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सेंट्रल पार्क में स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट की समस्याओं को दूर करेगा जेडीए

जयपुर में जेडीए ने एक एनजीओ के साथ मिलकर सेंट्रल पार्क को आदर्श पार्क बनाने की मुहिम शुरू की. जिसमें आम जनता से सेंट्रल पार्क की समस्याएं भी जानी गईं. इनमें सबसे बड़ी समस्या स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट्स को लेकर सामने आई. जिन्हें व्यवस्थित करने में अब जेडीए जुट गया है.

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सेंट्रल पार्क जयपुर की समस्याएं
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Published : Jan 5, 2020, 3:18 PM IST

जयपुर. पिछले 45 दिन से जयपुर के सेंट्रल पार्क को निखारने की एक मुहिम जेडीए प्रशासन की ओर से शुरू की गई. जिसमें इंफिनिटी एनजीओ ने भी अपनी भागीदारी निभाई. इसके साथ ही पार्क को ना सिर्फ जेडीए का बल्कि अपना पार्क समझकर इसके स्वच्छता और विकास के लिए आम जनता को भी जोड़ा गया. साथ ही आम जनता से समस्याएं भी जानी गईं. लोगों ने जेडीए का ध्यान स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट्स जैसी समस्या की ओर आकर्षित कराया.

सेंट्रल पार्क जयपुर की समस्याएं

जेडीए कंजरवेटर सुनील चेत्री ने कहा है, कि यदि जेडीए पार्क समझकर सेंट्रल पार्क को इस्तेमाल किया जाता है, तो उसमें अपनत्व का भाव कम रहता है. ऐसे में लोगों का पार्क के प्रति नजरिया बदलने और जिम्मेदारी का भाव लाने के लिए एक कैंपेन चलाया गया. जिसमें पार्क की सफाई, दीवारों की सुंदरता बढ़ाने के लिये एक्टिविटीज कराई गई.

ये पढ़ेंः Exclusive : पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ का इंटरव्यू, रघु शर्मा का इस्तीफा मांगा

कंजरवेटर चेत्री ने बताया, कि आम जनता की ओर से बताई गई समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जहां तक लाइट्स की बात है, उनको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं अबतक पार्क में महज 2 टॉयलेट थे, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया जा रहा है. इसके अलावा एक बड़ी समस्या स्ट्रीट डॉग्स की है, जो जेडीए के दूसरे उद्यानों में भी देखने को मिलती है. इसके लिए निगम प्रशासन से चर्चा कर इस समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.

फिलहाल 'ऑन योर पार्क' कैंपेन का समापन हो गया है. लेकिन इसी तर्ज पर यदि शहर को भी अपना समझकर साफ रखने की मुहिम शुरू की जाती है, तो शहर भी निखरेगा और स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में जयपुर की रैंक में भी सुधार आएगा.

जयपुर. पिछले 45 दिन से जयपुर के सेंट्रल पार्क को निखारने की एक मुहिम जेडीए प्रशासन की ओर से शुरू की गई. जिसमें इंफिनिटी एनजीओ ने भी अपनी भागीदारी निभाई. इसके साथ ही पार्क को ना सिर्फ जेडीए का बल्कि अपना पार्क समझकर इसके स्वच्छता और विकास के लिए आम जनता को भी जोड़ा गया. साथ ही आम जनता से समस्याएं भी जानी गईं. लोगों ने जेडीए का ध्यान स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट्स जैसी समस्या की ओर आकर्षित कराया.

सेंट्रल पार्क जयपुर की समस्याएं

जेडीए कंजरवेटर सुनील चेत्री ने कहा है, कि यदि जेडीए पार्क समझकर सेंट्रल पार्क को इस्तेमाल किया जाता है, तो उसमें अपनत्व का भाव कम रहता है. ऐसे में लोगों का पार्क के प्रति नजरिया बदलने और जिम्मेदारी का भाव लाने के लिए एक कैंपेन चलाया गया. जिसमें पार्क की सफाई, दीवारों की सुंदरता बढ़ाने के लिये एक्टिविटीज कराई गई.

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कंजरवेटर चेत्री ने बताया, कि आम जनता की ओर से बताई गई समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. जहां तक लाइट्स की बात है, उनको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं अबतक पार्क में महज 2 टॉयलेट थे, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया जा रहा है. इसके अलावा एक बड़ी समस्या स्ट्रीट डॉग्स की है, जो जेडीए के दूसरे उद्यानों में भी देखने को मिलती है. इसके लिए निगम प्रशासन से चर्चा कर इस समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.

फिलहाल 'ऑन योर पार्क' कैंपेन का समापन हो गया है. लेकिन इसी तर्ज पर यदि शहर को भी अपना समझकर साफ रखने की मुहिम शुरू की जाती है, तो शहर भी निखरेगा और स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में जयपुर की रैंक में भी सुधार आएगा.

Intro:जयपुर - जेडीए ने एक एनजीओ के साथ मिलकर सेंट्रल पार्क को आदर्श पार्क बनाने की मुहिम शुरू की। जिसमें आम जनता से सेंट्रल पार्क की समस्याएं भी जानी गई। इनमें सबसे बड़ी समस्या स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट्स को लेकर सामने आई। जिन्हें व्यवस्थित करने में अब जेडीए जुट गया है


Body:बीते 45 दिन से जयपुर के सेंट्रल पार्क को निखारने की एक मुहिम जेडीए प्रशासन की ओर से शुरू की गई। जिसमें इंफिनिटी एनजीओ ने भी अपनी भागीदारी निभाई। इसके साथ ही पार्क को ना सिर्फ जेडीए का बल्कि अपना पार्क समझकर इसके स्वच्छता और विकास के लिए आम जनता को भी जोड़ा गया। साथ ही आम जनता से समस्याएं भी जानी गई। जिसमें लोगों ने जेडीए का ध्यान स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट्स जैसी समस्या की ओर आकर्षित कराया। जिस पर जेडीए कंजरवेटर सुनील छिद्रि ने कहा कि यदि जेडीए पार्क समझकर सेंट्रल पार्क को इस्तेमाल किया जाता है, तो उसमें अपनत्व का भाव कम रहता है। ऐसे में लोगों का पार्क के प्रति नजरिया बदलने और जिम्मेदारी का भाव लाने के लिए एक कैंपेन चलाया गया। जिसमें पार्क की सफाई दीवारों की सुंदरता बढ़ाने के लिये एक्टिविटीज कराई गई। इस दौरान आम जनता की ओर से बताई गई समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां तक लाइट्स की बात है उनको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं अब तक पार्क में महज 2 टॉयलेट थे, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया जा रहा है। इसके अलावा एक बड़ी समस्या स्ट्रीट डॉग्स की है, जो जेडीए के दूसरे उद्यानों में भी देखने को मिलती है। इसके लिए निगम प्रशासन से चर्चा कर, इस समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।
बाईट - सुनील छिद्रि, कंजरवेटर, जेडीए


Conclusion:फिलहाल ऑन योर पार्क कैंपेन का समापन हो गया है। लेकिन इसी तर्ज पर यदि शहर को भी अपना समझकर साफ रखने की मुहिम शुरू की जाती है, तो शहर भी निखरेगा और स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में जयपुर की रैंक में भी सुधार आएगा।
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