रश्न पत्रों का रेफरेंस लिया था, उन्हें इनसे मदद भी मिली है.
फिजिक्स : मैकेनिक्स, ऑप्टिक्स और इलेक्ट्रोडायनेमिक्स से पूछें गए स्तरीय प्रश्न
जेईई मेन के पेपर में मैकेनिक्स, ऑप्टिक्स तथा इलेक्ट्रोडायनेमिक्स से काफी प्रश्न पूछे गए. जिसमें इलेक्ट्रोडायनेमिक्स में मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ करंट, अल्टरनेटिंग करंट, करंट इलेक्ट्रिसिटी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन से संबंधित स्तरीय प्रश्न पूछे गए. मैकेनिक्स में मोशन अंडर ग्रैविटी, लॉस ऑफ मोशन, वर्क, पावर, एनर्जी और मैकेनिकल वेव्स से ट्रेडिशनल प्रश्न पूछे गए.
इवनिंग शिफ्ट मॉर्निंग की अपेक्षा मॉडर्न फिजिक्स और ऑप्टिक्स से अधिक प्रश्न पूछे गए. मॉडर्न फिजिक्स में सेमीकंडक्टर्स से जेनर डायोड पर और एटॉमिक स्ट्रक्चर से एनर्जी ऑफ रिवाल्विंग इलेक्ट्रॉन पर प्रश्न पूछे गए. वेव ऑप्टिक्स में यंग्स डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट से ट्रेडिशनल सवाल पूछे गए.
केमिस्ट्री: एंटीबायोटिक और इंट्रावेनस इंजेक्टबल ग्लूकोस के सवाल
देव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट्स से बात करने पर उन्होंने बताया कि इन-ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ, पॉलीमर्स, केमिकल-बॉन्डिंग और सरफेस केमिस्ट्री से स्तरीय सवाल पूछे गए. इनमें स्टूडेंट्स उलझे रहे. जबकि ब्रॉडबैंड/नैरोबैंड, स्पेक्ट्रम, एंटीबायोटिक्स, लोन पेअर, इलेक्ट्रॉन्स इन मेलामाइन, इंट्रावेनस इंजेक्टबल ग्लूकोस से संबंधित स्तरीय प्रश्नों ने भी विद्यार्थियों को उलझाया. फिजिकल केमिस्ट्री में सॉलिड स्टेट, इलेक्ट्रो केमेस्ट्री, केमिकल काइनेटिक्स और मोल कंसेप्ट चैप्टर से पूछे गए सवाल भी परंपरागत थे. जबकि ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से संबंधित प्रश्नों के बारे में विद्यार्थी विस्तार से नहीं बता पाए.
ऑटो सेव हो रहे थे उत्तर, स्टूडेंट को हुई परेशानी
निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि जेईई मेन में पहले दिन कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड पेपर में विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा. छात्रों को इंटरफेस चेंज होने से परेशानी हो रही थी. इसके अलावा विद्यार्थी उत्तर सिलेक्ट करके अगले प्रश्न पर जा रहे थे, तो प्रश्नों के उत्तर ऑटो सेव हो रहे थे. अगले प्रश्न का लोगो स्क्रीन में दायीं तरफ आ रहा था. इसके अलावा स्क्रीन में 25 प्रतिशत जगह पैलेट (पैलेटे, जिसमें प्रश्नों के विकल्प होते हैं) कवर कर रहा था. प्रश्नों को जूम इन और जूम आउट करने में भी समय ज्यादा खर्च हो रहा था.
स्टूडेंट्स के फीडबैक और सीसैट पर मिले रिस्पॉन्सेज के आधार पर पेपर का एनालिसिस किया गया है. विद्यार्थियों के अनुसार पहले दिन सुबह की पारी का पेपर मोडरेट रहा. मैथ्स का पेपर आसान तो रहा, लेकिन इसमें विद्यार्थियों का समय ज्यादा खर्च हुआ. फिजिक्स का पेपर मोडरेट रहा. जबकि कैमिस्ट्री का पेपर सबसे ज्यादा आसान रहा. पेपर में कुल एआईआर टाइप प्रश्न भी आए. जिनमें 1 फिजिक्स और दो कैमेस्ट्री से रहे. करीब करीब तीनों सब्जेक्ट्स में सभी टॉपिक्स कवर किए गए थे. शाम की पारी का पेपर सवेरे की तरह ही रहा.