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बारिश की वजह से बिगड़े द्रव्यवती नदी के हालात, JDC ने टाटा कंपनी को दिए निर्देश

करीब 3000 करोड़ की लागत से जिस द्रव्यवती नदी का जीर्णोद्धार किया गया था, उसमें बारिश से कई जगह कटाव, रेलिंग गिरने और कचरा जमा होने की तस्वीरें ईटीवी भारत ने सामने लाया. ये हालात लोगों को द्रव्यवती नदी को नाला कहने पर मजबूर कर रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में अब जेडीसी ने टाटा कंपनी को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Aug 10, 2019, 3:53 PM IST

जयपुर. राजधानी की शान कही जाने वाली द्रव्यवती नदी के बनने के बाद यह पहला मानसून है. बारिश के दौरान जहां कुछ जगहों पर द्रव्यवती नदी का नजारा देखकर लोग खुश हो रहे हैं. वहीं, कुछ जगहों पर कचरे का ढेर, कटाव और रेलिंग गिरने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं. ईटीवी भारत ने द्रव्यवती के इन हालातों को प्रमुखता से दिखाते हुए, जेडीए प्रशासन और द्रव्यवती का काम कर रही टाटा कंपनी पर भी सवाल खड़े किए हैं. जिसका जवाब देते हुए जेडीसी ने बारिश को ही इसका कसूरवार ठहरा दिया.

बारिश की वजह से बिगड़े द्रव्यवती के हालात

जेडीसी ने कहा कि अचानक बारिश आने से एक दो जगह कटाव की स्थिति पैदा हुई है. इस संबंध में उन्होंने टाटा प्रोजेक्ट को बुलाकर स्थिति को सुधारने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रेलिंग गिरने की घटना पर उन्होंने कहा कि जहां रेलिंग गिरी वो हिस्सा कोर्ट में केस होने की वजह अधूरा है. हालांकि, इस संबंध में संबंधित फर्म को बता दिया गया है.

पढ़े- जयपुर में बढ़ती चोरी की घटनाओं पर पुलिस नहीं लगा पा रही अंकुश

वहीं, मानसून के दौरान कचरे से अटी द्रव्यवती को लेकर जेडीसी का मानना है कि कचरे के एक नहीं कई फैक्टर है. उन्होंने जयपुर की जनता और निगम पर दोष मढ़ते हुए कहा कि एक लेवल के बाद नालों का कचरा भी द्रव्यवती में आ रहा है. जिसकी वजह से ये स्थिति बनी है. हालांकि, इसे दुरुस्त करने की जेडीए कोशिश कर रहा है.

पढ़े- मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में किया भारी बारिश का अलर्ट जारी

हालांकि, यहां साफ पानी के लिए एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. जितना भी कचरा युक्त और नालियों का पानी यहां आता है, एसटीपी प्लांट के जरिए साफ कर नदी में डालने की योजना है. लेकिन, इस बारिश में एसटीपी प्लांट भी फेल साबित हुए और जेडीए प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए, आम जनता और निगम को जिम्मेदार ठहरा रहा है.

जयपुर. राजधानी की शान कही जाने वाली द्रव्यवती नदी के बनने के बाद यह पहला मानसून है. बारिश के दौरान जहां कुछ जगहों पर द्रव्यवती नदी का नजारा देखकर लोग खुश हो रहे हैं. वहीं, कुछ जगहों पर कचरे का ढेर, कटाव और रेलिंग गिरने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं. ईटीवी भारत ने द्रव्यवती के इन हालातों को प्रमुखता से दिखाते हुए, जेडीए प्रशासन और द्रव्यवती का काम कर रही टाटा कंपनी पर भी सवाल खड़े किए हैं. जिसका जवाब देते हुए जेडीसी ने बारिश को ही इसका कसूरवार ठहरा दिया.

बारिश की वजह से बिगड़े द्रव्यवती के हालात

जेडीसी ने कहा कि अचानक बारिश आने से एक दो जगह कटाव की स्थिति पैदा हुई है. इस संबंध में उन्होंने टाटा प्रोजेक्ट को बुलाकर स्थिति को सुधारने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रेलिंग गिरने की घटना पर उन्होंने कहा कि जहां रेलिंग गिरी वो हिस्सा कोर्ट में केस होने की वजह अधूरा है. हालांकि, इस संबंध में संबंधित फर्म को बता दिया गया है.

पढ़े- जयपुर में बढ़ती चोरी की घटनाओं पर पुलिस नहीं लगा पा रही अंकुश

वहीं, मानसून के दौरान कचरे से अटी द्रव्यवती को लेकर जेडीसी का मानना है कि कचरे के एक नहीं कई फैक्टर है. उन्होंने जयपुर की जनता और निगम पर दोष मढ़ते हुए कहा कि एक लेवल के बाद नालों का कचरा भी द्रव्यवती में आ रहा है. जिसकी वजह से ये स्थिति बनी है. हालांकि, इसे दुरुस्त करने की जेडीए कोशिश कर रहा है.

पढ़े- मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में किया भारी बारिश का अलर्ट जारी

हालांकि, यहां साफ पानी के लिए एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. जितना भी कचरा युक्त और नालियों का पानी यहां आता है, एसटीपी प्लांट के जरिए साफ कर नदी में डालने की योजना है. लेकिन, इस बारिश में एसटीपी प्लांट भी फेल साबित हुए और जेडीए प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए, आम जनता और निगम को जिम्मेदार ठहरा रहा है.

Intro:जयपुर - करीब 3000 करोड़ रुपए की लागत से जिस द्रव्यवती नदी का जीर्णोद्धार किया गया। उसने बारिश से कई जगह कटाव, रेलिंग गिरने और कचरा जमा होने की तस्वीरें ईटीवी भारत सामने लाया। ये हालात लोगों को द्रव्यवती नदी को नाला कहने पर मजबूर कर रहे हैं। द्रव्यवती के इन हालातों के जिम्मेदार अब बारिश, आम जनता और निगम पर दोष मंड रहे हैं। हालांकि इस संबंध में अब जेडीसी ने टाटा कंपनी को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं।


Body:जयपुर की शान कही जाने वाली द्रव्यवती नदी के बनने के बाद ये पहला मानसून है। बारिश के दौरान जहां कुछ जगहों पर द्रव्यवती नदी का नजारा देखकर लोग खुश हो रहे हैं। वहीं कुछ जगहों पर कचरे का ढेर, कटाव और रेलिंग गिरने जैसी घटनाएं भी सामने आई। ईटीवी भारत ने द्रव्यवती के इन हालातों को प्रमुखता से दिखाते हुए, जेडीए प्रशासन और द्रव्यवती का काम कर रही टाटा कंपनी पर भी सवाल खड़े किए। जिसका जवाब देते हुए जेडीसी ने बारिश को ही इसका कसूरवार ठहरा दिया। जेडीसी ने कहा कि अचानक बारिश आने से एक दो जगह कटाव की स्थिति पैदा हुई है। इस संबंध में उन्होंने टाटा प्रोजेक्ट को बुलाकर स्थिति को सुधारने के निर्देश दिए हैं। वहीं रेलिंग गिरने की घटना पर उन्होंने कहा कि जहां रेलिंग गिरी वो हिस्सा कोर्ट में केस होने की वजह अधूरा है। हालांकि इस संबंध में संबंधित फर्म को बता दिया गया है।
बाईट - टी रविकांत, जेडीसी

वहीं मानसून के दौरान कचरे से अटी द्रव्यवती को लेकर जेडीसी ने कहा कचरे के एक नहीं कई फेक्टर है। उन्होंने जयपुर की जनता और निगम पर दोष मंडते हुए कहा कि एक लेवल के बाद नालों का कचरा भी द्रव्यवती में आ रहा है। जिसकी वजह से ये स्थिति बनी है। हालांकि इसे दुरुस्त करने की जेडीए कोशिश कर रहा है।
बाईट - टी रविकांत, जेडीसी


Conclusion:हालांकि यहां साफ पानी के लिए एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं। जितना भी कचरा युक्त और नालियों का पानी यहां आता है, एसटीपी प्लांट के जरिए साफ कर नदी में डालने की योजना है। लेकिन इस बारिश में एसटीपी प्लांट भी फेल साबित हुए। और जेडीए प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए, आम जनता और निगम को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
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